पूरी दुनिया में 22 मार्च को ‘विश्व जल दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। भारत में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर याद दिलाया कि माताओं एवं बहनों के जीवन को आसान बनाने में ‘जल जीवन मिशन’ अत्यंत प्रभावी साबित हो रहा है और जन–जन की भागीदारी से घर-घर नल से जल पहुँचाने का संकल्प पूरा होगा। एक आँकड़ा बता दें कि पिछले 2.5 वर्षों में 6 करोड़ परिवारों तक ‘नल जल कनेक्शन’ पहुँचाया गया है।
लेकिन, ये भी एक सच्चाई ही है कि आज़ादी के 70 वर्ष हो जाने के बावजूद 19 करोड़ ग्रामीण घरों में से सिर्फ 3.23 करोड़ ही ऐसे थे, जहाँ पीने का शुद्ध पानी पहुँच पाता था। मोदी सरकार की ‘कृषि सिंचाई योजना’, ‘हर खेत को पानी’, ‘More Crop Per Drop’ अभियान, ‘नमामि गंगे मिशन’, ‘जल जीवन मिशन’, ‘अटल भूजल योजना’, वर्षा जल संग्रह के लिए ‘Catch The Rain’ और नदियों को जोड़ने के अभियान के माध्यम से जल संरक्षण और इसकी सहज उपलब्धता की ओर कदम बढ़ाए जा रहे हैं।
मोदी सरकार की योजनाओं का प्रसार इतना व्यापक है कि सुदूर लेह के स्कम्फुक नुब्रा गाँव की महिलाएँ भी कहती हैं कि पहले उन्हें पानी के लिए कई किलोमीटर चलना पड़ता है, लेकिन अब उनके घर तक स्वच्छ जल आ रहा है। ओडिशा के गजपति स्थित मधुराम्बा में 2018 तक मात्र 4 चापाकल ही पीने के पानी का स्रोत थे, लेकिन ‘हर घर जल’ से चीजें आसान हो गईं। गुजरात के वड़ोदरा में 100 स्कूलों में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग होती है, जिससे प्रतिदिन 10 करोड़ लिटर पानी बचाया जा रहा है।
देश भर में कई ‘जल योद्धा’ तैयार किए गए। जैसे उत्तर प्रदेश के हमीरपुर स्थित पचखुरा निवासी स्वामी कृष्णानंद ने 250 वर्ष पुराने 2.7 एकड़ के तालाब को 8 फ़ीट गहराया बनाया। इस काम में पूरे 2 साल लगे। बाँदा के जाखणी में 6 तालाबों और 30 कुँओं को पुनर्जीवित किया गया। सूखे बुंदेलखंड में ये बड़ी उपलब्धियाँ हैं। आज 1.36 लाख गाँवों में पीने का स्वच्छ पानी नल के माध्यम से पहुँचा है और कुल 9 करोड़ घरों को ये सुविधा मिली है।
अद्भिः सर्वाणि भूतानि जीवन्ति प्रभवन्ति च।।
— Narendra Modi (@narendramodi) March 22, 2022
On World Water Day, let’s reaffirm our pledge to save every drop of water. Our nation is undertaking numerous measures like Jal Jeevan Mission to ensure water conservation and access to clean drinking water for our citizens. pic.twitter.com/HWy0gjK5fV
अब तक साढ़े 8 लाख स्कूलों और 8.70 लाख आंगनबाड़ी केंद्रों तक स्वच्छ पानी की व्यवस्था पहुँच चुकी है। पाइपलाइन की फिटिंग, रख-रखाव और इलेक्ट्रिसिटी सहित कई क्षेत्रों में इन योजनाओं से रोजगार भी मिल रहा है। ‘जल शक्ति मंत्रालय’ ने अब तक 3.82 लाख ‘विलेज एक्शन प्रोग्राम (VAP)’ तैयार किए हैं और 4.69 लाख ‘पानी समितियाँ’ काम कर रही हैं। पंजाब, गुजरात, बिहार और हिमाचल प्रदेश में तो 90% घरों तक पीने का स्वच्छ जल पहुँच चुका है।
ऐसे 4378 शहर हैं, जहाँ के सभी घरों में स्वच्छ पीने का पानी पहुँचाया जा रहा है। सेंसर आधारित व्यवस्था से लेकर आधार कार्ड के द्वारा पहचान तक, तकनीक का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। पानी समितियों में 50% महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की गई है। ‘अटल बहुजन योजना’ के तहत उन इलाकों के भूजल स्तर को ऊपर लाया जाएगा, जहाँ ये कम है। पाँच नदियों को जोड़ने की योजना से 11 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होगी, 62 लाख लोगों को शुद्ध जल मिलेगा और 103 मेगावाट बिजली का भी उत्पादन होगा।
मोदीजी ने मात्र ढाई साल में 6 करोड़ घरों में पानी का नल पहुंचा दिया है।
— Gajendra Singh Shekhawat (@gssjodhpur) March 22, 2022
नए भारत की जल क्रांति में केंद्र सरकार के सहयोगी बनिए। भारत को जल समृद्ध बनाने के जन आंदोलन में मोदीजी का हाथ बंटाइए।
विश्व जल दिवस पर जल के सदुपयोग और संरक्षण की शपथ लीजिए।#WorldWaterDay pic.twitter.com/5PrXThFbfW
गंगा नदी को बचाने के लिए अब तक ‘नमामि गंगे’ के तहत 28 रिवर फ्रंट डेवलपमेंट, 182 घाट एवं 112 श्मशानों का निर्माण, कई सफाई परियोजनाओं, डॉल्फिन संरक्षण परियोजना, 2300 करोड़ रुपए की लागत से गंगा नदी के किनारे जंगल विस्तार सहित 183 परियोजनाओं को पूरा कर लिया गया है और 150 प्रगति पर है। जनता की, खासकर महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। खेती के लिए सिंचाई का पानी उपलब्ध कराने को भी मोदी सरकार गंभीर है।