प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुध उद्धव ठाकरे ने सीएए को लेकर मीडिया के सामने शनिवार को अपनी राय खुलकर दी। उन्होंने कहा कि सीएए से किसी को भी डरने की जरूरत नहीं है। यह कानून किसी की नागरिकता नहीं लेगा। इसके बाद महाराष्ट्र सरकार में सहयोगी की भूमिका निभा रहे दलों ने उद्धव को फ़िर से इस कानून को पढ़ने की नसीहत दे डाली है। उद्धव ठाकरे के बयान और सहयोगी पार्टियों के द्वारा उन पर कटाक्ष को लेकर गठबंधन में रार बढ़ती ही जा रही है।
महाराष्ट्र में गठबंधन की सरकार बनने के बाद पहली बार शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपने बेटे आदित्य के साथ शनिवार को प्रधानमत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। इसके बाद उद्धव ठाकरे ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “हमने नागरिकता संशोधन अधिनियम, NPR और NRC पर चर्चा की है। मैंने पहले ही इन मुद्दों पर अपना रुख साफ कर दिया है। किसी को सीएए से डरना नहीं चाहिए।”
Maharashtra Chief Minister Uddhav Thackeray after meeting PM Narendra Modi in Delhi: We have discussed on Citizenship Amendment Act, National Register of Citizens and National Population Register.I have already cleared my stance on these issues. No one should be scared of CAA. pic.twitter.com/QD3eYVebsu
— ANI (@ANI) February 21, 2020
महाराष्ट्र के मुख्यमत्री उद्धव ठाकरे ने साफ कहा कि यह कानून (CAA) किसी की नागरिकता लेने के लिए नहीं है। बल्कि यह कानून पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के लिए है। इसलिए इससे किसी को भी डरने की जरूरत नहीं है।
उद्धव के इस बयान के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल पैदा हो गई। बयान पर सबसे पहले प्रक्रिया देते हुए कॉन्ग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने उद्धव को इसे फिर से पढ़ने की नसीहत दे दी और ट्वीट करते हुए कहा, “जब उद्धव पूरे कानून को ध्यान से पढ़ेंगे तब उन्हें समझ आएगा कि NPR और NRC में बहुत फर्क नहीं है। एक बार आप NPR पर सहमत हुए तो NRC को नहीं रोक पाएँगे।” CAA पर तिवारी ने कहा कि सरकार को संविधान के अनुसार इसके प्रारूप में परिवर्तन करने होंगे। संविधान में स्पष्ट है कि धर्म के आधार पर नागरिकता नहीं दी जा सकती।
CM Maharashtra @UddhavThackarey requires a briefing on Citizenship Amendment Rules -2003 to understand how NPR is basis of NRC. Once you do NPR you can not stop NRC.On CAA-needs to be reacquainted with design of Indian Constitution that religion can not be basis of Citizenship.
— Manish Tewari (@ManishTewari) February 22, 2020
बता दें कि शनिवार को अपने बेटे आदित्य के साथ दिल्ली आए उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाक़ात के बाद गृहमंत्री अमित शाह, बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी और कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी से भी मुलाक़ात की थी। गौरतलब है कि उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी (NCP) और कॉन्ग्रेस के समर्थन से मिली-जुली सरकार चला रहे हैं। एक ओर जहाँ NCP और कॉन्ग्रेस नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे हैं तो दूसरी ओर शिवसेना इसके समर्थन में दिखाई दे रही है। ऐसे में महाराष्ट्र गठबंधन सरकार में कहीं न कहीं आपसी मतभेद की स्थिति बनी हुई है।