Saturday, July 27, 2024
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महाराष्ट्र: अनलॉक-5 में भी उद्धव सरकार ने नहीं दी मंदिरों को खोलने की अनुमति, 15 अक्टूबर से मेट्रो सहित कई अन्य सेवाएँ शुरू

महाराष्ट्र सरकार के जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि राज्य में धार्मिक स्थान, सिनेमा हॉल, स्विमिंग पूल अभी नहीं खुलेंगे। बाकी गुरुवार से मेट्रो ट्रेनों को श्रेणीबद्ध तरीके से शुरू किया जाएगा। राज्य में बिजनेस-टू-बिजनेस एक्जिबिशन की भी अनुमति दी गई है।

महाराष्ट्र सरकार ने बढ़ते कोरोना वायरस मामलों के बीच बुधवार (अक्टूबर 14, 2020) को अनलॉक 5 के तहत अपने नए दिशा-निर्देश जारी कर दिए। एक तरफ जहाँ उद्धव ठाकरे सरकार ने मेट्रो सेवाओं को 15 अक्टूबर से शुरू करने के निर्देश दिए, वहीं दूसरी ओर मंदिरों के खोले जाने की अनुमित नहीं दी। बता दें कोविड-19 के बढ़ते प्रसार से जूझ रहीं महा विकास अगाड़ी के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार अपने स्वयं के अनलॉकिंग पैटर्न का पालन कर रही है।

महाराष्ट्र सरकार के जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि राज्य में धार्मिक स्थान, सिनेमा हॉल, स्विमिंग पूल अभी नहीं खुलेंगे। बाकी गुरुवार से मेट्रो ट्रेनों को श्रेणीबद्ध तरीके से शुरू किया जाएगा। राज्य में बिजनेस-टू-बिजनेस एक्जिबिशन की भी अनुमति दी गई है। आवश्यक कोविड-19 सावधानियों के साथ, गवर्नमेंट और पब्लिक लाइब्रेरियों को भी खोला जा रहा है। दुकानें और बाजार सुबह 9 से रात 9 बजे तक खुले रहेंगे। अन्य राज्यों में रेस्तरां खुलने के लंबे समय बाद, महाराष्ट्र ने 5 अक्टूबर से रेस्तरां और बार को खोलने की अनुमति दी थी।

वहीं कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों पर भी पाबंदी लगी हुई है। अनलॉक के नए गाइडलाइन में भी इसके फिर से खोलने पर कोई फैसला नहीं लिया गया है। हालाँकि, अध्यापक 50 फीसदी क्षमता के साथ स्कूल अटैंड कर सकेंगे।

गौरतलब है कि महाराष्ट्र में मंदिरों को खोलने की अनुमति को लेकर उद्धव ठाकरे सरकार के रवैये पर महाराष्ट्र राज्यपाल ने नाराजगी व्यक्त की थी। जहाँ एक तरफ भाजपा कार्यकर्ताओं ने शिरडी के साईं बाबा और प्रभादेवी के सिद्धिविनायक मंदिर के सामने जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया। वहीं राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सीएम उद्धव ठाकरे से पूछा है कि उन्हें कोई दिव्य प्रेम प्राप्त हुआ है या वो सेक्युलर हो गए हैं?

दरअसल, भाजपा की माँग है कि राज्य में सारे मंदिरों को खोलने की अनुमति दी जाए। राज्यपाल की आपत्ति इस बात को लेकर है कि राज्य सरकार ने जून में ही धार्मिक स्थलों को खोलने की घोषणा की थी लेकिन अब 4 महीने बाद भी मंदिर बंद ही हैं। उन्होंने ध्यान दिलाया कि सारे रेस्टॉरेंट खुले हुए हैं। राज्यपाल ने उद्धव को याद दिलाया कि वो हिंदुत्व के मजबूत पक्षधर रहे हैं और भगवान राम के लिए उन्होंने सार्वजनिक रूप से श्रद्धा व्यक्त की थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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