Thursday, March 27, 2025
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G7 समिट के मंच से भी पाक को तगड़ा झटका, मोदी-ट्रंप के बीच फिर दिखा ज़बरदस्त याराना

इस प्रेस वार्ता में प्रधानमंत्री मोदी ने पत्रकारों से हिंदी में कहा कि मुझे लगता है हम दोनों को बात करने दीजिए, हम दोनों बात करते रहेंगे। जब ज़रूरत पड़ेगी आप लोगों को भी जानकारी दी जाएगी। इस पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि मोदी असल में काफी अच्छी अंग्रेजी बोल लेते हैं लेकिन वह अभी.....

फ्रांस के G7 सम्मेलन के दौरान गंभीर वैश्विक मुद्दों पर चर्चा के अलावा हँसी-मज़ाक का भी दौर चल रहा है, और वह भी वैश्विक स्तर पर सुर्खियाँ बटोर रहा है। ऐसा ही एक वाकया आज (26 अगस्त, 2019) को हुआ, जब भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच द्विपक्षीय वार्ता को लेकर मीडिया से बात चल रही थी।

दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से फ्रांस के शहर बिआरित्ज में मुलाकात की। बिआरित्ज में चल रही जी7 समिट में नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच कश्मीर समेत कई मुद्दों को लेकर बातचीत हुई। इस मुलाकात के बाद एक प्रेस वार्ता हुई जिसमें दोनों देशों के नेताओं से कई गंभीर मामलों से जुड़े सवाल किए गए। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की ज़बरदस्त दोस्ती की झलक भी देखने को भी मिली।

इस प्रेस वार्ता में प्रधानमंत्री मोदी ने पत्रकारों से हिंदी में कहा कि मुझे लगता है हम दोनों को बात करने दीजिए, हम दोनों बात करते रहेंगे। जब ज़रूरत पड़ेगी आप लोगों को भी जानकारी दी जाएगी। इस पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि मोदी असल में काफी अच्छी अंग्रेजी बोल लेते हैं लेकिन वह अभी बोलना नहीं चाहते। इस पर पीएम मोदी और ट्रंप ने एक दूसरे के हाथ पकड़ लिए और दोनों नेताओं समेत वहाँ मौजूद सभी लोग ठहाके लगाने से खुद को रोक नहीं पाए।

इस प्रेस वार्ता में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीर मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की गुंजाइश को सिरे से खारिज कर दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दोनों देश द्विपक्षीय रूप से सभी मुद्दों पर चर्चा कर समाधान कर सकते हैं और हम किसी तीसरे देश को कष्ट नहीं देना चाहते।

इस बैठक के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इस बैठक को लेकर एक ट्वीट किया है। ट्रंप ने लिखा कि अभी-अभी मैंने अपने दोस्त नरेंद्र मोदी के साथ जी7 समिट में एक बेहतरीन बैठक को खत्म किया।

खैर, ऐसा पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान को कश्मीर के मुद्दे पर वैश्विक तौर पर झटका लगा हो। इससे पहले भी जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बाँटने के भारत सरकार के फैलसे से बौखलाए पाकिस्तान ने दुनिया के बड़े देशों से इस मामले पर मध्यस्थता की पेशकश की थी। लेकिन चीन के अलावा दुनियाभर के सभी देशों ने इसे भारत और पाकिस्तान का आपसी मसला बताते हुए मध्यस्थता से इनकार कर दिया था।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी न केवल गैर-हिंदी भाषी क्षेत्र से आने के बावजूद हिन्दी पर बहुत अच्छी पकड़ रखते हैं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर हिंदी में ही बात करने पर ज़ोर देने के लिए जाने जाते हैं। इसके अलावा मोदी को वैश्विक नेताओं के साथ वैसी ही व्यक्तिगत मित्रता बना लेने के लिए, जो आजकल उनके और ट्रम्प के बीच देखी जा रही है, और इसके पहले उनके और बेंजामिन नेतन्याहू के बीच दिखी थी। यहाँ तक कि नेतन्याहू ने तो 2019 का चुनाव जीतने पर मोदी को ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट कर व्यक्तिगत बधाई भी दी थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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