पशु अधिकारों के लिए काम करने का दावा करने वाली संस्था PETA ने महिलाओं से अपील की है कि वो मांसाहारी पुरुषों के साथ रोमांस या सेक्स न करें। PETA की अधिकारी डॉक्टर कैरिज बेनेट ने दावा किया कि पुरुषों का कार्बन फूटप्रिंट 40% ज्यादा है, क्योंकि वो महिलाओं के मुकाबले ज्यादा मांस का सेवन कर रहे हैं। संस्था के अनुसार, जर्मनी में लड़कियों से कहा जा रहा है कि वो अपने बॉयफ्रेंड या पति के साथ तब तक सेक्स न करें, जब तक वो मांस का सेवन करने न छोड़ दें।
डॉक्टर बेनेट ने ‘टाइम्स रेडियो’ से बात करते हुए कहा, “पुरुषों को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। प्रत्येक वर्ष हम 100 करोड़ मुर्गे, गाय और सूअर को मार डालते हैं। महिलाओं को पुरुषों के खिलाफ ‘सेक्स स्ट्राइक’ कर देना चाहिए। ग्रीनहाउस गैस के 40% उत्सर्जन के लिए ये पुरुष ही जिम्मेदार हैं। महिलाओं को मांसाहारी पुरुषों के साथ सेक्स नहीं करना चाहिए। सेक्स को एक माध्यम के रूप में इस्तेमाल किया जाना चाहिए।”
PETA ने कहा है कि सब-अर्बन पुरुषों के बारे में सब सबको पता है कि वो एक हाथ में बियर रखे रहते हैं और अपने महँगे गैस चूल्हे पर मांस पकाते रहते हैं। ईद-बकरीद पर बकरे काटे जाने पर चुप रहने वाली संस्था ने कहा कि ये पुरुष सोचते हैं कि वो मांस खाने की क्षमता से ही दुनिया के सामने अपनी ‘Masculinity (मर्दानगी)’ साबित करेंगे। PETA ने दावा किया कि ये पुरुष न सिर्फ जानवर, बल्कि इस पूरी पृथ्वी को नुकसान पहुँचा रहे हैं।
“Men should be held accountable. We’re still killing one billion chickens, cows, and pigs every year.”
— Times Radio (@TimesRadio) September 22, 2022
Women should ‘go on sex strike’ as men ‘are responsible for over 40% more greenhouse gas emissions’, a PETA campaign in Germany says. Dr Carys Bennett discusses on #TimesRadio. pic.twitter.com/pMyJ92ich7
हालाँकि, यही PETA भारत में लंपी वायरस से गायों की हो रही मौतों पर चुप है और पीड़ित पशुओं के लिए कुछ नहीं कर रहा है। एक भी PETA कार्यकर्ता या अधिकारी को पीड़ित गायों की सेवा करते हुए नहीं देखा गया, जबकि इस बीमारी से 60,000 से अधिक गोवंशों की मौत हो चुकी है। उधर ऑस्ट्रेलिया में PETA की एक अधिकारी ने तो यहाँ तक दावा कर दिया कि डेटिंग एप्स पर पुरुषों को ज्यादा मैच मिलते हैं। ‘सेक्स स्ट्राइक’ पर उन्होंने कहा ये एक चर्चा की शुरुआत भर है और संस्था को कोई मतलब नहीं है कि आप अपने बेडरूम में क्या करते हैं।