Sunday, April 28, 2024
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पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर को 12 साल की कैद, सांसद का सिर कलम करने पर ₹19 लाख देने का किया था ऐलान: गीर्ट वाइल्डर्स ने नुपूर शर्मा का किया था समर्थन

एक साक्षात्कार में वाइल्डर्स ने कहा था, “मैं मुस्लिमों से नफरत नहीं करता, मैं इस्लाम से नफरत करता हूँ।” उन्होंने उसी साक्षात्कार में कहा था, “इस्लाम कोई धर्म नहीं है। यह एक विचारधारा है। मंद संस्कृति की विचारधारा है।” उन्होंने बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा का भी समर्थन किया था।

पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर खालिद लतीफ को नीदरलैंड में 12 साल की सजा सुनाई गई है। लतीफ ने वहाँ के सांसद गीर्ट वाइल्डर्स की हत्या करने के लिए पैसों का ऑफर दिया था। वाइल्डर्स ने इस्लाम के पैगंबर मोहम्मद पर कार्टून प्रतियोगिता आयोजित करने का ऐलान किया था। इसके बाद खालिद ने वाइल्डर्स की हत्या करने के लिए लोगों को उकसाया था।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नीदरलैंड की एक अदालत ने 11 सितंबर 2023 को सजा का ऐलान किया। कोर्ट ने कहा कि खालिद लतीफ ने केवल वाइल्डर्स को धमकी ही नहीं दी, बल्कि उसने एक तरह से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर भी हमला किया था। यह साफ है कि हत्या के लिए उकसाने के बाद लतीफ के बयान पर पूरी दुनिया का ध्यान गया होगा।

हालाँकि इस बात की संभावना बेहद कम है कि पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर खालिद लतीफ को यह सजा काटनी पड़े, क्योंकि नीदरलैंड और पाकिस्तान के बीच किसी भी प्रकार की प्रत्यर्पण संधि नहीं है। ऐसे में वहाँ की सरकार के लिए खालिद लतीफ को पाकिस्तान से नीदरलैंड ला पाना बेहद मुश्किल होगा।

इससे पहले हुई सुनवाई में सामने आया था कि नीदरलैंड ने पाकिस्तान सरकार से सहयोग करने की अपील की थी, लेकिन वहाँ से किसी प्रकार का जवाब नहीं मिला था। सुनवाई के दौरान गीर्ट वाइल्डर्स के वकीलों ने कोर्ट में खालिद का नाम लिए बिना कहा था कि साल 2018 में एक वीडियो सामने आया था। वीडियो में पाकिस्तान के मशहूर क्रिकेटर को वाइल्डर्स की हत्या के लिए पैसे देने का वादा करते हुए देखा गया था।

सोशल मीडिया पर सामने आए एक वीडियो में खालिद लतीफ ने कहा था कि कार्टून प्रतियोगिता आयोजित करने वाले व्यक्ति की हत्या करने वाले को वह 30 लाख पाकिस्तानी रुपए (€21,000 या लगभग 19 लाख भारतीय रुपया) देगा। सरकारी वकीलों ने अपने लिखित बयान में कहा था कि लतीफ का वीडियो बेहद खतरनाक था, क्योंकि इसे उस समय जारी किया था जब गीर्ट वाइल्डर्स के खिलाफ लोगों में गुस्सा और नफरत थी।

वाइल्डर्स ने कहा था कि इस्लामवादियों द्वारा दी जा रही धमकियों के चलते आम लोगों की तरह सामान्य जीवन नहीं जी पा रहे हैं। जो चीजें हर इंसान हर दिन करता है, उसके बारे में वह सोच भी नहीं सकते। न तो वह खुली हवा में आजादी से घूम सकते हैं और न ही अकेले कहीं जा सकते हैं।

बता दें कि इस्लाम की आलोचना करने के बाद इस्लामवादियों द्वारा मिल रहीं धमकियों के चलते डच सरकार द्वारा वाइल्डर्स को कड़ी सुरक्षा दी गई है। वह बीते कई वर्षों से 24 घण्टे सुरक्षा घेरे में ही रहते हैं। उन्हें दी जा रही सुरक्षा के लिए गीट वाइल्डर्स ने कहा था कि वह सुरक्षा देने के लिए आभारी हैं।

वाइल्डर्स ने कहा था कि यदि आरोपित के खिलाफ दोष सिद्ध हो जाता है तो इससे धमकी देने वाले अन्य सभी लोगों को एक शक्तिशाली मैसेज जाएगा। खालिद लतीफ पर टिप्पणी करते हुए वाइल्डर्स ने कहा था, “जब तक मैं जीवित हूँ और साँस ले रहा हूँ, तब तक तुम मुझे नहीं रोक पाओगे। मुझे मारने के लिए पैसे का ऑफर देने से मैं चुप नहीं हो सकता।”

वाइल्डर्स ने साल 2018 में कार्टून प्रतियोगिता आयोजित करने के ऐलान को लेकर कोर्ट में कहा था, “मैंने उस कार्टून प्रतियोगिता के आयोजन का ऐलान इसलिए किया था क्योंकि मैंने साल 2015 में मैं अमेरिका में टेक्सास के गारलैंड शहर गया था। वहाँ मुझे एक कार्टून प्रतियोगिता के विजेता को पुरस्कार देना था, लेकिन उस कार्यक्रम के दौरान आतंकी हमला हो गया। अमेरिकी पुलिस ने दोनों आतंकियों को मौके पर ही मार गिराया था। यह सब मेरे साथ पहली बार हुआ था।”

उन्होंने आगे कहा था, “यही कारण है कि मैं बताना चाहता था कि चित्र बनाने की अनुमति किसी को भी है और हमें कभी भी ऐसे लोगों के सामने झुकना नहीं चाहिए जो हिंसा, धमकी, हत्या और आतंक का रास्ता अपना लेते हैं।” वाइल्डर्स का कहना है कि उन्हें लगातार जान से मारने की धमकियाँ मिल रही हैं। वह लंबे समय से तालिबान, अल-कायदा और आईएसआईएस की ‘हेड लिस्ट’ में हैं।

वकीलों का कहना था कि वे साल 2018 से पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर खालिद लतीफ से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं। खालिद के खिलाफ कार्रवाई के लिए पाकिस्तान सरकार से भी मदद माँगी है, लेकिन वहाँ से कभी कोई जवाब नहीं मिला।

उल्लेखनीय है कि डच कोर्ट द्वारा खालिद लतीफ को गिरफ्तार करने के लिए उसके खिलाफ इंटरनेशनल वारंट जारी किया जा चुका है। हालाँकि अपने ऊपर लगे आरोपों पर खालिद लतीफ ने कहा था कि उसे इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है।

बता दें कि जून 2018 में वाइल्डर्स ने अपनी पार्टी के संसदीय कार्यालयों में आयोजित होने वाली ‘पैगंबर मुहम्मद कार्टून प्रतियोगिता’ की भी घोषणा की थी। बाद में अगस्त में आतंकवादी हिंसा की धमकियों के बाद उन्हें इस कार्यक्रम को रद्द करने के लिए मजबूर होना पड़ा। उनकी हत्या के लिए कई इस्लामी नेताओं ने फतवा जारी किया था।

कौन है खालिद लतीफ

खालिद लतीफ पाकिस्तान का क्रिकेटर रह चुका है। उसे साल 2017 में दुबई में हुए पाकिस्तान सुपर लीग मैच में स्पॉट फिक्सिंग का दोषी पाया गया था। इसके बाद उस पर 5 साल का बैन लगाया गया था। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने भी खालिद लतीफ को दोषी पाया था।

खालिद लतीफ के दोषी पाए जाने पर उस पर दस लाख पाकिस्तानी रुपए का जुर्माना लगाया था। साल 2022 में खालिद लतीफ ने स्पॉट फिक्सिंग मामले में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली थी। साथ ही पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड से लिखित माफी माँगी थी।

गीर्ट वाइल्डर्स और इस्लामी कट्टरवाद के खिलाफ उनका रुख

गीर्ट वाइल्डर्स लंबे समय से अपने देश में इस्लामी कट्टरपंथ के खिलाफ मुखर रहे हैं। एक सांसद के रूप में वह मास माइग्रेशन के भी विरोधी रहे हैं। उन्होंने संसद में कहा था कि बड़े पैमाने पर हो रहे प्रवास (माइग्रेशन) को स्वीकार कर सरकार ‘इस्लाम नामक एक मॉन्स्टर को देश में निमंत्रण दे रही है’।

वहीं, एक साक्षात्कार में वाइल्डर्स ने कहा था, “मैं मुस्लिमों से नफरत नहीं करता, मैं इस्लाम से नफरत करता हूँ।” उन्होंने उसी साक्षात्कार में कहा था, “इस्लाम कोई धर्म नहीं है। यह एक विचारधारा है। मंद संस्कृति की विचारधारा है।” उन्होंने बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा का भी समर्थन किया था।

साल 2019 में जुनैद नाम के एक पाकिस्तानी मूल के डच मुस्लिम को वाइल्डर्स के खिलाफ हत्या की साजिश के लिए 10 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। जुनैद ने फेसबुक पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए कहा था कि वह वाइल्डर्स को जहन्नुम में भेजना चाहता है।

बता दें कि 58 वर्षीय डच सांसद वाइल्डर्स नीदरलैंड की संसद में पार्टी फॉर फ्रीडम के अध्यक्ष हैं। वह एक दक्षिणपंथी नेता हैं, जो विशेष रूप से मुस्लिम देशों से डच सरकार की आव्रजन नीतियों का मुखर रूप से विरोध करते रहे हैं।

वाइल्डर्स ने यहाँ तक ​​​​कहा है कि वे चाहते हैं कि उनका देश यूरोपीय संघ को छोड़ दे। उन्होंने यूरोपीय संघ की संसद में एक संसदीय समूह बनाने के लिए फ्रांस के मरीन ले पेन जैसे अन्य रूढ़िवादी यूरोपीय नेताओं के साथ काम किया है। इसमें अब यूरोपीय संघ के देशों की 9 पार्टियाँ हैं।

गीर्ट वाइल्डर्स ने फितना (Fitna) नाम की एक शॉर्ट फिल्म भी बनाई है। 17 मिनट की इस फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे कुरान अपने सभी अनुयायियों को घृणा करना सिखाता है। आतंकवाद, मूर्ति पूजा-विरोधी, महिलाओं के खिलाफ हिंसा, काफिरों के खिलाफ हिंसा, समलैंगिकों से नफरत आदि को इस फिल्म में मीडिया क्लिपिंग्स के जरिए दिखाया गया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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