स्कॉटलैंड की संसद में हिंदूफोबिया के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया गया है। यहाँ पहली बार हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर आधिकारिक रूप से निंदा की गई है। इस प्रस्ताव का नाम Motion S6M-17089 है।
इसे एडिनरबरा ईस्टर्न क्षेत्र की संसदीय सदस्य और अल्बा पार्टी की नेता ऐश रीगन ने पेश किया। इस प्रस्ताव का उद्देश्य स्कॉटलैंड में रहने वाले हिंदू समुदाय के साथ हो रहे भेदभाव, नफरत और समाज में उनकी अनदेखी के खिलाफ आवाज़ उठाना है।
संसद में पेश किए गए इस प्रस्ताव को कॉलिन बीट्टी, स्टेफनी कैलाघन और केविन स्टीवर्ट समेत कई सांसदों से समर्थन मिला है। इस प्रस्ताव में साफ तौर पर कहा गया है कि स्कॉटलैंड के हिंदू समुदाय को भेदभाव, बहिष्कार और नफरत का सामना करना पड़ रहा है।
ऐश रीगन ने प्रस्ताव पेश करते हुए कहा, “स्कॉटलैंड की विविधता इसकी ताकत है। लेकिन हम पूर्वाग्रह से पीड़ित लोगों की आवाज़ों को अनदेखा करते हुए उस विविधता का जश्न नहीं मना सकते। यह प्रस्ताव सिर्फ प्रतीकात्मक नहीं है बल्कि यह एक ठोस बदलाव की माँग है।”
हिंदूफोबिया पर रिपोर्ट का असर
दरअसल, इस प्रस्ताव को एक अहम रिपोर्ट के आधार पर पेश किया गया है। गांधिवादी शांति समाज (GPS) की रिपोर्ट Hinduphobia in Scotland: Understanding, Addressing, and Overcoming Prejudice यानी ‘हिंदूफोबिया को समझना, उसका समाधान खोजना और उसे खत्म करना’ के आधार पर यह बात हो रही है।
रिपोर्ट को GPS के महासचिव ध्रुव कुमार, GPS के अध्यक्ष अनुरंजन झा, सुखी बैंस, अजित त्रिवेदी और इंडियन काउंसिल ऑफ स्कॉटलैंड एंड यूके के अध्यक्ष नील झाल ने लिखा है। रिपोर्ट में आँकड़े, पीड़ितों की गवाही और सच्ची घटनाएँ शामिल हैं।
स्कॉटलैंड के 30 हज़ार हिंदुओं की आपबीती
रिपोर्ट में कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं, जिसमें मंदिरों पर हमले और तोड़फोड़, कार्यस्थल पर हिंदू कर्मचारियों के साथ भेदभाव, हिंदू त्योहारों और परंपराओं को लेकर मजाक, स्कूलों और सार्वजनिक जीवन में सांस्कृतिक अनदेखी और कई बार शारीरिक या मानसिक हमले शामिल भी शामिल की गई हैं। ये सारी घटनाएँ स्कॉटलैंड में रह रहे 30 हज़ार हिंदू आबादी से ली गई हैं।
अमेरिका के जॉर्जिया में भी आया है प्रस्ताव
स्कॉटलैंड हिंदूफोबिया के खिलाफ प्रस्ताव पेश करने वाला पहला देश नहीं है। हाल ही में अमेरिका के जॉर्जिया राज्य में हिंदूफोबिया के खिलाफ विधेयक लाया गया था। इस कानून को सीनेट में डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन सदस्यों ने समर्थन दिया है। हालाँकि अभी यह विधेयक सीनेट से पास नहीं हुआ है। अगर यह पारित होता है तो हिंदूफोबिया को घृणा आधारित अपराधों में रखा जाएगा और इसके लिए हिंदू हितों की रक्षा संबंधित नियम बनाए जाएँगे।