Friday, March 28, 2025
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गणेश चतुर्थी पर होगा नए संसद भवन का ‘श्रीगणेश’: पुरानी बिल्डिंग में होगी विशेष सत्र की शुरुआत, 19 सितंबर से नई बिल्डिंग में कामकाज

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 मई को नए संसद भवन का शुभारंभ किया था। नए संसद भवन में कामकाज शुरू होने के बाद पुरानी बिल्डिंग को ‘म्यूजियम ऑफ डेमोक्रेसी’ में बदल दिया जाएगा।

संसद का विशेष सत्र 18-22 सितंबर तक होना है। सत्र के एजेंडे को लेकर चल रहे कयासों के बीच संसद भवन को लेकर एक जानकारी सामने आई है। इसके मुताबिक विशेष सत्र की शुरुआत पुराने संसद भवन में होगी। लेकिन इसके बाद 19 सितंबर से सत्र संसद की नई इमारत में होगा। इसी दिन गणेश चतुर्थी भी है।

मीडिया एजेंसी ANI ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि संसद के विशेष सत्र की शुरुआत 18 सितंबर को पुराने भवन में ही होगी। गणेश चतुर्थी के मौके पर 19 सितंबर को संसद की कार्यवाही नए संसद भवन में होगी। ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 मई, 2023 को नए संसद भवन का शुभारंभ किया था। नए संसद भवन में कामकाज शुरू होने के बाद पुरानी बिल्डिंग को ‘म्यूजियम ऑफ डेमोक्रेसी’ में बदल दिया जाएगा।

गौरतलब है कि लगभग 1,200 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित नया संसद भवन सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का हिस्सा है। इसमें संयुक्त केंद्रीय सचिवालय, राजपथ का नवीनीकरण, नया प्रधानमंत्री आवास, प्रधानमंत्री का नया कार्यालय और एक नया उप-राष्ट्रपति एन्क्लेव शामिल है।

भारत का वर्तमान संसद भवन ब्रिटिश वास्तुकार सर एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर द्वारा डिज़ाइन किया गया था। औपनिवेशिक युग के इस भवन को बनाने में छह साल (1921 से 1927) लगे थे। ब्रिटिश काल में काउंसिल हाउस कहलाने वाले इस भवन में इंपीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल स्थित थी।

भारत जब स्वतंत्र हुआ, तब अधिक जगह की जरूरत को देखते हुए सन 1956 में संसद भवन में दो और मंजिल बनाए गए। साल 2006 में भारत की 2,500 वर्षों की समृद्ध लोकतांत्रिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए संसद भवन में संग्रहालय बनाया गया था। अब इसमें 2500 वर्षों की लोकतांत्रिक विरासत के साथ-साथ 5000 वर्षों की सभ्यता को भी प्रदर्शित किया जाएगा।

मार्च 2020 में सरकार ने संसद को बताया था कि पुरानी बिल्डिंग खराब हो रही है। लोकसभा सीटों का नए सिरे से परिसीमन होना है। इसके बाद सीटें भी बढ़ेंगी। ऐसे में सांसदों के बैठने के लिए पुराने संसद भवन में पर्याप्त जगह नहीं होती। इसलिए नए संसद भवन का निर्माण किया गया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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