राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक ट्वीट किया कि वो टंकी पर चढ़ी छात्राओं से नीचे उतरने की अपील करते हैं। इसके बाद लोग अचम्भे में पड़ गए कि उनके इस ट्वीट का मतलब क्या है, क्योंकि काफ़ी लोगों को इसके पीछे की कहानी पता ही नहीं थी। दरअसल, जयपुर की जगतपुरा में सीबीआई गेट के पास व्याख्याता परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर 5 लड़कियाँ टंकी पर चढ़ गईं। शनिवार (दिसंबर 21, 2019) को पानी टंकी पर चढ़ी ये लड़कियाँ मंगलवार को नीचे उतरीं। सरकार और पुलिस-प्रशासन लगातार उनसे मिन्नतें करता रहा कि वो लोग बातचीत के जरिए मामले को सुलझाएँ।
आज मुख्यमंत्री गहलोत ने ख़ुद ट्वीट कर उनसे नीचे उतरने की अपील की। टंकी के नीचे भारी पुलिस बल, फायर ब्रिगेड, एंबुलेंस, सिविल डिफेंस की टीमें खड़ी रहीं। छात्राओं की माँग है कि स्कूल व्याख्याता परीक्षा तिथि 6 महीने आगे बढ़ाई जाए, पदों में बढ़ोतरी की जाए, अन्य राज्यों का कोटा निर्धारित किया जाए और उर्दू के पदों के लिए भी वैकेंसी निकाली जाए। सरकार ने साफ़ कर दिया है कि परीक्षा की तिथि आगे नहीं बढ़ेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले ही 2 बार तिथि आगे बढ़ाई जा चुकी है।
इस परीक्षा के लिए पहले भी हमने अभ्यर्थियों की मांग को देखते हुए दो बार तिथि को आगे बढ़ाया है, सरकार आगे और भी भर्तियां निकाल सकती है। #Jaipur #Rajasthan
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) December 22, 2019
छात्राओं का टंकी पर चढ़ना आमजनों के लिए भी चर्चा का विषय बन गया। छात्राओं को सोने के लिए रज़ाई, गद्दा और भूख-प्यास मिटाने के लिए खाना-पानी रस्सी के माध्यम से पहुँचाया जा रहा था। छात्राएँ माइक से बता रही थीं कि उन्हें क्या चाहिए और उन्हें वो सारी चीजें पहुँचाई जा रही थीं। नीचे भी कई छात्र-छात्राएँ जमा हो गए। उन्होंने सरकार के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करते हुए टंकी पर चढ़ी छात्राओं का समर्थन किया। कई लड़कों ने स्थानीय लोकगीतों पर नृत्य कर अपना विरोध दर्ज कराया।
मुख़्यमंत्रीओ अशोक गहलोत के ट्वीट के रिप्लाई में कई अभ्यर्थियों व युवाओं ने अपनी परेशानी बताई, जिसे हम नीचे उनके नाम के साथ प्रस्तुत कर रहे हैं:
सुरजीत सिहाग: श्रीमान मुख्यमंत्री महोदय, मैं जब से यह भर्ती निकली है तब से तैयारी कर रहा हूँ। लेकिन इन साथियों की माँगों से इत्तेफाक रखता हूँ। मेरा आपसे निवेदन है कि आप एक बार इनकी बात पर अवश्य गौर करें।
राजू उलियाना: ये परीक्षा जुलाई मे होनी चाहिए। 1.5 लाख छात्रों के करियर का सवाल है।
विक्रम सिंह यादव: इस भर्ती को आगे खिसका कर आपका कोई बहुत बड़ा नुकसान नहीं हो जाएगा, परन्तु इसे जनवरी में करवाने की जिद में आप लाखों युवाओं के सपनों को खत्म कर रहे हैं। साहब, आपसे हाथ जोड़कर विनती है इस भर्ती को अपने नाक का सवाल न बनाएँ। हम बच्चे केवल तैयारी के लिए पर्याप्त समय माँग रहे हैं और कुछ नही। आप भी अपने अशिक्षित शिक्षामंत्री की तरह बातें मत कीजिए। हमें न्याय दीजिए।
भूपेंद्र विधौलिया: दूसरी बार सरकार ने बढ़ाया था, अभ्यर्थियों ने बढ़ाने की माँग नहीं की थी। ईडब्ल्यूएस में अचल संपत्ति का प्रावधान हटाने से इसके दायरे में आने वाले अभ्यर्थियों को फार्म संशोधन का मौका सरकार को देना चाहिए। परीक्षा स्थगित कर दो।
कुँवर भैंरो सिंह: श्रीमान, अगर ये परीक्षा जुलाई में हो जाएगी तो उन 1.56 लाख को अपना भाग्य आजमाने का अवसर मिल जाएगा वरना इन 1.56 लाख में से अगर किसी का सेलेक्शन हो भी गया तो RPSC (Rajasthan Public Service Commission ) इन्हें योग्य नहीं मानेगी क्योकि इनकी फाइनल परीक्षा का परिणाम जून तक आता है। श्रीमान, आपसे पुनः निवेदन हैं।
इसी तरह हज़ारों छात्रों ने अशोक गहलोत से नाराज़गी जताई। व्याख्याता परीक्षा का मुद्दा राजस्थान में गरमा गया है और इन छात्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री इसे इगो का मुद्दा बना रहे हैं। ये भी गौर करने लायक बात है कि ज्यादातर नाराज़ छात्र मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थक हैं।