बांग्लादेश में हिन्दुओं के खिलाफ हिंसा और अत्याचार लगातार जारी है। अब बांग्लादेश में एक हिन्दू युवक सुदेब हल्दर की हत्या कर दी गई है। उसकी लाश रास्ते में पड़ी मिली है। एक्टिविस्ट्स ने कहा है कि सुदेब की हत्या हिन्दू होने के कारण हुई है। वहीं बांग्लादेश के ही कॉक्स बाजार में एक नाबालिग लड़की का 8-10 लोगों ने गैंगरेप किया है। इसके बाद उसे रास्ते पर छोड़ दिया गया। उससे बलात्कार करने वाले जमात-ए-इस्लामी से जुड़े थे, यह आरोप लगाया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सोमवार (6 जनवरी, 2025) को सदर उपजिला के बेतोरा गाँव के रहने वाले सुब्रत हलदर के 28 वर्षीय बेटे सुदेब हलदर की रामपुर जोड़ापोल इलाके में गला रेतकर हत्या कर दी गई। सुदेब हल्दर बौकाठी बाजार में मोबाइल फोन की दुकान चलाता था। सुदेब दो भाइयों और दो बहनों में सबसे छोटा था। पुलिस ने बताया कि सुदेब अपनी दुकान बंद करके घर वापस लौट रहा था और रास्ते में बदमाशों ने चाकू घोंपकर उसकी हत्या कर दी।
सुदेब की लाश 7 जनवरी, 2025 को स्थानीय लोगों और उसके परिवार को घर से 1 किलोमीटर दूर एक खेत में क्षत-विक्षत अवस्था में मिली। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। हलकाठी के SSP उज्ज्वल कुमार रॉय ने कहा, “सिर पर चोट का निशान मिला है। आशंका है कि यह हत्या है। लाश को पोस्टमार्टम के लिए झलकाठी सदर अस्पताल भेजा जाएगा। इस संबंध में हत्या का मामला दर्ज किया जाएगा।” पुलिस ने यह भी कहा कि सुदेब पर कई बार चाकू से वार किया गया था और उसके सिर और गर्दन पर गहरे घाव थे।
सुदेव के पिता सुबोध हलदर ने कहा, “मेरे बेटे की किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी। मुझे समझ नहीं आ रहा कि मेरे बेटे को किसने और क्यों मारा। मैं चाहता हूँ कि पुलिस सच्चाई को उजागर करे और हत्यारों को सजा दिलाए।” कुछ एक्टिविस्ट ने इसे धर्म के आधार पर हुई हत्या करार दिया है।
बंगबंधु प्रकाशोली परिषद के सचिव सुशांत दासगुप्ता ने कहा, “बांग्लादेश में हर दिन कहीं न कहीं हत्याएँ हो रही हैं। हमने जाँच की है और पाया है कि मारे गए सुदेव हलदर की किसी से कोई निजी दुश्मनी नहीं थी। हमारा मानना है कि उसे सिर्फ इसलिए मारा गया क्योंकि वह हिंदू था। इस तरह से हिंदुओं की हत्या करके यह संदेश दिया जा रहा है कि यह बांग्लादेश हिंदुओं का नहीं है। हिंदुओं को डराने के लिए उसे मारा गया ताकि वे बांग्लादेश छोड़कर चले जाएँ।”
सुदेब के भाई ने बताया कि बचपन से ही वह कोलकाता में अपने चाचाओं के साथ रहता था और कोविड महामारी के दौरान ही वह बांग्लादेश वापस गया और अपनी मोबाइल की दुकान खोली थी। उसने दावा किया कि हो सकता है कि उसकी दुकान पर मोबाइल रिपेयर को लेकर कुछ लोगों से हुई बहस के बाद उसकी हत्या कर दी गई हो।
कॉक्स बाजार में नाबालिग से गैंगरेप
बांग्लादेश के कॉक्स बाजार जिले के चकरिया इलाके में 8-10 लोगों ने एक 14 वर्ष की लड़की से गैंगरेप किया। यह घटना रविवार (5 जनवरी, 2025) को हुई। पीड़िता ने भद्रकाली इलाके से एक ऑटोरिक्शा लिया था। हालाँकिम रिक्शा वाले ने उसे रास्ते में उतार दिया। यहाँ से वह वापस आ रही थी तभी उसको दो लोगों ने चाकू की नोक पर अगवा कर लिया और सूनसान इलाके में ले जाकर उसका रेप किया। इसके बाद 6 और लोग इस काम में शामिल हो गए। इसके बाद उन्होंने नाबालिग को लहुलुहान सड़क किनारे छोड़ दिया।
#Bangladesh : In Cox's Bazar's Chakaria, a minor girl was gang-raped by 8-10 Muslim men from Jamaat-e-Islami in broad daylight and left on the street. Her identity is still unknown. She has been hospitalized due to excessive bleeding. pic.twitter.com/FBjXuz7zvW
— Voice of Bangladeshi Hindus 🇧🇩 (@VHindus71) January 6, 2025
गैंगरेप करने वाले इसके बाद अलग-अलग जगह भाग गए। मामले में स्थानीय लोगों ने जब प्रदर्शन किया तो पुलिस ने कार्रवाई चालू की। स्थानीयों ने कॉक्स बाजार में रोड जाम, घेराव और मार्च का आयोजन किया। उन्होंने ही रेप एक आरोपितों को पहचानने में पुलिस की मदद की। पुलिस ने इस मामले में 7 लोगों को गिरफ्तार किया है। उनकी पहचान सामने नहीं रखी गई है। पुलिस ने कहा है कि अब उन्हें जेल भेज दिया गया है। आरोपितों के इस्लामी कट्टरपंथी संगठन जमात- ए-इस्लामी से जुड़े होने की भी बात कही गई है।
इससे पहले बांग्लादेश के नरैल में 52 साल की हिंदू महिला बसना मलिक की रहस्यमय तरीके से मौत हो गई थी। बसना के साथ गैंग रेप किया गया था। पीड़ित परिवार के लोगों ने बताया था कि बसना मलिक 24 दिसंबर की रात को करीब 8 बजे घर लौटी थी। इसके बाद से उसे लगातार उल्टियाँ हो रही थीं। उस रात वह खाना खाने के बाद परिवार से कुछ कहे बिना ही सो गई। अगले दिन 25 दिसंबर की सुबह महिला की हालत बिगड़ गई। उसे जेसोर जनरल अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहाँ 26 दिसंबर की रात को उसकी मौत हो गई।