Thursday, April 25, 2024
Homeराजनीतिफूट डालो-राज करो की साजिश: मुगल लेकर आए छुआछूत, अंग्रेजों ने गढ़ा 'दलित'

फूट डालो-राज करो की साजिश: मुगल लेकर आए छुआछूत, अंग्रेजों ने गढ़ा ‘दलित’

संघ पदाधिकारी गोपाल कृष्ण ने इतिहास से उदाहरण देते हुए कहा कि चन्द्रगुप्त मौर्य पहले शूद्र थे लेकिन बाद में चल कर अखंड भारत के सम्राट बने। उन्होंने महर्षि वाल्मीकि का उदाहरण देते हुए कहा कि वे भी शूद्र थे लेकिन बाद में एक महान ऋषि हुए।

भारत में छुआछूत की समस्या को लेकर अक्सर बहस होती रहती है और यह आज़ादी के काफ़ी पहले से चली आ रही है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल ने कहा है कि भारत में छुआछूत की समस्या इस्लाम के आने के बाद शुरू हुई। उन्होंने ‘दलित’ शब्द पर टिप्पणी करते हुए कहा कि अंग्रेजों ने एक साज़िश के तहत समाज को बाँटने के लिए इस शब्द का अविष्कार किया। गोपाल ने इस बात पर ज़ोर दिया कि आरएसएस एक ऐसा समाज चाहता है, जहाँ कोई जात-पात नहीं हो अर्थात जातिविहीन समाज हो।

उन्होंने छुआछूत को लेकर एक कहानी भी सुनाई। बकौल कृष्ण गोपाल, सिंध के अंतिम हिन्दू राजा दाहिर की पत्नियाँ जब जौहर करने जा रही थीं, तब उन्होंने ‘म्लेच्छ’ शब्द का प्रयोग किया था। रानियों का मानना था कि अगर उन्होंने जल्द से जल्द जौहर कर अपने प्राण नहीं त्यागे तो ‘म्लेच्छ’ लोग (इस्लामिक आक्रांता) आकर उन्हें छू देंगे। आरएसएस नेता ने बताया कि ये भारत में छुआछूत की पहली घटना थी और इससे पता चलता है कि यह सब क्षेत्र में इस्लाम के उद्भव के साथ शुरू हुआ।

उन्होंने भारतीय ग्रंथों से उदाहरण देते हुए कहा कि प्राचीन काल में ऊँची और नीची जातियाँ तो थीं लेकिन छुआछूत नहीं था। उन्होंने कहा कि गौ का माँस खाने वालों को अछूत माना जाता था। उन्होंने कहा कि अम्बेडकर भी ऐसा ही मानते थे। गोपाल ने कई ऐसे उदाहरण गिनाए, जिनके कारण कभी ‘फॉरवर्ड’ जाति के लोग रहे आज ‘बैकवर्ड’ हो गए हैं। उन्होंने कहा:

“आज मौर्य जाति के लोग ‘बैकवर्ड’ कहलाते हैं लेकिन कभी वे ‘फॉरवर्ड’ थे। बंगाल में पाल लोग राजा हुआ करते थे लेकिन आज वे भी ‘बैकवर्ड’ कहलाते हैं। इसी प्रकार भगवान बुद्ध की जाति शाक्य भी आज ओबीसी श्रेणी में आती है। हमारे समाज में ‘दलित’ शब्द था ही नहीं। ये ब्रिटिश आक्रांताओं की ‘फूट डालो और राज करो’ की साज़िश का एक हिस्सा था। यहाँ तक कि हमारी संविधान सभा ने भी ‘दलित’ शब्द का प्रयोग करने से मना कर दिया। भारत में इस्लामिक शासनकाल एक ‘अन्धकार युग’ था लेकिन हमारी आध्यात्मिक जड़ों के कारण हम किसी तरह बचे रहे।”

संघ पदाधिकारी गोपाल कृष्ण ने इतिहास से उदाहरण देते हुए कहा कि चन्द्रगुप्त मौर्य पहले शूद्र थे लेकिन बाद में चल कर अखंड भारत के सम्राट बने। उन्होंने महर्षि वाल्मीकि का उदाहरण देते हुए कहा कि वे भी शूद्र थे लेकिन बाद में एक महान ऋषि हुए। गोपाल कृष्ण ने नास्तिकों की बढ़ती संख्या पर टिप्पणी करते हुए कहा कि हिन्दू जीवन पद्धति और वेदांत में ही उन्हें उनके सवालों का उत्तर मिल सकता है।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

माली और नाई के बेटे जीत रहे पदक, दिहाड़ी मजदूर की बेटी कर रही ओलम्पिक की तैयारी: गोल्ड मेडल जीतने वाले UP के बच्चों...

10 साल से छोटी एक गोल्ड-मेडलिस्ट बच्ची के पिता परचून की दुकान चलाते हैं। वहीं एक अन्य जिम्नास्ट बच्ची के पिता प्राइवेट कम्पनी में काम करते हैं।

कॉन्ग्रेसी दानिश अली ने बुलाए AAP , सपा, कॉन्ग्रेस के कार्यकर्ता… सबकी आपसे में हो गई फैटम-फैट: लोग बोले- ये चलाएँगे सरकार!

इंडी गठबंधन द्वारा उतारे गए प्रत्याशी दानिश अली की जनसभा में कॉन्ग्रेस और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता आपस में ही भिड़ गए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe