Tuesday, November 5, 2024
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व्हाइट हाउस के गुप्त दौरे पर पहुँचे राहुल गाँधी! किससे मिले और क्या बात हुई – सब कुछ सीक्रेट: 2024 चुनाव के लिए विदेशी हस्तक्षेप की तैयारी?

उन्होंने बेतुका कारण बताते हुए कहा कि राहुल गाँधी को ये जानकारी देते हुए IUML को सेक्युलर बताया जाना चाहिए था कि शाहबानो मामले में उसने राजीव गाँधी की सरकार के खिलाफ स्टैंड लिया।

राहुल गाँधी अमेरिका के 10 दिनों के दौरे पर गए हुए हैं। इस दौरान उन्होंने कई कार्यक्रमों में भारत को लेकर नकारात्मक बातें की। इस दौरान उन्होंने न सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बदनाम किया, बल्कि हिन्दुओं को नीचा दिखाने और मुस्लिमों के महिमामंडन का भरपूर प्रयास किया। लेकिन, अब सामने आ रहा है कि अपने अमेरिका दौरे में राहुल गाँधी चोरी-छिपे व्हाइट हाउस भी पहुँचे थे। वहाँ क्या सब हुआ, इसे गुप्त रखा गया है।

ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि ऐसा क्या है जो कॉन्ग्रेस पार्टी देश से छिपाना चाहती है, क्योंकि व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बायडेन के प्रशासन के कुछ मुख्य लोगों के अलावा कॉन्ग्रेस पार्टी के भी प्रतिनिधि राहुल गाँधी के साथ थे। ‘इकोनॉमिक टाइम्स’ में सीमा सिरोही द्वारा लिखे गए एक लेख में राहुल गाँधी की जम कर प्रशंसा भी की गई है। साथ ही बताया गया है कि विदेशी नीतियों के मामले में वब वो परिपक्व हो गए हैं और एक रणनीतिक साझेदार के रूप में अमेरिका की महत्ता समझते हैं।

प्रवासी भारतीय समुदाय में उत्साह भरने के लिए भी उनकी प्रशंसा इस लेख में की गई। जब ट्विटर पर ‘हिन्दू एक्शन’ पेज ने राहुल गाँधी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आलोचक बताया तो वो कहने लगीं कि पीएम मोदी को प्रतिदिन साष्टांग प्रणाम न करने वालों को उनका आलोचक बता दिया जाता है। हालाँकि, सीमा सिरोही ने माना कि राहुल गाँधी द्वारा IUML (इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग) को सेक्युलर बताया जाना ठीक नहीं था।

उन्होंने बेतुका कारण बताते हुए कहा कि राहुल गाँधी को ये जानकारी देते हुए IUML को सेक्युलर बताया जाना चाहिए था कि शाहबानो मामले में उसने राजीव गाँधी की सरकार के खिलाफ स्टैंड लिया। सच्चाई ये है कि IUML भारत का विभाजन करने वाली मोहम्मद अली जिन्ना की मुस्लिम लीग से ही उपजा हुआ संगठन है। उन्होंने इस लेख में लिखा है कि रणनीतिक कारणों से राहुल गाँधी के व्हाइट हाउस दौरे को गुप्त रखा गया, लेकिन जो बायडेन की सरकार ने भारत के एक विपक्षी नेता के लिए दरवाजे बंद नहीं किए और बंद करना ही क्यों था।

2024 लोकसभा चुनाव से पहले राहुल गाँधी के गुप्त रूप से व्हाइट हाउस जाने को लेकर चिंतित लोग पूछ रहे हैं कि ये क्यों नहीं बताया जा रहा है कि वो वहाँ किससे मिले। वैसे ये पहली बार नहीं है जब राहुल गाँधी विदेशी ताकतों से भारत में हस्तक्षेप की अपेक्षा कर रहे हों। उन्होंने अमेरिका से भारत में ‘लोकतंत्र पुनर्स्थापित करने’ का आग्रह किया था। उन्होंने कैम्ब्रिज में भाषण देते हुए पश्चिमी देशों से भारत में सरकार बदलने की प्रक्रिया में मदद करने को कहा था, इस दौरान वो ये भूल गए थे कि ये भारत की जनता का काम है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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