Tuesday, October 15, 2024
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‘आज हमारे पास 50000 स्टार्टअप्स, 20% तो पिछले 6 महीने में आए’: IIT कानपुर के छात्रों को PM मोदी की सलाह – आराम नहीं, चुनौती चुनें

"पहले अगर सोच काम चलाने की होती थी, तो आज सोच कुछ कर गुजरने की, काम करके नतीजे लाने की है। पहले अगर समस्याओं से पीछा छुड़ाने की कोशिश होती थी, तो आज समस्याओं के समाधान के लिए संकल्प लिए जाते हैं।"

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (28 दिसंबर, 2021) को उत्तर प्रदेश के IIT कानपुर में आयोजित दीक्षांत समारोह को सम्बोधित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने उत्तीर्ण छात्रों से कहा कि आपने जब IIT कानपुर में प्रवेश लिया था और अब जब आप यहाँ से निकल रहे हैं, तब और अब में आप अपने में बहुत बड़ा परिवर्तन महसूस कर रहे होंगे। उन्होंने एहसास दिलाया कि आने से पहले एक अनजाना सा डर होगा और एक अनजाना सा सवाल मन के भीतर रहा होगा।

उन्होंने कहा कि अब वो समय चला गया और अब आपके पास दुनिया में कई चीजों को जानने-समझने का हौसला है, सर्वश्रेष्ठ को पाने की इच्छा है और पूरी दुनिया पर छा जाने का सपना भी। उन्होंने कहा कि कानपुर भारत के उन कुछ चुनिंदा शहरों में से है, जो इतना विविधता भरा है। उन्होंने ध्यान दिलाया कि सत्ती चौरा घाट से लेकर मदारी पासी तक, नाना साहब से लेकर बटुकेश्वर दत्त तक, जब हम इस शहर की सैर करते हैं तो ऐसा लगता है जैसे हम स्वतंत्रता संग्राम के बलिदानों के गौरव की, उस गौरवशाली अतीत की सैर कर रहे हैं।

पीएम मोदी ने याद दिलाया कि 1930 के उस दौर में जो 20-25 साल के नौजवान थे, 1947 तक उनकी यात्रा और 1947 में आजादी की सिद्धि, उनके जीवन का स्वर्णकाल था। उन्होंने छात्रों से कहा कि आज आप भी एक तरह से उस जैसे ही स्वर्णकाल में कदम रख रहे हैं और जैसे ये राष्ट्र के जीवन का अमृतकाल है, वैसे ही ये आपके जीवन का भी अमृतकाल है। पीएम मोदी ने स्पष्ट किया कि ये दौर, ये 21वीं सदी, पूरी तरह तकनीक से संचालित है और इस दशक में भी तकनीक अलग-अलग क्षेत्रों में अपना दबदबा और बढ़ाने वाली है।

उन्होंने कहा कि बिना तकनीक के जीवन अब एक तरह से अधूरा ही होगा और ये जीवन और तकनीक की स्पर्धा का युग है और मुझे विश्वास है कि इसमें आप जरूर आगे निकलेंगे। उन्होंने कहा कि जो सोच और मनोदृष्टि आज आपका है, वही मनोदृष्टि देश का भी है। उन्होंने कहा कि पहले अगर सोच काम चलाने की होती थी, तो आज सोच कुछ कर गुजरने की, काम करके नतीजे लाने की है। पीएम मोदी ने कहा कि पहले अगर समस्याओं से पीछा छुड़ाने की कोशिश होती थी, तो आज समस्याओं के समाधान के लिए संकल्प लिए जाते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा, जब देश की आजादी को 25 साल हुए, तब तक हमें भी अपने पैरों पर खड़ा होने के लिए बहुत कुछ कर लेना चाहिए था। तब से लेकर अब तक बहुत देर हो चुकी है, देश बहुत समय गँवा चुका है। बीच में 2 पीढ़ियाँ चली गईं इसलिए हमें 2 पल भी नहीं गँवाना है। मेरी बातों में आपको अधीरता नजर आ रही होगी लेकिन मैं चाहता हूँ कि आप भी इसी तरह आत्मनिर्भर भारत के लिए अधीर बनें। आत्मनिर्भर भारत, पूर्ण आजादी का मूल स्वरूप ही है, जहाँ हम किसी पर भी निर्भर नहीं रहेंगे। कोडिंग कीजिए, लेकिन लोगों के साथ कनेक्शन भी बनाइए। ‘इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IOT)’ के साथ ‘इमोशन ऑफ थिंग्स’ भी मत भूलिए।”

इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वामी विवेकानंद के उद्धरण ‘Every nation has a message to deliver, a mission to fulfill, a destiny to reach’ की याद दिलाते हुए कहा कि यदि हम आत्मनिर्भर नहीं होंगे, तो हमारा देश अपने लक्ष्य कैसे पूरे करेगा, अपनी लक्ष्य तक कैसे पहुँचेगा? उन्होंने कहा कि आजादी के इस 75वें साल में हमारे पास 75 से अधिक यूनिकॉर्न कंपनीज हैं, 50,000 से अधिक स्टार्ट-अप हैं। इनमें से 10,000 तो केवल पिछले 6 महीनों में आए हैं। आज भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप हब बनकर उभरा है। कितने स्टार्टअप्स तो हमारी IITs के युवाओं ने ही शुरू किए हैं।

उन्होंने कहा, “कौन भारतीय नहीं चाहेगा कि भारत की कंपनियाँ वैश्विक बनें, भारत के उत्पाद वैश्विक बनें। जो IITs को जानता है, यहाँ की प्रतिभा को जानता है, यहाँ के प्रोफेसर्स की मेहनत को जानता है, वो ये विश्वास करता है ये IIT के नौजवान जरूर करेंगे। आज से शुरू हुई यात्रा में आपको सहूलियत के लिए शॉर्टकट भी बहुत लोग बताएँगे, लेकिन मेरी सलाह यही होगी कि आप आराम मत चुनना, चुनौती जरूर चुनना। क्योंकि, आप चाहें या न चाहें, जीवन में चुनौतियाँ आनी ही हैं। जो लोग उनसे भागते हैं वो उनका शिकार बन जाते हैं।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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