अफगानिस्तान में कब्जा करने के बाद कट्टरपंथी इस्लामी संगठन तालिबान को माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने अपने प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने से रोकने के मामले में कार्रवाई करने से इनकार कर दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने इस मामले में फेसबुक, यूट्यूब जैसे अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का अनुसरण करने से इनकार कर दिया है।
ट्विटर ने तालिबानी नेताओं के अकाउंट को सस्पेंड करने से इनकार कर दिया है। कट्टरपंथी इस्लामिक आतंकी संगठन के खिलाफ ट्विटर कार्रवाई करेगा या नहीं इसको लेकर कंपनी के प्रवक्ता ने मीडिया के इस सवाल को ही दरकिनार कर दिया। कंपनी के स्पोक्सपर्सन कहा कि वो ‘हिंसा का महिमामंडन’, अपने ‘प्लेटफॉर्म में हेरफेर और स्पैम’ पर अपने नियमों को लागू करता रहेगा।
सोशल मीडिया दिग्गज ने दावा किया, “ट्विटर की सर्वोच्च प्राथमिकता लोगों को सुरक्षित रखना है, और हम सतर्क रहते हैं।”
वर्तमान में, तालिबान के आधिकारिक प्रवक्ताओं के ट्विटर पर कई असत्यापित अकाउंट हैं। इनमें से एक जबीहुल्लाह मुजाहिद के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर 3,10,000 से अधिक फॉलोवर्स हैं। मंगलवार (17 अगस्त 2021) को जबीहुल्ला ने तालिबान द्वारा आयोजित कथित प्रेस कॉन्फ्रेंस को बढ़ावा देने वाला एक ट्वीट पोस्ट किया था, जिसमें सैकड़ों लोगों ने कमेंट किए थे। इनमें कई आतंकी संगठन के समर्थक थे।
کابل ښار کې وضعیت د بشپړ کنترول کېدو به حال کې ده.
— Zabihullah (..ذبـــــیح الله م ) (@Zabehulah_M33) August 16, 2021
هغه خپل سري کسان چې په شرارت او آشوب یې لاس پورې کړی وو اکثره نیول شوی دی.
هیچاته اجازه نشته چې د پخوانیو چارواکو کورونو ته ورشي، د موټرو غوښتنه ترې وکړي او تهدید کړي، د هغوی مخه به په جدیت سره نیول کیږې، تر جدي تعقیب لاندې دي.
तालिबान के दूसरे प्रवक्ता कारी यूसुफ अहमदी के ट्विटर पर 63,000 से अधिक फॉलोवर हैं। वो हाल ही अफगानिस्तान में सरकार पर तालिबानी हमले के दौरान तेजी से प्रसिद्ध हुआ। प्रवक्ता ने अफगान नेशनल आर्मी के खिलाफ हमलों और तालिबान के विभिन्न शहरों पर कब्जा करने के बारे में आक्रामक रूप से ट्वीट किया था।
#الفتح
— Ahmadi (@QyAhmadi21) August 16, 2021
دهلمند دکجکي ولسوالۍ دتنګي په سیمه کې دګوډاګۍ ادارې پاته ټول عسکر،پولیس، او اداري کارکونکي چي تر ۲۷۰ تنه پوري رسیدل دخپلو وسلو وسائطو او تجهیزاتو سره مجاهدینو ته تسلیم سول.
پدي سره دکجکي ولسوالۍ پاته مکمله سیمه مجاهدینو ته په لاس ورغله.
मीडिया प्लेटफॉर्म पर तालिबान का चेहरा सुहैल शाहीन भी ट्विटर पर काफी सक्रिय है। वह आतंकी संगठन की वार्ता टीम और राजनीतिक समूह का सदस्य भी है। खास बात यह है कि ट्विटर ने अभी तक इनमें से एक एक अकाउंट के खिलाफ भी कार्रवाई नहीं की है। तालिबान के प्रवक्ता अपने सैकड़ों-हजारों फॉलोवर्स को अपडेट करने के लिए कि उन्होंने अफगानिस्तान के विभिन्न क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया है, ट्विटर का इस्तेमाल करते हैं। माइक्रो ब्लॉगिंग साइट्स ने आतंकियों को अपना प्लेटफॉर्म उपलब्ध करा रखा है। इसके लिए उसकी काफी आलोचना भी की जा रही है।
A high-level delegation of the Political Office led by Abdul G. Baradar, Political Deputy Amir and Head of PO left Doha for Afghanistan on 17.8 21 and arrived in Kandahar evening time . They were warmly welcomed by officials of the Islamic Emirate and residents of Kandahar.
— Suhail Shaheen. محمد سهیل شاهین (@suhailshaheen1) August 17, 2021
कट्टरपंथी इस्लामवादियों से जुड़े अकाउंट्स को डिलीट करने में ट्विटर की अनिच्छा ने माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट के पाखंड को उजागर किया है। ट्विटर के कई आलोचकों ने बताया है कि कैसे ट्विटर इस साल की शुरुआत में वाशिंगटन में कैपिटल हिल दंगों के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पर प्रतिबंध लगाने के लिए उत्सुक था। हालाँकि, यह उसी इरादे से इस्लामी संगठन के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं कर रहा है।
फेसबुक, यूट्यूब ने तालिबान पर प्रतिबंध लगाया
जबकि, मंगलवार (17 अगस्त 2021) को ही सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी फेसबुक ने घोषणा की कि उसने तालिबान और उसके सभी प्लेटफार्मों से उसका समर्थन करने वाली सभी सामग्री पर प्रतिबंध लगा दिया है, क्योंकि अमेरिकी कानून के तहत तालिबान आतंकवादी संगठन है। कंपनी ने कहा था कि अफगान विशेषज्ञों की एक समर्पित टीम समूह से जुड़े सभी कंटेंट की निगरानी कर रही है और उन्हें अपने प्लेटफॉर्म से हटा रही है।
ज्ञात हो कि तालिबान लंबे समय से अपनी आतंकी वारदातों औऱ संदेशों के प्रचार के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग कर रहा है। रिपोर्ट्स में कहा गया है कि तालिबान ने अपने संदेश को फैलाने के लिए व्हाट्सएप का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया है।
इस मामले में फेसबुक ने एक बयान में कहा, “तालिबान को अमेरिकी कानून के तहत एक आतंकवादी संगठन के माना गया है और हमने अपनी नीतियों के तहत खतरनाक संगठन को अपनी सेवाओं से प्रतिबंधित कर दिया है। इसका मतलब है कि हम तालिबान द्वारा या उसकी ओर से बनाए गए अकाउंट्स को हटा रहे हैं औऱ उसकी प्रशंसा, समर्थन और प्रतिनिधित्व करने वालों पर प्रतिबंध लगा रहे हैं।”
कंपनी ने आगे कहा, “हमारे पास अफगानिस्तान के विशेषज्ञों की एक समर्पित टीम भी है, जो देशी दारी और पश्तो बोलने वाले हैं और स्थानीय संदर्भ का ज्ञान रखते हैं, जो हमें मंच पर उभरते मुद्दों को पहचानने और सतर्क रहने में मदद करते हैं।”
इसी तरह, वीडियो शेयरिंग प्लेटफॉर्म यूट्यूब ने भी कहा है कि वह तालिबान के स्वामित्व और संचालन वाले सभी अकाउंट को बैन कर देगा। फेसबुक की ही शाखा व्हाट्सएपने अफगानिस्तान पर नियंत्रण करने के बाद तालिबान द्वारा स्थापित एक शिकायत हेल्पलाइन को भी बंद कर दिया है।