Thursday, October 10, 2024
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कोई कर रहा था ड्राइवरी, कोई इंजीनियर बनकर कमाने गया था… कुवैत के अग्रिकांड में 40+ भारतीयों की गई जान, PM मोदी ने विदेश राज्य मंत्री को फौरन हालात जानने भेजा

कुवैत में तकरीबन 10 लाख भारतीय रहते हैं। ये संख्या कुवैत की कुल संख्या की 21 प्रतिशत है। इनमें से 9 लाख भारतीय तो बतौर श्रमिक कुवैत के विकास में अपना योगदान देते हैं, लेकिन फिर भी अक्सर कुवैत और अन्य खाड़ी देशों में भारतीयों की होती दुर्गति की खबरें आती रहती हैं।

कुवैत के मंगाफ शहर में एक बहुमंजिला इमारत में बुधवार (12 जून 2024) की सुबह आग लगने से 40 से ज्यादा भारतीयों समेत 49 लोगों की मौत हो गई। अब तक आई जानकारी के अनुसार घटना के दौरान घायल होने वालों की संख्या 50 से ज्यादा है।

कुवैत के आंतरिक मंत्री शेख फहद अल-यूसुफ ने इस घटना के लिए भवन के मालिक को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने भवन के मकान मालिक को गिरफ्तार करने का आदेश दिया है। साथ ही जिस कंपनी के श्रमिकों को एक साथ इसमें रखा गया था, उसके मालिक को भी गिरफ्तार करने का आदेश दिया गया है।

शेख फहद ने बताया कि यह पूरा हादसा बिल्डिंग के मालिक की लालच की वजह से हुआ। कंपनी ने अपने फायदे के लिए बड़ी संख्या में एक ही भवन में बहुत ज्यादा श्रमिकों को भर दिया था। आंतरिक मंत्री ने कहा कि वह यह तय करेंगे कि इस तरह का घटनाक्रम आगे फिर ना हो।

इस घटना में हताहत होने वालों में भारतीय ज्यादा हैं। फोरेंसिक विभाग के महानिदेशक ने भी कहा है कि मरने वाले में अधिकांश केरल, तमिलनाडु और उत्तर भारतीय राज्य के लोग हैं। इनकी उम्र 20 से 50 साल थी। इनमें केरल के उमारुद्दीन शमीर (ड्राइवर), साजन जॉर्ज (मैकेनिकल इंजीनियर), स्टेफिन अब्राहिन साबू (29, इंजीनियर) समेत 5 लोगों का नाम है। वहीं घायलों को लेकर खबर है कि उन्हें 5 सरकारी अस्पतालों में भर्ती कराया है। जहाँ उनका इलाज चल रहा है।

इसके अलावा मामले की गंभीरता को देखते हुए भारत सरकार ने विदेश राज्यमंत्री कीर्ति व‌र्द्धन सिंह को कुवैत के लिए रवाना किया है। कीर्तिवर्धन वहाँ के स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर घायलों को राहत दिलाने और मृतकों के शवों को स्वदेश लाने में मदद करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है।

बता दें कि कुवैत में तकरीबन 10 लाख भारतीय रहते हैं। ये संख्या कुवैत की कुल संख्या की 21 प्रतिशत है। इनमें से 9 लाख भारतीय तो बतौर श्रमिक कुवैत के विकास में अपना योगदान देते हैं। इस घटना से पहले भी दूसरे खाड़ी देशों में रहने वाले भारतीयों की दुर्गति के ऊपर रिपोर्टें आती रही हैं। इस मामले में तो ये सामने आया है कि जैसी इमारत में आग लगी है वैसे भवन मंगाफ इलाके में और भी हैं। वहाँ भी सैकड़ों मजदूरों को बहुत ही खराब हालात में रहने के लिए मजबूर किया जाता है। कुवैत नगरपालिका ने इस घटना के बाद कई वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। घायलों को उचित इलाज दिलाने पर फोकस किया जा रहा है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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