Friday, April 26, 2024
HomeराजनीतिCo-operation: मोदी कैबिनेट के विस्तार से पहले नया मंत्रालय, जानिए किनको मिल सकता है...

Co-operation: मोदी कैबिनेट के विस्तार से पहले नया मंत्रालय, जानिए किनको मिल सकता है मौका; क्या हैं समीकरण

कोरोना काल में प्रदर्शन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा भी की है। मंगलवार को उनकी भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक भी हुई।

कई मीडिया संस्थानों ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया है कि बुधवार (जुलाई 7, 2021) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार होगा, जिसमें कई आने चेहरों को शामिल किया जाएगा। 73 वर्षीय केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ठौर चंद गहलोत को पहले ही कर्नाटक का राज्यपाल नियुक्त किया जा चुका है। वो राज्यसभा में ‘लीडर ऑफ द हाउस’ भी थे। ऐसे में दो रिक्तियाँ हैं, जिसे भरी जानी है।

मंत्रिमंडल विस्तार से पहले सहकारिता (Cooperation) विभाग का गठन किया गया है, जो नया मंत्रालय भी होगा। सरकार ने ‘सहकार से समृद्धि’ लक्ष्य के तहत ऐसा निर्णय लिया है। सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने के लिए अलग प्रशासनिक, कानूनी, नीतिगत ढाँचा उपलब्ध कराया जाएगा। सहकारी मंत्रालय सहकारिता के लिए कारोबार को आसान बनाएगा। सभी राज्यों में सहकारी समितियों का विकास होगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल में ये उनका पहला मंत्रिमंडल विस्तार हो रहा है। कुछ मीडिया सूत्रों का कहना है कि युवा चेहरों को मौका दिया जा सकता है और ये अब तक का सबसे युवा मंत्रिमंडल होगा। साथ ही महिलाओं को बड़ी भूमिका दी जाएगी और प्रशासनिक अनुभव वाले सांसदों को भी खास तरजीह मिलेगी। पिछड़ों को मोदी मंत्रिमंडल में विशेष तवज्जोह मिलेगी। लगभग दो दर्जन OBC मंत्री हो सकते हैं।

साथ ही Ph.D, MBA और पोस्ट ग्रेजुएट डिग्रीधारी सांसदों को भी खुशखबरी मिल सकती है क्योंकि उच्च-शिक्षित लोगों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा। देश के सभी राज्यों एवं प्रदेशों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। अगले साल 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने है और 2024 में लोकसभा चुनाव होगा, ऐसे में भाजपा की नजर इस पर भी होगी। ग्वालियर राजपरिवार के ज्योतिरादित्य सिंधिया, पीलीभीत से सांसद वरुण गाँधी, LJP के पशुपति कुमार पारस, असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल और महाराष्ट्र के पूर्व सीएम नारायण राणे दिल्ली पहुँच चुके हैं।

मंगलवार को दिल्ली पहुँचने से पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया को उज्जैन के प्रसिद्ध महाकाल मंत्री में पूजा करते भी देखा गया। सर्बानंद सोनोवाल का केंद्रीय मंत्री बनना तय माना जा रहा है क्योंकि उन्होंने अच्छे ट्रैक रिकॉर्ड के बावजूद असम की कमान फायरब्रांड नेता हिमत बिस्वा सरमा को दी गई है। पशुपति कुमार पारस को एक कपड़े की दुकान में कुर्ते खरीदते हुए देखा। उन्होंने ‘राज़ को राज़ ही रहने दो’ वाला बयान देकर बिहार का पारा बढ़ा दिया है।

थावरचंद गहलोत का राज्यसभा कार्यकाल 2024 तक था, लेकिन राज्यपाल बनने के कारण उन्हें भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा देना पड़ेगा। इसीलिए, किसी ऐसे व्यक्ति को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है जो किसी भी सदन का हिस्सा न हो। फिर उसे गहलोत की जगह राज्यसभा भेजा जा सकता है। दिनेश त्रिवेदी और जतिन प्रसाद हाल के दिनों में भाजपा में आए ऐसे नेता हैं।

‘अपना दल’ की अनुप्रिया पटेल, पंकज चौधरी, रीता बहुगुणा जोशी, रामशंकर कठेरिया, लल्लन सिंह और राहुल कासवान भी दिल्ली में कैम्प कर रहे हैं। कोरोना काल में प्रदर्शन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा भी की है। मंगलवार को उनकी भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक भी हुई। जदयू और लोजपा को जगह मिल सकती है। जदयू अध्यक्ष RCP सिंह के दिल्ली पहुँचने की संभावना है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई मंत्रियों और चुनावी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक कर के भी चर्चाएँ की हैं। 545 सदस्यीय लोकसभा में अधिकतम 81 मंत्री बनाए जा सकते हैं। वर्तमान सरकार में 53 मंत्री हैं, ऐसे में 28 नए मंत्रियों के लिए जगह खाली है। एक नाम बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार का भी है, जिनका लंबा प्रशासनिक और संगठनात्मक अनुभव है। जिन्हें मंत्री बनाया जाना है, उन्हें पहले ही दिल्ली पहुँचने की सूचना दी जा चुकी है।

कुल मिला कर मंत्रिमंडल विस्तार में इन नामों के शामिल किए जाने की संभावना है – ज्योतिरादित्य सिंधिया, कैलाश विजयवर्गीय, सर्वानंद सोनोवाल, नारायण राणे, प्रीतम मुंडे, मीनाक्षी लेखी, पशुपति कुमार पारस, रामचंद्र प्रसाद सिंह, राजीव सिंह लल्लन, सुशील कुमार मोदी, वरुण गाँधी, अनुप्रिया पटेल, स्वतंत्र देव सिंह, भूपेंद्र यादव और दिनेश त्रिवेदी। इनमें इनमें 4 बिहार से, 3 यूपी से और दो-दो महाराष्ट्र व मध्य प्रदेश से हैं।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

इस्लामी-वामी फिलीस्तीन समर्थकों का आतंक देख US भूला मानवाधिकारों वाला ज्ञान, भारत के समय खूब फैलाया था प्रोपगेंडा: अमेरिका का दोहरा चरित्र बेनकाब

यूएस आज हिंसक प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई कर रहा है, लेकिन यही काम जब भारत ने देश में कानून-व्यवस्था बनाने के लिए करता है तो अमेरिका मानवाधिकारों का ज्ञान देता है।

स्त्री धन पर सिर्फ पत्नी का हक, पति या सुसराल वालों का नहीं: सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी, शख्स से कहा- बीवी को देने पड़ेंगे...

सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में साफ कहा है कि महिला का स्त्रीधन उसकी पूर्ण संपत्ति है. जिसे अपनी मर्जी से खर्च करने का उसे पूरा अधिकार है। इस स्त्री धन में पति कभी भी साझीदार या हिस्सेदार नहीं बन सकता।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe