Monday, March 24, 2025
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BSF के बाड़ पर एतराज, खुद सीमा पर बाँधों को ऊँचा कर रहा बांग्लादेश: भारत में बाढ़ का बढ़ सकता है खतरा, इंदिरा-मुजीब ट्रीटी का हो रहा उल्लंघन

यह निर्माण बांग्लादेश के मौलवीबाजार जिले और त्रिपुरा के उनाकोटी जिले के कैलाशहर सब-डिवीजन के बीच हो रहा है। यह क्षेत्र भारतीय सीमा से बहुत करीब है और ऐसे में तटबंध निर्माण से भारतीय इलाके में बाढ़ का खतरा बढ़ सकता है।

भारत और बांग्लादेश के बीच सीमा पर तनाव एक बार फिर बढ़ता नजर आ रहा है, क्योंकि बांग्लादेश ने त्रिपुरा के कैलाशहर इलाके में जीरो पॉइंट पर एक स्थायी नदी तटबंध का निर्माण शुरू कर दिया है। यह निर्माण बांग्लादेश के मौलवीबाजार जिले और त्रिपुरा के उनाकोटी जिले के कैलाशहर सब-डिवीजन के बीच हो रहा है। यह क्षेत्र भारतीय सीमा से बहुत करीब है और ऐसे में तटबंध निर्माण से भारतीय इलाके में बाढ़ का खतरा बढ़ सकता है।

त्रिपुरा के उनाकोटी जिले के मजिस्ट्रेट दिलीप कुमार चकमा ने शुक्रवार (17 जनवरी 2025) को अधिकारियों के साथ इस निर्माण स्थल का निरीक्षण किया। इसके बाद दिलीप कुमार चकमा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि बांग्लादेश द्वारा तटबंध की ऊँचाई बढ़ाने से त्रिपुरा के कैलाशहर क्षेत्र में बाढ़ के पानी का दबाव बढ़ सकता है। उन्होंने बताया कि बांग्लादेश यह तटबंध बाढ़ से बचाव के लिए बना रहा है, लेकिन उनकी टीम ने जब सीमा क्षेत्र का दौरा किया तो पाया कि तटबंध की ऊँचाई को बहुत बढ़ा दिया गया है। चकमा ने कहा कि अब भारत को अपने तटबंध को और मजबूत करना पड़ेगा, क्योंकि अधिक पानी अब भारतीय इलाके की ओर बढ़ेगा। इस मामले को अब उच्च स्तर (सरकार के स्तर) पर उठाने की आवश्यकता है।

चकमा ने यह भी बताया कि भारतीय तटबंध जीरो पॉइंट से लगभग 350 गज की दूरी पर स्थित है। हालाँकि, उन्होंने यह भी कहा कि बांग्लादेश के तटबंध की लंबाई का कोई स्पष्ट आँकड़ा नहीं है, लेकिन उनके अनुसार लगभग एक किलोमीटर का हिस्सा दिखाई दे रहा है। इस पर काम अब भी चल रहा है और बांग्लादेश इसे स्थायी रूप (पक्का) से बनाने की तैयारी में है। चकमा ने कहा कि भारत को इस मामले में आवश्यक कदम उठाने चाहिए और राज्य सरकार इस मुद्दे को केंद्र सरकार के पास भेजने की योजना बना रही है।

इंदिरा-मुजीब संधि का उल्लंघन कर रहा बांग्लादेश

यह तटबंध निर्माण 1972 की इंदिरा-मुजीब संधि का उल्लंघन भी हो सकता है। इस संधि के तहत जीरो पॉइंट पर कोई स्थाई निर्माण नहीं किया जा सकता, सिवाय इसके कि दोनों देशों के बीच आपसी सहमति हो। जीरो पॉइंट दोनों देशों की सीमा पर लगे पिलर्स (खंबों) के 150 गज के भीतर आता है और इस पर कोई भी निर्माण भारतीय और बांग्लादेशी सरकार की सहमति के बिना नहीं किया जा सकता।

बांग्लादेश जिन तटबंधों को बना रहा है, उसकी वजह से भारत और बांग्लादेश की सीमा पर बहने वाली मनु नदी में पानी बढ़ जाने भारतीय इलाके में बाढ़ आ सकती है। खास बात यह है कि बांग्लादेश ने भारत को इस निर्माण के बारे में पहले से सूचित नहीं किया, जो भारत के लिए चिंता का कारण बन गया है। बांग्लादेश ने पहले ही भारत द्वारा सीमा पर बाड़ लगाने का विरोध किया था, जबकि वो घुसपैठ को रोकने के लिए बाड़ लगा रहा था। वहीं, दूसरी तरफ वो खुद तटबंध को बढ़ाकर भारतीय क्षेत्र में बाढ़ के खतरे को भी बढ़ा रहा है।

इस मामले में भारतीय अधिकारियों का कहना है कि इसे जल्द से जल्द सुलझाने की आवश्यकता है, ताकि भारतीय क्षेत्रों में किसी भी प्रकार की इमरजेंसी की स्थिति से बचा जा सके।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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