जापान तकनीकी और विज्ञान के क्षेत्र में बहुत आगे है, लेकिन उसके सामने अपनी आबादी को बचाने की गंभीर समस्या खड़ी हो गई है। दरअसन, जापान में जन्मदर (बच्चों का जन्म) की गिरावट से उनके ऊपर विलुप्ति का खतरा बढ़ गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर यह स्थिति जारी रही तो आने वाले समय में जापान की आबादी खत्म हो सकती है। तोहोकू यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर हिरोशी योशिदा ने चेतावनी दी है कि अगर यही हाल रहा तो 5 जनवरी 2720 तक जापान में 14 साल से कम उम्र का सिर्फ एक बच्चा बचेगा।
प्रोफेसर योशिदा ने इसकी मॉनिटरिंग के लिए एक खास ‘टिकिंग क्लॉक’ बनाई है, जो हर साल के आँकड़ों के आधार पर दिखाती है कि जापान में बच्चों की संख्या कितनी तेजी से घट रही है। आँकड़ों के अनुसार, हर साल बच्चों की आबादी में 2.3% की कमी हो रही है। अगर यही दर जारी रही तो 695 साल बाद जापान में एक भी व्यक्ति जीवित नहीं बचेगा। यह घड़ी 2012 से अपडेट हो रही है और इसका मकसद इस गंभीर समस्या की ओर ध्यान खींचना है।
जापान की जन्मदर 2023 में 1.20 तक गिर गई, जो अब तक का सबसे निचला स्तर है। 2024 की पहली छमाही में केवल 3,50,074 बच्चों का जन्म हुआ, जो 2023 की तुलना में 5.7% कम है। यह आँकड़ा साल 1969 के बाद का सबसे कम है।
विशेषज्ञों का कहना है कि लोग अब शादी और बच्चों में कम रुचि ले रहे हैं। आर्थिक असुरक्षा, बच्चों की परवरिश की बढ़ती लागत और सिंगल लाइफ का बढ़ता चलन इसके प्रमुख कारण हैं। कई युवा करियर और व्यक्तिगत स्वतंत्रता को प्राथमिकता दे रहे हैं, जिससे शादी और बच्चे पैदा करने का फैसला टलता जा रहा है।
जापान सरकार ने जन्मदर बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं, जैसे माता-पिता को आर्थिक मदद और बच्चों की देखभाल के लिए सब्सिडी। लेकिन इन नीतियों का प्रभाव अभी तक दिखाई नहीं दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए गए तो जापान का भविष्य खतरे में पड़ सकता है।