Tuesday, November 5, 2024
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प्रियंका गाँधी ने खूब मेहनत की, हार के लिए कार्यकर्ता ज़िम्मेदार: राज बब्बर

राज बब्बर ने कहा कि राहुल गाँधी के मन में एक पीड़ा है, जो साफ़ नज़र आ रही है। उन्होंने अमेठीवासियों के मन में भी पीड़ा होने का दावा किया। बब्बर ने कहा कि राहुल भले ही वायनाड से सांसद बन गए हों, लेकिन...

उत्तर प्रदेश कॉन्ग्रेस कमिटी के अध्यक्ष राज बब्बर ने पार्टी महासचिव प्रियंका गाँधी के बचाव किया है। राज बब्बर ने कहा कि हार के लिए प्रियंका नहीं बल्कि कार्यकर्ता और स्थानीय नेतागण ज़िम्मेदार हैं। राहुल और प्रियंका की तारीफ करते हुए राज बब्बर ने कहा कि उन दोनों ने ख़ूब मेहनत की। प्रियंका गाँधी को लोकसभा चुनाव से ऐन पहले पूर्वी उत्तर प्रदेश में पार्टी का प्रभारी बना कर भेजा गया था। इसके बाद मीडिया के हलकों में यह चर्चा थी कि प्रियंका संगठन में नई जान फूँकेंगी और राज्य में कॉन्ग्रेस का जीर्णोद्धार होगा, लेकिन चुनाव परिणाम आने के बाद पार्टी का प्रदर्शन बदतर रहा।

यहाँ तक कि ख़ुद कॉन्ग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गाँधी अपने परिवार की पारंपरिक सीट अमेठी से हार गए। प्रियंका गाँधी द्वारा धुआँधार प्रचार करने का पार्टी को कोई फायदा नहीं मिला और भाजपा ने बड़ी बढ़त बनाई। पूर्व सांसद राज बब्बर ने प्रियंका का बचाव करते हुए कहा:

“प्रियंका गाँधी ने अपना काम किया। लेकिन, पार्टी कार्यकर्ताओं, स्थानीय नेताओं, प्रत्याशियों और संगठन उनसे चुनावी लाभ नहीं ले सके। राहुल जी ने इस चुनाव के बहुत कड़ी मेहनत की और प्रियंका जी ने भी उसी दमखम के साथ उनसे ताल मिलाई। हम लोग (पार्टी कार्यकर्ता, स्थानीय नेता और उम्मीदवार) ख़ुद को साबित करने में नाकाम रहे। अमेठी को उन्होंने कभी भी अपना संसदीय क्षेत्र नहीं माना बल्कि परिवार माना। अब, घरवालों (अमेठी की जनता) ने इस तरह का निर्णय दे दिया है।”

राज बब्बर ने ख़ुद फतेहपुर सिकरी से चुनाव लड़ा था, जहाँ उन्हें बुरी हार का सामना करना पड़ा। भाजपा के राजकुमार चाहर ने उन्हें लगभग 5 लाख मतों के भारी अंतर से बुरी तरह मात दिया। चाहर को कुल मतों का 64% प्राप्त हुआ जबकि बब्बर को सिर्फ़ 16% से संतोष करना पड़ा। राज बब्बर ने कहा कि राहुल गाँधी के मन में एक पीड़ा है, जो साफ़ नज़र आ रही है। उन्होंने अमेठीवासियों के मन में भी पीड़ा होने का दावा किया। बब्बर ने कहा कि राहुल भले ही वायनाड से सांसद बन गए हों, लेकिन उनके मन में कहीं न कहीं एक टीस ज़रूर है।

उत्तर प्रदेश में इस बार कॉन्ग्रेस का प्रदर्शन पिछले चुनाव के मुक़ाबले भी बहुत बुरा रहा। हालाँकि, कॉन्ग्रेस की पूरे देश में जितनी सीटें आई हैं, उससे ज्यादा भाजपा को अकेले यूपी से मिल गई। यूपी में वोटरों ने जातीय अंकगणित के आधार पर बने महागठबंधन को भी नकार दिया और चुनाव परिणाम के बाद अब सपा-बसपा की राहें भी जुदा हो गई हैं। राज बब्बर ने हार की ज़िम्मेदारी लेते हुए प्रदेश अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा भी सौंपा था। हालाँकि, कई राज्यों में कॉन्ग्रेस के पदाधिकारियों ने अपना इस्तीफा सौंपा था।

राज बब्बर ने कहा कि जीते हुए 52 कॉन्ग्रेस सांसदों से बातचीत कर यह जानना पड़ेगा कि उनकी रणनीति क्या रही। उन्होंने कहा कि मौका मिलने पर वे इस काम को करेंगे। राज बब्बर ने कहा कि इस हार के मंथन के लिए ऊपर से नीचे तक, सभी को बैठ कर विचार करना पड़ेगा। बब्बर ने कहा कि किसी को दोष देने के बजाए अपनी हार को स्वीकार करना ज्यादा बेहतर है। ये सारी बातें उन्होंने पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कही।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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