Thursday, March 20, 2025
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‘सुरक्षा भूल जाओ… मौत आनी है तो आनी है’: टीम इंडिया के पाकिस्तान दौरे में ‘अल्लाह’ तक को खींच लाए जावेद मियांदाद, पहले भी कहा था- जहन्नुम में जाए भारत

मियादांद ने कहा, "सुरक्षा को भूल जाइए। हम मानते हैं कि अगर मौत आनी है तो आनी है। जिंदगी और मौत तो अल्लाह के हाथ में है। अगर वे आज हमें बुलाएँगे तो हम जाएँगे। लेकिन उन्हें भी यहां आना चाहिए।"

पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर व दाऊद इब्राहिम के समधी जावेद मियांदाद विवादस्पद बयान देने के लिए जाने जाते हैं। हालाँकि इस बार उन्होंने भारत से गुहार लगाई है कि वो भारतीय टीम पाकिस्तान खेलने आए। उन्होंने नादिर अली के शो में बात करते हुए कहा कि भारत को पाकिस्तान आने से मना नहीं करना चाहिए। मौत आनी है तो आ ही जाएगी।

जावेद मियांदाद ने यह बात भारत द्वारा पाकिस्तान में मैच खेलने से मना करने की बात कही। नादिर अली ने उन्हें बताया भारत ने ऐसा निर्णय सुरक्षा कारणों से लिया है उन्हें यहाँ डर लग रहा है। इस पर मियाँदाद ने कहा सुरक्षा भूल जाओ। हम मानते हैं कि मौत आनी है तो आनी है। जिंदगी और मौत तो अल्लाह के हाथ में है। अगर वे आज हमें बुलाएँगे तो हम जाएँगे। लेकिन उन्हें भी यहां आना चाहिए। पिछली बार हम उनके यहाँ गए थे इस बार उनको आना चाहिए।”

पूर्व क्रिकेटर ने कहा, “अगर बीसीसीआई हमें बुलाता है तो हम जरुर जाएँगे। लेकिन उन्हें भी पाकिस्तान का दौरा करना होगा। पिछली बार हम उनके यहाँ गए थे। इस बार उन्हें पाकिस्तान आना चाहिए। जब दोनों देश एक दुसरे के यहां आएंगे जाएंगे तो रिश्ते भी बहाल होंगे। हम जब भारतीय क्रिकेट प्रेमियों से मिलते हैं तो हमें कोई रंजिश नजर नहीं आती है।”

उल्लेखनीय है कि भारत के बारे में बात करते हुए जावेद मियांदाद के सुर इस बार बदले जरूर दिखे लेकिन उनके ये कहने पर कि मौत तो आनी ही है…पर सवाल खड़े हो रहे हैं। इससे पहले वो भारत के लिए काफी अनाप-शनाप बोल चुके हैं। जब बीसीसीआई ने भारत के पाकिस्तान जाने पर इनकार किया था उस समय भी जावेद ने कहा था “अगर भारत क्रिकेट खेलने के लिए पाकिस्तान नहीं आना चाहता है तो वह जहन्नुम में जाए।”

उन्होंने आगे कहा था, ”मैंने हमेशा पाकिस्तान का समर्थन किया है। आप जानते हैं कि जब भी कोई समस्या आती है तो मैं भारत को नहीं बख्शता हूँ। लेकिन, बात यह है कि हमें अपने हिस्से को देखने की जरूरत है। हमें इसके लिए लड़ना चाहिए। हमें किसी बात की परवाह नहीं है क्योंकि हमें मेजबानी करनी है। यह आईसीसी का काम है। यदि ICC इसे नियंत्रित नहीं कर सकता है तो उसके गवर्निंग बॉडी होने का कोई मतलब नहीं है। उन्हें हर टीम के लिए समान नियम लागू करने की जरूरत है। अगर इस तरह की टीमें नहीं आती हैं तो उन्हें प्रतिबंधित कर दिया जाना चाहिए। इंडिया होगा, अपने लिए होगा। हमारे लिए नहीं है।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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