पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के शैक्षणिक संस्थानों में भारतीय गानों पर डांस करने पर प्रतिबंध लग गया। यह आदेश पंजाब उच्च शिक्षा आयोग ने सरकारी और प्राइवेट दोनों तरह के कॉलेजों के लिए लागू किया। सर्कुलर में कहा गया कि कॉलेजों में ‘अनैतिक और अश्लील’ गतिविधियों को रोकने के लिए ऐसा आदेश जारी किया जा रहा है।
पंजाब के शिक्षा निदेशक सैयद अंसार अजहर द्वारा जारी सभी निर्देश में साफ तौर पर कहा गया है कि कई मामले आए हैं जब छात्रों को प्राइवेट में और पब्लिकली भी भारतीय गानों पर डांस करते देखा गया। ऐसे में निर्देश दिए जाते हैं कि शैक्षणिक संस्थानों में ऐसी हरकतें न की जाएँ। अगर ऐसी गतिविधियाएँ होती हैं तो सख्त कार्रवाई की जाए।
#BREAKING: Punjab Government in Pakistan has banned students in all colleges & education institutes across the province from dancing on Indian Bollywood songs. Circular issued to implement the order or face strict disciplinary action. Pakistani youth mostly dance on Hindi songs. pic.twitter.com/RkGZJ0SDgD
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) March 15, 2025
बता दें कि पहला मामला नहीं है जब होली के मौके पर पाकिस्तान के कॉलेजों में ऐसे प्रतिबंध लगाए गए हों…। पाकिस्तान के कराची स्थित दाऊद यूनिवर्सिटी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी ने हाल ही में अपने हिंदू छात्रों को होली मनाने के लिए एक शो-कॉज नोटिस जारी किया था।
इसके अलावा कैद-ए-आजम यूनिवर्सिटी ने भी छात्रों को परिसर में होली खेलने से मना किया था और कहा था कि होली का उत्सव देश की इस्लामी पहचान को कमजोर करता है। लाहौर की पंजाब यूनिवर्सिटी में 30 हिंदू छात्रों को होली मनाने से रोकने का काम हुआ। इस घटना में करीबन 15 छात्र घायल हो गए थे।
The Punjab Higher Education Commission has imposed a ban on dancing to Indian songs and other immoral and indecent activities in both public and private colleges. A circular has been issued to the Directors of Colleges and Principals across the province.#Punjab #Banned #Bans pic.twitter.com/zOH25vU9Wz
— Voiceup Pakistan (@VoiceupPakistan) March 14, 2025
मालूम हो कि पाकिस्तान में हर साल हिंदू पर्व आने पर इस तरह के प्रतिबंध सुनाई पड़ते हैं। पाकिस्तान का उच्च शिक्षा आयोग मानता है कि होली जैसे समारोह आयोजित होने से देश के सामाजिक-सांस्कृतिक मूल्यों पर असर पड़ेगा। इससे देश की इस्लामी पहचान को नुकसान पहुँच सकता है।