प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार (5 मार्च) को रोजगार सृजन और आर्थिक विकास को गति देने के लिए कौशल विकास और इनोवेशन में निवेश करने को जरूरी बताया। उन्होंने कहा कि भारत को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में आगे निकलने के लिए AI, चिकित्सा शिक्षा, औद्योगिक प्रशिक्षण और शहरी नियोजन में बड़ा निवेश करना ही होगा।
बजट वेबिनार में बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार ने जितनी प्राथमिकता आधारभूत ढाँचे के विकास और उद्योगों को दी है, उतनी ही प्राथमिकता मानव विकास, अर्थव्यवस्था और नवाचार को भी दी है। उन्होंने कहा कि मानव संसाधन में निवेश का विज़न तीन स्तंंभों पर खड़ा होता है और वह है- शिक्षा, कौशल विकास और चिकित्सा।
उन्होंने कहा कि भारत का वर्तमान शिक्षा प्रणाली बड़े बदलाव के दौर से गुजर रही है। इसके नतीजे आने वाले कुछ वर्षों में दिखने शुरू हो जाएँगे। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) जैसे बड़े कदम, IIT का विस्तार, एजुकेशन सिस्टम में तकनीक का समावेश, AI का उपयोग, पाठ्यपुस्तकों का डिजिटलीकरण जैसे अनेकों प्रयास मिशन मोड में हो रही है।
This year's Union Budget paves the way for a stronger workforce and a growing economy. Addressing a post-budget webinar on boosting job creation. https://t.co/ymjiCeZoVb
— Narendra Modi (@narendramodi) March 5, 2025
प्रधानमंत्री ने कहा कि साल 2014 में केंद्र में भाजपा की सरकार बनने से लेकर अब तक 3 करोड़ से ज्यादा युवाओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। 1,000 से अधिक ITI संस्थानों को अपग्रेड करने और 5 ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ बनाने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि यह सब कुछ इंडस्ट्री की जरूरतों को पूरी करने के लिए ध्यान में रखा जा रहा है।
इस साल की बजट की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इस बार के बजट में 10,000 अतिरिक्त मेडिकल सीटों की घोषणा की गई है। अगले 5 सालों में 75,000 सीटें जोड़ने का टारगेट है। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा लोगों तक पहुँचाना सरकार का लक्ष्य है और इसके लिए सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में टेली-मेडिसिन सुविधा का विस्तार हो रहा है।
पीएम मोदी ने साल 2047 के अपने विजन के बारे में बताते हुए कहा कि साल 2047 तक भारत की शहरी आबादी लगभग 90 करोड़ होने का अनुमान है। इतनी बड़ी आबादी के लिए योजनाबद्ध शहरीकरण की जरूरत है। इसके लिए सरकार ने 1,00,000 करोड़ रुपए का Urban Challenge Fund बनाने की पहल की है। इससे गवर्नेंस, इंफ्रास्ट्रक्चर और फाइनेंशियल सस्टनेबिलिटी पर फोकस किया जाएगा।
प्रधानमंत्री ने भारत में पर्यटन उद्योग में भारी संभावनाओं की ओर भी इंगित किया। उन्होंने कहा कि पर्यटन सेक्टर का देश की जीडीपी में 10 प्रतिशत तक होने की संभावना है। इसे करोड़ों युवाओं को रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि देश भर में 50 जगहों को टूरिज्म पर फोकस करते हुए विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ‘Heal in India’ और ‘Land of the Buddha’ अभियान के माध्यम से दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम वाला देश बन गया है। इसके लिए सरकार ने इस बजट में कई कदम उठाए हैं। उन्होंने बताया कि रिसर्च और इनोवेशन को बढ़ाने के लिए 1,00,000 करोड़ रुपए का फंड पास किया गया है। इससे निवेश बढ़ेगा। IIT और IISc में 10,000 रिसर्च फेलोशिप की व्यवस्था बनाई गई है। इससे रिसर्च को बढ़ावा मिलेगा।
इतना ही नहीं, मोदी ने कहा कि ज्ञान भारतम मिशन के माध्यम से भारत की समृद्ध पांडुलिपियों की विरासत को सहेजने का काम चल रहा है। इस मिशन के माध्यम से एक करोड़ से अधिक पांडुलिपियों को डिजिटल फॉर्म में बदला जाएगा। इसके बाद एक नेशनल डिजिटल रिपॉजिटरी बनाई जाएगी, जिससे दुनिया भर के स्कॉलर्स और रिसर्चर्स भारत के ऐतिहासिक और पारंपरिक ज्ञान को जान सकें।