Monday, October 7, 2024
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भारत की बड़ी राजनयिक जीत: कतर में फाँसी की सजा पाए सभी 8 पूर्व नौसैनिक रिहा, स्वदेश पहुँचे 7 लोग, विदेश मंत्रालय ने कही ये बात

कतर में फाँसी की सजा पाने वाले नौसेना के सभी 8 पूर्व अधिकारियों को रिहा कर दिया गया है। उनमें से 7 लोग भारत वापस आ चुके हैं।

कतर में 8 भारतीयों को मौत की सजा के मामले में भारत सरकार को बड़ी राजनयिक जीत मिली है। अब फाँसी की सजा पाने वाले नौसेना के सभी 8 पूर्व अधिकारियों को रिहा कर दिया गया है। उनमें से 7 लोग भारत वापस आ चुके हैं। कुछ समय पहले ही इनकी फाँसी की सजा पर कतर की अदालत ने रोक लगा दी थी। कतर के अमीर के हस्तक्षेप के बाद सभी 8 लोगों को जेल से आजादी मिल गई है। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने कतर के अमीर के इस फैसले पर खुशी जताई है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत सरकार की राजनयिक कोशिशों के चलते कतर ने ये फैसला लिया है। कतर का ये फैसला भारत-कतर के बीच ऐतिहासिक गैस समझौते के कुछ ही दिन बाद आया है। बता दें कि इन सभी लोगों को कथित तौर पर जासूसी के आरोपों में फाँसी की सजा सुनाई गई थी, लेकिन अदालत से लेकर राजनयिक स्तर पर भारत सरकार ने इनकी रिहाई के लिए जोरदार पैरवी की और अब जाकर इन सभी पूर्व नौसैनिकों को रिहा कर दिया गया है। रिहा कर दिए गए 8 में से 7 पूर्व अधिकारी भारत वापस आ भी चुके हैं। इसके लिए विशेष तैयारी की गई थी।

कतर की जेल से रिहा होने वाले पूर्व नौसैनिक पहुँचे भारत, ये हैं नाम

कतर में जिन पूर्व नौसैनिकों को गिरफ्तार किया गया था, उनके नाम हैं- कमांडर पूर्णेन्द्रु तिवारी, कमांडर नवतेज सिंह गिल, कमांडर वीरेंद्र कुमार वर्मा, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता, कमांडर अमित नागपाल, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ और कैप्टन गोपाकुमार। ये सभी गिरफ्तार होने से पहले दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजी एंड कंसल्टेंसी में काम कर रहे थे। कथित तौर पर इन पर जासूसी के आरोप लगाए गए थे और फाँसी की सजा सुना दी गई थी। लेकिन दिसंबर 2023 की शुरुआत में भारत सरकार ने राजनयिक कोशिशों के चलते कांसुलर एक्सेस हासिल कर लिया था, इसके बाद उनकी फाँसी की सजा पर रोक लगवाई थी।

पीएम मोदी की मुलाकात ने बदला कतर का फैसला

बता दें कि पीएम मोदी ने दिसंबर 2023 की शुरुआत में दुबई में कतर के अमीर से मुलाकात की थी। तब पीएम मोदी COPE28 की बैठक में भाग लेने दुबई गए थे। इस मुलाकात के चार सप्ताह के भीतर ही फाँसी की सजा पलट दी गई थी। जब इस केस में सुनवाई हो रही थी, तब कोर्ट में भारत के राजदूत भी मौजूद थे। उनकी मौजूदी ये बताती है कि मोदी सरकार इस मामले को लेकर कितनी गंभीर थी।

कतर के फैसले का स्वागत

भारत के विदेश मंत्रालय ने कतर के इस फैसले का स्वागत किया है। विदेश मामलों के मंत्रालय की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया है, “भारत सरकार कतर में हिरासत में लिए गए दहरा ग्लोबल कंपनी के लिए काम करने वाले आठ भारतीय नागरिकों की रिहाई का स्वागत करती है। उनमें से आठ में से सात भारत लौट आए हैं। हम इन नागरिकों की रिहाई और घर वापसी को सक्षम करने के लिए कतर के अमीर के फैसले की सराहना करते हैं।”

बता दें कि कतर की एक अदालत ने 26 अक्टूूबर, 2023 को भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अधिकारियों को मौत की सजा सुनाई थी। साल 2022 में कतर की एक कंपनी में काम करने वाले इन अधिकारियों पर जासूसी का आरोप लगाकर वहाँ की इस्लामी सरकार ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया था। ये सभी पूर्व अधिकारी वहाँ की ‘अल दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टेंसी सर्विसेज’ (ADGTCS) नाम की कंपनी के लिए काम कर रहे थे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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