अमेरिका में हिन्दुओं के खिलाफ घृणा फ़ैलाने वालों पर कार्रवाई के लिए अब कानून बनने जा रहा है। ‘हिन्दूफोबिया’ के खिलाफ अमेरिका के जॉर्जिया राज्य में विधेयक लाया गया है। ऐसा करने वाला जॉर्जिया पहला राज्य बन गया है। कानून बनने पर हिन्दुओं के खिलाफ घृणा फैलाने वालों पर तगड़ा एक्शन होगा।
जॉर्जिया की प्रांतीय सीनेट में हिन्दूफोबिया के खिलाफ लड़ने के लिए विधयक लाया गया है। इसका नाम अभी SB375 है। इसे 4 अप्रैल, 2025 को जॉर्जिया की प्रांतीय सीनेट में पेश किया गया था। इस पर बहस हो रही है। इस कानून को सीनेट में डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन सदस्यों ने समर्थन दिया है।
डेमोक्रेट्स जेसन इस्टीव्स और इमेनुअल जोन्स तथा रिपब्लिकन शॉन स्टिल एवं क्लिंट डिक्सन ने इस कानून का पुरजोर समर्थन किया है। यह कानून इन्हीं सीनेटरों ने पेश किया है। सीनेटर स्टिल ने कहा, “पिछले कुछ वर्षों में, हमने देश भर में हिंदुओं के खिलाफ अपराधों में काफी बढ़त वृद्धि देखी है।”
अभी यह प्रस्ताव सीनेट से पास नहीं हुआ है। अगर यह पास होता है तो जॉर्जिया के स्थानीय कानूनों में बदलाव किया जाएगा। इसके बाद हिन्दूफोबिया को घृणा आधारित अपराधों में रखा जाएगा और इसके लिए सजा तथा हिन्दू हितों की रक्षा सम्बन्धित नियम बनाए जाएँगे।
कानून बनने की स्थित में खालिस्तानी और इस्लामी तत्व हिन्दुओ को परेशान नहीं कर पाएँगे। जॉर्जिया में कानून बनने से अमेरिका में बाकी राज्यों में भी ऐसे नियमों की राह प्रशस्त हो सकती है। वर्तमान में जॉर्जिया में 40 हजार से अधिक हिन्दू रहते हैं जबकि अमेरिका में 25 लाख से अधिक हिन्दू बसते हैं।
अमेरिका में बीते कुछ वर्षों में हिन्दुओं और उनके मंदिरों पर हमले के कई मामले सामने आए हैं। हिन्दूफोबिया ट्रैकर के अनुसार, अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को और न्यूयॉर्क में बीते कुछ वर्षों में खालिस्तानी तत्वों ने मंदिरों पर हमला किया है। हिन्दुओं पर अभद्र टिप्पणियाँ की गई हैं।
इस कानून के लिए वकालत करने वाले संगठन नार्थ अमेरिका हिन्दू कोएलिशन ने कहा, “हमें इस विधेयक पर सीनेटर शॉन स्टिल के साथ मिलकर काम करने पर गर्व है और हम जॉर्जिया और अमेरिका में हिन्दुओं का समर्थन करने के लिए सभी सीनेटर का धन्यवाद करते हैं।”
जॉर्जिया में इससे पहले भी हिन्दू हित के लिए काम होता रहा है। अप्रैल, 2023 में जॉर्जिया की सीनेट में हिन्दूफोबिया के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया था। जॉर्जिया की सीनेट ने इस प्रस्ताव में हिन्दू धर्म की तारीफ करते हुए कहा था कि विविधताएँ भरी कई संस्कृतियाँ इसका हिस्सा हैं।