Friday, April 26, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयपाकिस्तान में बच्चों से गवाए जा रहे 'सलाम तालिबान' के गीत, Pok में JeM...

पाकिस्तान में बच्चों से गवाए जा रहे ‘सलाम तालिबान’ के गीत, Pok में JeM व LeT के आतंकी खुलेआम समर्थन में निकाल रहे रैली

POK में तालिबान समर्थित रैली बुलाई गई, जिसमें पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी भी दिखाई दिए। इन्होंने तालिबान के समर्थन में हवाई फायरिंग भी की, साथ ही दोनों आतंकी संगठनों के नेताओं ने रैली को सम्बोधित भी किया।

पाकिस्तान अब खुलकर तालिबान के समर्थन में जश्न मना रहा है। जहाँ एक ओर इस्लामाबाद के मदरसे में बच्चों को ‘सलाम तालिबान’ के गीत पढ़ाए जा रहे हैं, वहीं पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले कश्मीर (POK) में आतंकी संगठनों द्वारा तालिबान के समर्थन में रैलियाँ निकाली जा रही हैं।

पाकिस्तान द्वारा अक्सर अपनी जमीन का कट्टरपंथी उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाता रहा है। इसी क्रम में अब खबर आ रही है कि पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में लाल मस्जिद से जुड़े मदरसे में बच्चों से सलाम तालिबान के गीत पढ़वाए जा रहे हैं। पत्रकार समीर अब्बास ने ट्वीट करके कहा कि इस्लामाबाद की लाल मस्जिद से जुड़े मदरसे के बच्चों से “सलाम तालिबान” के गीत पढ़वा रहे हैं पाकिस्तानी कट्टरपंथी। अब्बास ने कहा कि पेशावर के सैनिक स्कूल में तालिबान के हमले में 132 बच्चों की दर्दनाक मौत भुलाकर जश्न मनवाया जा रहा है।

दूसरी ओर पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले कश्मीर (POK) से आतंकी संगठनों द्वारा तालिबान के समर्थन में रैली निकलने की खबर भी सामने आई है। ज्ञात हो कि सोमवार (23 अगस्त 2021) को POK में तालिबान समर्थित रैली बुलाई गई, जिसमें पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी भी दिखाई दिए। इन्होंने तालिबान के समर्थन में हवाई फायरिंग भी की, साथ ही दोनों आतंकी संगठनों के नेताओं ने रैली को सम्बोधित भी किया।

हालाँकि, पाकिस्तान भले ही खुले तौर पर न सही लेकिन तालिबान का समर्थन जरूर कर रहा है। यहाँ तक कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री और कई अन्य मंत्री यह कह चुके हैं कि तालिबानी बुरे लोग नहीं हैं और वो केवल इस्लाम के अनुसार शासन चलाना चाहते हैं। इस्लामाबाद में ‘एकल राष्ट्रीय पाठ्यक्रम’ के उद्घाटन समारोह के दौरान पीएम इमरान खान ने तालिबानी शासकों द्वारा अफगानिस्तान पर कब्जे को उचित ठहराया था और कहा था कि अफगान के नागरिकों की मानसिक गुलामी की जंजीरें टूट गईं।

ज्ञात हो कि काबुल पर तालिबानी कब्जे के पहले भी जब अफगानी सेना और तालिबान के बीच संघर्ष छिड़ा हुआ था, तब भी कई मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया था कि पाकिस्तान लगातार अफगानिस्तान में अस्थिरता लाना चाहता है और इसके लिए वह तालिबान की सहायता कर रहा है। कई पाकिस्तानी सैन्य अधिकारी, तालिबान के साथ अफगानी इलाकों में कब्जा करने की मुहिम में शामिल थे।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘इस्लाम में दूसरे का अंग लेना जायज, लेकिन अंगदान हराम’: पाकिस्तानी लड़की के भारत में दिल प्रत्यारोपण पर उठ रहे सवाल, ‘काफिर किडनी’ पर...

पाकिस्तानी लड़की को इतनी जल्दी प्रत्यारोपित करने के लिए दिल मिल जाने पर सोशल मीडिया यूजर ने हैरानी जताते हुए सवाल उठाया है।

इस्लामी-वामी फिलीस्तीन समर्थकों का आतंक देख US भूला मानवाधिकारों वाला ज्ञान, भारत के समय खूब फैलाया था प्रोपगेंडा: अमेरिका का दोहरा चरित्र बेनकाब

यूएस आज हिंसक प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई कर रहा है, लेकिन यही काम जब भारत ने देश में कानून-व्यवस्था बनाने के लिए करता है तो अमेरिका मानवाधिकारों का ज्ञान देता है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe