Saturday, March 29, 2025
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीय3 को छुड़ाया, 100 से अधिक केरल की महिलाएँ अभी भी कुवैत में फँसी,...

3 को छुड़ाया, 100 से अधिक केरल की महिलाएँ अभी भी कुवैत में फँसी, नौकरी का झाँसा देकर मानव तस्करों ने बनाया अरब देश में नौकरानी

उसने आगे बताया, "हमने वहाँ कई अन्य महिलाओं को भी देखा, जिन्हें हमारी तरह कुवैत लाया गया था। कुछ को तो रैकेट चलाने वालों से बहस करते हुए भी देखा गया।"

केरल में राज्य की विशेष शाखा (एसएसबी) ने मानव तस्करी रैकेट की जाँच को लेकर बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने अपनी जाँच में पाया है कि खाड़ी देशों के अरब परिवारों में अभी भी 100 से अधिक महिलाएँ फँसी हुई हैं। हाल ही में मानव तस्करी रैकेट द्वारा कुवैत के परिवारों को बेची गई केरल की तीन महिलाओं को बचाने के बाद इस मामले की जाँच तेज कर दी गई है।

जाँच कर रहे ​अधिकारियों को पता चला है कि रैकेट ने कुवैत में बेबी सिटर और अस्पताल के स्टाफ की नौकरी के लिए आवेदन माँगे थे। केरल में नौकरी के पोस्टर चिपकाने के बाद दिसंबर 2021 और फरवरी 2022 के बीच कई महिलाओं की भर्ती की गई। हालाँकि, नौकरी की चाह में झूठे दावों की शिकार हुई महिलाओं के बारे में कोई विशेष विवरण नहीं है।

इस मामले में पुलिस को दो और महिलाओं का पता लगाने में सफलता मिली है। एक कोल्लम और दूसरी एर्नाकुलम की रहने वाली है। ये कुवैत में मानव तस्करी रैकेट चलाने वालों के चंगुल से भाग निकली और वहाँ एक मलयाली संगठन की मदद से अपने घर वापस लौट आई हैं। दोनों महिलाओं ने टीएनआईई को बताया कि मानव-तस्करी रैकेट ने कुवैत पहुँचने पर उनके पासपोर्ट जब्त कर लिए थे।

उनमें से एक ने बताया, “वहाँ पहुँचने के बाद हमें पता चला कि वे हमें अरब परिवारों के घर की नौकरानी बनाने के लिए यहाँ पर लेकर आए थे।” उन्होंने कहा, “जब हमने इसका विरोध किया तो उन लोगों ने हमें फर्जी मामलों में फँसाकर जेल में डालने की धमकी दी। हम इससे काफी डर गए थे। यह भी नहीं जानते थे कि किसी अंजान जगह पर क्या करें।”

उसने आगे बताया, “हमने वहाँ कई अन्य महिलाओं को भी देखा, जिन्हें हमारी तरह कुवैत लाया गया था। कुछ को तो रैकेट चलाने वालों से बहस करते हुए भी देखा गया।”

वहीं दूसरी महिला ने बताया कि उसे इस साल 5 फरवरी को दुबई के रास्ते कुवैत ले जाया गया था। उसने उनका विरोध किया और वह 4 मार्च को वहाँ से लौटने में सफल रही। उसने कहा, “वहाँ जीवन नरक था। मैंने इसका पुरजोर तरीके विरोध किया। मेरे जैसे कई लोग अभी भी वहीं फँसे हुए हैं। कुवैत में एक मलयाली संगठन की मदद से मैं भागने में कामयाब हुई।”

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ईसाई धर्मांतरण के लिए ST बच्चों का हो रहा ब्रेनवॉश, MP के मंडला में बाल आयोग को SFI स्कूल के अवैध हॉस्टल से मिले...

मध्य प्रदेश में साइन फॉर इंडिया नाम का स्कूल है, इसके हॉस्टल में रहने वाले 15 लड़कियों और 33 लड़कों को ईसाई बना दिया गया है। इस स्कूल को हॉस्टल चलाने की अनुमति तक नहीं है।

‘न्यायपालिका का सबसे काला दिन…’ जस्टिस यशवंत वर्मा के ‘ट्रांसफर’ से भड़के इलाहाबाद HC के वकील, बार एसोसिएशन विरोध में उतरा: ‘कैश कांड’ में...

कैश कांड से जुड़े जस्टिस यशवंत वर्मा को इलाहाबाद हाई कोर्ट स्थानांतरित करने का आदेश जारी हो गया है। वहीं, एक महिला की भूमिका सामने आई है।
- विज्ञापन -