Saturday, July 27, 2024
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पीसी चाको हैं शीला दीक्षित की मौत के जिम्मेदार, कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार रहें: संदीप दीक्षित

अस्वस्थ हालात में शीला दीक्षित द्वारा लिए गए दिल्ली कॉन्ग्रेस से जुड़े फैसले को पीसी चाको ने जिस प्रकार रोका, वे उससे बेहद आहत थीं। इन्हीं सब विवादों के चलते उनकी सेहत पर असर पड़ा।

दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की मृत्यु के बाद आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी दिल्ली कॉन्ग्रेस बिना अध्यक्ष के दो हिस्सों में बँटती नजर आ रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार शीला दीक्षित के बेटे एवं पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ने दिल्ली कॉन्ग्रेस प्रभारी पीसी चाको को कानूनी नोटिस भेजकर उन्हें अपनी माँ की मौत का जिम्मेदार ठहराया है।

उल्लेखनीय है कि शीला दीक्षित का निधन इसी वर्ष 20 जुलाई को हुआ था। जिस समय उनकी मौत हुई उस वक्त वे दिल्ली कॉन्ग्रेस की अध्यक्ष थीं। संदीप दीक्षित के मुताबिक उनके निधन से कुछ दिन पहले उनके और पीसी चाको के बीच दिल्ली कॉन्ग्रेस के कामकाज को लेकर विवाद हुआ था। उनका कहना है कि चाको के मानसिक उत्पीड़न से उनकी माँ का निधन हुआ था।

संदीप दीक्षित ने पीसी चाको को नोटिस भेजकर माँग की है कि शीला को दिए गए मानसिक उत्पीड़न के लिए चाको माफी माँगे वरना वे कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार रहें। दीक्षित ने माफी न माँगने की हालत में चाको के ख़िलाफ़ पुलिस में शिकायत दर्ज कराने की भी बात अपने कानूनी नोटिस में लिखी है।

एबीपी न्यूज की खबर के अनुसार अस्वस्थ हालात में शीला दीक्षित द्वारा लिए गए दिल्ली कॉन्ग्रेस से जुड़े फैसले को पीसी चाको ने जिस प्रकार रोका, वे उससे बेहद आहत थीं। इन्हीं सब विवादों के चलते उनकी सेहत पर असर पड़ा।

खबरों के मुताबिक इस पूरे मामले की पुष्टि पीसी चाको और संदीप दीक्षित के नजदीकी सूत्रों ने की हैं। हालाँकि चाको ने कहा है कि वे नहीं बता सकते कि चिट्ठी में क्या है? लेकिन चाको की ओर से ये चिट्ठी पार्टी अध्यक्ष सोनिया गाँधी को भेज दी गई है।

पूरा मामला

गौरतलब है कि लोकसभा चुनावों में हार के बाद अस्वस्थ हालत में अस्पताल में रहते हुए भी शीला दीक्षित ने सभी ब्लॉक कमेटियों को भंग करने, तीनों कार्यकारी अध्यक्षों के कार्यभार में फेरबदल और सभी 280 ब्लॉक में आब्जर्वर नियुक्त करने का अहम फैसला लिया था। लेकिन चाको ने उनके फैसले पर रोक लगा दी और पुरानी कमेटियों को बहाल रखा। इसके बाद से ही उन दोनों के बीच मनमुटाव बढ़ गया था। फिर, पूर्व मुख्यमंत्री अस्पताल से घर लौट आईं लेकिन उनका कुछ दिनों में निधन हो गया और कॉन्ग्रेस अध्यक्ष का पद खाली हो गया।

कहा जाता है शीला दीक्षित ने अपने निधन से पहले कॉन्ग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी को एक पत्र भी लिखा था, लेकिन उसमें क्या था इसका खुलासा अभी सार्वजनिक तौर पर नहीं हुआ। दैनिक जागरण की रिपोर्ट के मुताबिक शीला दीक्षित ने अपने पत्र में सोनिया गाँधी से पार्टी में चल रही गुटबाजी को परेशानी का कारण बताया था। उन्होंने ये भी आरोप लगाया था कि पीसी चाको किसी वरिष्ठ नेता के इशारे पर पार्टी को कमजोर करने की साजिश रच रहे हैं।

इसके बाद ये जगजाहिर है कि उनके आखिरी दिनों में मानसिक तौर पर परेशान रहने की बात उनके बेटे सार्वजनिक रूप से कह चुके हैं। उन्होंने अपनी माँ के मौत के बाद ये भी कहा था कि पार्टी में कुछ लोग ओछी हरकत कर रहे हैं।, जिसका नुकसान पार्टी को हुआ।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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