Saturday, July 27, 2024
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7 महीने तक चुप्पी, फिर कोविड की दूसरी लहर के बाद चिट्ठियों की बौछार: RTI में महाराष्ट्र CM और PM की बातचीत का खुलासा

महाराष्ट्र में अभी भी अन्य राज्यों की तुलना में सबसे अधिक केस सामने आ रहे हैं। अब एक आरटीआई में पता चला है कि राज्य में बेतहाशा कोरोना केस के बावजूद उद्धव सरकार ने 7 महीनों से केंद्र सरकार से मदद के लिए संपर्क नहीं किया है।

उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले महाराष्ट्र में लंबे समय से सबसे अधिक कोरोना वायरस के मामले सामने आ रहे हैं। वह काफी समय से कोरोना के नए मामलों में शीर्ष पर बनी हुई है। हालाँकि महाराष्ट्र सरकार महामारी से निपटने का प्रयास कर रही है, लेकिन फिर भी यहाँ पर अन्य राज्यों की तुलना में सबसे अधिक केस सामने आ रहे हैं। अब एक आरटीआई में पता चला है कि राज्य में कोरोना केस के बावजूद राज्य सरकार ने 7 महीनों से केंद्र सरकार से मदद के लिए संपर्क नहीं किया है।

आरटीआई कार्यकर्ता विवेक पांडे द्वारा दायर एक आरटीआई में यह पता चला कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने अगस्त 2020 के अंतिम सप्ताह में पीएम को एक पत्र लिखा और अप्रैल 2021 के पहले सप्ताह तक उनसे संवाद नहीं किया। उस समय तक, राज्य दूसरी लहर के अत्यधिक दबाव में था। बीच में केंद्र सरकार ने ही मार्च 2021 में महाराष्ट्र सरकार से हाई अलर्ट पर रहने के लिए संपर्क किया था क्योंकि राज्य कोविड -19 महामारी की दूसरी लहर की पीक पर था।

पांडे ने अपने आवेदन में क्या पूछा?

पांडे ने अपने आवेदन में सरकार से दो सवालों का जवाब देने के लिए कहा।

1. उन्होंने जुलाई 2020 और अप्रैल 2021 के बीच कोविड -19 के खिलाफ लड़ाई के लिए मदद माँगने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से महाराष्ट्र के सीएम के बीच ऑफिशियल कम्युनिकेशन की सॉफ्ट या हार्ड कॉपी माँगी।

2. उन्होंने जुलाई 2020 से अप्रैल 2021 के बीच कोविड -19 के खिलाफ लड़ाई में मदद के लिए महाराष्ट्र के सीएम द्वारा भारत के पीएम को भेजे गए पत्रों की सॉफ्ट या हार्ड कॉपी माँगी।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ सीएम के कम्युनिकेशन के बारे में पहले प्रश्न के उत्तर में महाराष्ट्र सरकार ने कोई सॉफ्ट या हार्ड कॉपी प्रदान नहीं की। उनके जवाब से यह स्पष्ट नहीं है कि उन्होंने किसी सहायता के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय से संपर्क किया था या नहीं।

सीएम ने पीएम को लिखे अपने पत्र में क्या लिखा था?

सीएम ठाकरे और पीएम मोदी के बीच ऑफिशियल कम्युनिकेशन में सीएम ने राज्य में टेस्टिंग बढ़ाने के लिए फंड आवंटन की माँग की थी। उन्होंने कहा कि राज्य 151 प्रयोगशालाओं में कोविड-19 के लिए टेस्टिंग कर रहा है और आईसीएमआर राज्य को किट और उपभोग्य वस्तुएँ उपलब्ध करा रहा है। हालाँकि, केंद्र सरकार द्वारा जारी परिपत्र के अनुसार सितंबर 2020 से उन्हें प्रदान नहीं किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से 26 अगस्त, 2020 के पत्र में किट और उपभोग्य सामग्रियों की आपूर्ति जारी रखने को कहा

7 महीने की चुप्पी, फिर अप्रैल 2021 के बाद चिट्ठियों की बौछार

अगस्त में पत्र के बाद, सीएम कार्यालय से कोई कम्युनिकेशन शुरू नहीं किया गया था। बाद में, अप्रैल 2021 में, सीएम ने राज्य में परीक्षण और टीकाकरण को तेज करने की बात कही। उन्होंने केंद्र से और अधिक वैक्सीन खुराक की माँग की और टीकाकरण के लिए आयु सीमा कम करने के लिए केंद्र को धन्यवाद दिया। उन्होंने आगे केंद्र सरकार से आयु सीमा को 25 तक कम करने पर विचार करने का अनुरोध किया ताकि अधिक नागरिकों को टीका लग सके।

मुख्यमंत्री ने 5 अप्रैल, 2021 के पत्र में टीकाकरण करवाने के लिए आयु सीमा घटाकर 25 करने को कहा

22 अप्रैल, 2021 को ऑफिशियल कम्युनिकेशन में, सीएम ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता के बारे में बात की और आरोप लगाया कि राज्य को दवा का आवंटित कोटा नहीं मिल रहा है। उन्होंने पीएम से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया था कि राज्य को इंजेक्शन मिले ताकि लोगों की जान बचाई जा सके।

सीएम ने 22 अप्रैल, 2021 के पत्र में पीएम से राज्य को आवंटित रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध कराने को कहा

30 अप्रैल, 2021 को, उन्होंने पीएम को लिखा कि उन्होंने राज्यों को अपने स्वयं के कोविड-19 टीकाकरण प्लेटफॉर्म की अनुमति देने का सुझाव दिया, जहाँ नागरिक 18-45 आयु वर्ग के लिए ओपनिंग स्लॉट के रूप में पंजीकरण कर सकते हैं, जिससे कोविन सर्वर पर अत्यधिक दबाव पड़ेगा। उन्होंने पीएम से राज्यों को सीधे अन्य निर्माताओं से वैक्सीन खरीदने की अनुमति देने के लिए भी कहा।

सीएम ने पीएम से 30 अप्रैल, 2021 के पत्र में राज्यों को सीधे निर्माताओं से टीके खरीदने की अनुमति देने को कहा

कोविड -19 दूसरी लहर के लिए राज्यों के साथ केंद्र सरकार की बातचीत

रिपोर्टों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 6 बैठकों के दौरान राज्यों को कोविड -19 की दूसरी लहर के बारे में चेतावनी दी थी। मुख्यमंत्रियों के साथ अपनी बातचीत में, पीएम मोदी ने देश के कुछ हिस्सों में बढ़ते संक्रमण का मुद्दा उठाया था। भाजपा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने उन्हें उछाल से निपटने के लिए उपाय करने को भी कहा था।

जब मार्च के आसपास संक्रमण फिर से बढ़ने लगा तो 17 मार्च को विभिन्न मुख्यमंत्रियों के साथ पीएम मोदी की बैठकों में, उन्होंने उन्हें संक्रमण में एक नए स्पाइक के बारे में सचेत किया था और इससे पहले कि बहुत देर हो जाए, तत्काल कदम उठाने के लिए कहा था।

दरअसल, देश के हालात पर नजर रखने के लिए पीएम मोदी ने पिछले साल 23 सितंबर से शुरू होकर इस साल 23 अप्रैल तक मुख्यमंत्रियों के साथ 6 बार बातचीत की। ऐसी बैठकों के दौरान, पीएम मोदी ने मुख्यमंत्रियों से लगातार 60 जिलों पर ध्यान केंद्रित करने और टेस्टिंग को पर्याप्त रूप से बढ़ाने के लिए कहा था। हालाँकि कोविड की दूसरी लहर आने पर महाराष्ट्र सरकार ने इसके लिए केंद्र सरकार पर दोष मढ़ा। जबकि सच्चाई यह है कि उन्होंने मदद के लिए पीएम कार्यालय से कोई संपर्क ही नहीं किया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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