Friday, April 26, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीय'अरब की औरतें मोटी' वाली रिपोर्ट में छापी जिस हिरोइन की तस्वीर वह भड़कीं,...

‘अरब की औरतें मोटी’ वाली रिपोर्ट में छापी जिस हिरोइन की तस्वीर वह भड़कीं, ‘द इकोनॉमिस्ट’ पर करेंगी केसः कहा- यह निजता का उल्लंघन, तस्वीर से छेड़छाड़ भी की

इस लेख को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा फूटा था। उन्होंने इसे तथ्यों से परे बताया था। अरब से जुड़े लोगों ने 'द इकोनॉमिस्ट' की जमकर आलोचना की थी।

लंदन के जाने माने समाचार पत्र ‘द इकोनॉमिस्ट’ ने हाल ही में अरब की औरतों को ‘मोटी’ बताते हुए एक लेख छापा था। इस लेख में पुरुषों और महिलाओं के बीच मोटापे का अंतर समझाने के लिए एक इराकी अभिनेत्री की तस्वीर छापी गई थी। लेख का शीर्षक था ‘अरब जगत में पुरुषों की तुलना में महिलाएँ मोटी क्यों हैं?’

इस लेख में जिस इराकी अभिनेत्री की तस्वीर छापी गई थी उन्होंने इसे लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है। साथ ही 42 वर्षीय अभिनेत्री ने कहा है कि वो ‘द इकोनॉमिस्ट’ के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज करेंगी। तालेब को ‘द इकोनॉमिस्ट’ के लेख का शीर्षक द्वेषपूर्ण लगा। लेख में ये भी लिखा गया कि इराकी लोग एक्ट्रेस एनास तालेब के कर्व को सुंदरता के आदर्श के रूप में देखते हैं।

इस लेख के प्रकाशित होने के बाद बलसम मुस्तफा ने ट्विटर पर आर्टिकल में प्रयोग की गई महिला कलाकार की तस्वीर पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा कि जो महिला तस्वीर में दिख रही है वो बहुत छोटेपन से हर टैबू को तोड़ती आई है। उसे तो सम्मान दिया जाना चाहिए, न कि उसे या किसी और अरब महिला को बॉडी शेम करना चाहिए।

बता दें कि इस लेख की जबरदस्त आलोचना हुई थी। कई लेखकों ने इस लेख को अरब महिलाओं के बारे में अपमानजनक रूढ़िवादिता के रूप में दर्शाया। इस लेख का निष्कर्ष था कि अरब में औरतें ज्यादातर घर में रहती हैं इसलिए वो मोटी होती हैं। लेख के अनुसार वहाँ औरतों को घर से बाहर खेलने कूदने का मौका नहीं मिलता जिसके कारण वो मोटी हो जाती हैं। जबकि मर्द घर से बाहर जाते हैं, काम करते हैं, मजदूरी करते हैं।

इस लेख को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा फूटा था। उन्होंने इसे तथ्यों से परे बताया था। अरब से जुड़े लोगों ने ‘द इकोनॉमिस्ट’ की जमकर आलोचना की थी। उन्होंने ये भी पूछा कि आखिर इस समाचार पत्र को उनसे क्या दिक्कत है। एक के बाद एक घटिया लेख उनके बारे में क्यों लिखे जाते हैं। इसी तरह अन्य यूजर्स भी ‘द इकोनॉमिस्ट’ पर गुस्सा उतारते हुए दिखे। कुछ ने आरोप लगाया कि ये विदेशी अखबर अरब वालों से चिढ़ता है क्योंकि वहाँ की औरतों के पास ज्यादा अधिकार हैं। अगर वहाँ उन्हें कोई परेशान करता है तो सीधे जेल में होगा।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

लोकसभा चुनाव 2024: बंगाल में हिंसा के बीच देश भर में दूसरे चरण का मतदान संपन्न, 61%+ वोटिंग, नॉर्थ ईस्ट में सर्वाधिक डाले गए...

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग के 102 गाँवों में पहली बार लोकसभा के लिए मतदान हुआ।

‘इस्लाम में दूसरे का अंग लेना जायज, लेकिन अंगदान हराम’: पाकिस्तानी लड़की के भारत में दिल प्रत्यारोपण पर उठ रहे सवाल, ‘काफिर किडनी’ पर...

पाकिस्तानी लड़की को इतनी जल्दी प्रत्यारोपित करने के लिए दिल मिल जाने पर सोशल मीडिया यूजर ने हैरानी जताते हुए सवाल उठाया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe