भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 75 वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर शनिवार (अगस्त 14, 2021) को सभी अमर सेनानियों को नमन करते हुए उनके बलिदान को याद किया। उन्होंने देश को संबोधित करते हुए बताया कि कैसे स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष से ही देश की आजादी का सपना साकार हुआ। उन्होंने स्वास्थ्यकर्मियों, सुरक्षाकर्मियों से लेकर टोक्यो ओलंपिक में देश का नाम रौशन करने वाले खिलाड़ियों की भी सराहना की।
Watch LIVE: President Kovind addresses the nation on the eve of the 75th Independence Day. https://t.co/aFdgjhwNwJ
— President of India (@rashtrapatibhvn) August 14, 2021
आज देश को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के भाषण की मुख्य बातें इस प्रकार हैं:
- -स्वतंत्रता दिवस के 75 वीं वर्षगाँठ की शुभकामना देते हुए राष्ट्रपति ने बताया कि इसी वर्ष देश अपनी आजादी की 75वीं वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा है।
– उन्होंने संबोधन के दौरान कई पीढ़ियों के ज्ञात और अज्ञात स्वतंत्रता सेनानी, जिनके कारण आजादी का सपना साकार हुआ, उन सबको श्रद्धापूर्वक नमन किया।
– टोक्यो ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन से देश का जो गौरव बढ़ा, उस पर भी राष्ट्रपति ने बात की, और सभी माता-पिता से आग्रह किया कि वे होनहार बेटियों के परिवारों से शिक्षा लें और – अपनी बेटियों को भी आगे बढ़ने के अवसर प्रदान करें।
– राष्ट्रपति ने कोरोना वायरस की दूसरी लहर में स्वास्थ्यकर्मियों के योगदान की सराहना की और देशवासियों से प्रोटोकॉल के अनुरूप वैक्सीन लगवाने का आग्रह किया।
– कृषि क्षेत्र में होती बढ़ौतरी पर खुशी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा- “ईज़ ऑफ डुइंग बिजनेस’ की रैंकिंग में सुधार होता है, तब उसका सकारात्मक प्रभाव देशवासियों की ‘ईज़ ऑफ लिविंग’ पर भी पड़ता है।”
– जम्मू-कश्मीर के नवजागरण पर बात करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, “मैं जम्मू-कश्मीर के निवासियों, विशेषकर युवाओं से इस अवसर का लाभ उठाने और लोकतांत्रिक संस्थाओं के माध्यम से अपनी आकाँक्षाओं को साकार करने के लिए सक्रिय होने का आग्रह करता हूँ। अब जम्मू-कश्मीर में नव-जागरण दिखाई दे रहा है। सरकार ने लोकतंत्र और कानून के शासन में विश्वास रखने वाले सभी पक्षों के साथ परामर्श की प्रक्रिया शुरू कर दी है।”
– राष्ट्रपति ने संसद को लोकतंत्र का मंदिर बताते हुए कहा, “स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगाँठ के अवसर पर इस नए भवन के उदघाटन को विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की विकास यात्रा में एक ऐतिहासिक प्रस्थान बिंदु माना जाएगा। हमारा लोकतंत्र संसदीय प्रणाली पर आधारित है, अतः संसद हमारे लोकतंत्र का मंदिर है। यह सभी देशवासियों के लिए बहुत गर्व की बात है कि हमारे लोकतंत्र का यह मंदिर निकट भविष्य में ही एक नए भवन में स्थापित होने जा रहा है।”
– इस दौरान राष्ट्रपति ने भारत के अभियानों पर बात की और गगनयान मिशन को विशेष अभियान बताया। पेरिस जलवायु समझौते और जलवायु की रक्षा के लिए तय की गई प्रतिबद्धता से भी अधिक भारत के प्रयासों की सराहना हुई।
– देश को दिए अपने संदेश में राष्ट्रपति ने कहा, “ ‘मेरा हर काम, देश के नाम’ यह आदर्श-वाक्य हम सभी देशवासियों को मंत्र के रूप में आत्मसात कर लेना चाहिए तथा राष्ट्र के विकास के लिए पूरी निष्ठा व समर्पण से कार्य करना चाहिए।”
– उन्होंने भारतीय सशस्त्र बलों के वीर जवानों की विशेष सराहना करते हुए कहा कि इनके कारण ही देश की स्वतंत्रता की रक्षा हो रही है और इन्हीं लोगों ने आवश्यकता पड़ने पर सहर्ष बलिदान भी दिया है।
– सभी प्रवासी भारतीयों की भी प्रशंसा करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, “उन्होंने जिस देश में भी घर बसाया है, वहाँ अपनी मातृभूमि की छवि को उज्ज्वल बनाए रखा है।”