Saturday, April 27, 2024
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गैर-मुस्लिम एलिजाबेथ के लिए मक्का में उमराह, वीडियो वायरल होने के बाद सऊदी पुलिस ने किया गिरफ्तार

उमराह केवल मुस्लिमों के लिए होता है और एलिजाबेथ ईसाई समुदाय से थीं। सऊदी पुलिस ने माना है कि आरोपित ने उमराह के नियमों का उल्लंघन किया है।

ब्रिटेन की रानी एलिजाबेथ (Queen Elizabeth II) की मौत के बाद उनके नाम पर उमराह करने गए यमन के एक नागरिक को सऊदी अरब पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार व्यक्ति मक्का मस्जिद में एलिजाबेथ के नाम का बैनर ले कर घुसा था। इसकी फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

हुआ यह कि गैर-मुस्लिम एलिजाबेथ के लिए उमराह (Umrah for Queen Elizabeth) करने के कारण इस व्यक्ति के खिलाफ सोशल मीडिया पर मुस्लिम लोग कार्रवाई की माँग करने लगे। गिरफ्तार व्यक्ति पर अब सऊदी कानूनों के तहत मुकदमा चलेगा। यह मामला सोमवार (12 सितम्बर 2022) का है।

पकड़े गए यमनी नागरिक का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वो सफेद रंग के कपड़े पहन रखा है और मक्का मस्जिद की दीवार से सट कर खड़ा हुआ है। उसके हाथों में एक बैनर है, जिस पर “क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय के लिए उमराह, हम खुदा से उन्हें जन्नत में स्वीकार करने की कामना करते हैं” लिखा हुआ है।

वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि ब्रिटेन की रानी एलिजाबेथ के लिए उमराह करने वाले युवक का वीडियो कोई और व्यक्ति बना रहा है। वीडियो में वो व्यक्ति बैनर पर लिखे गए शब्दों को खुद भी दोहरा रहा है।

वीडियो में दिख रहे व्यक्ति को गिरफ्तार करने के दौरान सऊदी पुलिस ने माना है कि आरोपित ने उमराह के नियमों का उल्लंघन किया है। सऊदी सरकार के सरकारी TV चैनल पर भी यह घटना चलाई गई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उमराह केवल मुस्लिमों के लिए होता है और एलिजाबेथ ईसाई समुदाय से थीं। अब आरोपित पर फैसला सऊदी सरकार की अदालत को लेना है।

गौरतलब है कि ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय (Queen Elizabeth II) का गुरुवार (8 सितंबर 2022) को स्कॉटलैंड के बाल्मोरल कैसल में निधन हो गया था। उनकी उम्र 96 साल थी। उनका जन्म 21 अप्रैल 1926 को हुआ था, जो अपने पिता जॉर्ज षष्टम की मौत के बाद 1952 में मात्र 25 वर्ष की उम्र में ब्रिटेन की महारानी बनी थीं।

एलिजाबेथ द्वितीय न सिर्फ ब्रिटेन की महारानी थीं, बल्कि इसके अलावा वे 14 अन्य देशों की भी महारानी थीं। इस सूची में कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, जमैका, बहामास, ग्रेनेडा, पापुआ न्यू गिनी, सोलोमन आइलैंड्स, तुवालू, सैंट लूसिया, सेंट विंसेट एंड ग्रेनेजियन्स, एंटीगुआ और बारबुडा, बेलिज, सेंट किट्स एंड नेविस शामिल हैं। हालाँकि एलिजाबेथ द्वितीय इन देशों की सिर्फ सांकेतिक महारानी थीं। यहाँ के शासन या सरकार में उनका कोई हस्तक्षेप नहीं था।

पैगंबर मुहम्मद की वंशज एलिजाबेथ?

मार्च 2018 में मोरक्कन अखबार अल-ओस्बो (Al-Ousboue) में यह दावा किया गया था कि महारानी के मुहम्मद की बेटी फातिमा से सम्बंध हैं और वह पैगंबर की 43वीं वंशज हैं। TOI ने भी मोरक्को की रिपोर्ट का हवाला देते हुए लिखा था कि ब्रिटेन की महारानी पैगंबर की 43वीं वंशज हैं।

दरअसल, साल 1986 में शाही वंश पर अध्ययन करने वाली संस्था बर्क्स पीरगे के पब्लिशिंग डायरेक्टर हैरल्ड बी ब्रूक्स बेकर ने यह दावा किया था। इसके बाद मोरक्को के एक अखबार ने अपने आर्टिकल में ऐसा ही दावा किया था।

दावा किया जा रहा है कि एलिजाबेथ द्वितीय की ब्‍लडलाइन 14वीं सदी के अर्ल ऑफ कैंब्रिज से है और यह मध्‍यकालीन इस्लामी स्‍पेन से लेकर पैगंबर मोहम्मद की बेटी फातिमा तक जाती है। फातिमा हजरत मोहम्मद की बेटी थीं और उनके वंशज स्पेन के राजा थे, जिनसे महारानी का संबंध बताया जा रहा है। इसी वजह से, महारानी को मोहम्मद का वंशज कहा जा रहा है।

दावों और रिपोर्टों से परे है सच्चाई। कैसे? 2018 में इस विषय पर द टाइम्स से बात करते हुए अंग्रेजी इतिहासकार और टेलीविजन पर्सनेल्टी डेविड स्टार्की ने कहा था कि एलिजाबेथ को पैगंबर मुहम्मद के वंश से जोड़ा गया। हालाँकि, इसे इतिहासकारों द्वारा सत्यापित नहीं किया गया था और न ही पूरी तरह से स्वीकार किया गया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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