Saturday, November 2, 2024
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अडानी के हाथों बिक गया The Quint: नेटिजन्स ले रहे मजे, बता रहे- जिसे दिन-रात कोसा अब वही ‘Adani फिल्टर’ होगा यूज

बता दें कि जहाँ 'अडानी मीडिया वेंचर्स' का पूरा स्वामित्व अडानी समूह के पास है, वहीं 'क्विंटिलियन बिजनेस मीडिया प्राइवेट लिमिटेड' नामक कंपनी 'क्विंट डिजिटल' की इंदिरेक्ट सब्सिडियरी है।

अडानी समूह ने ‘क्विंटिलियन बिजनेस मीडिया प्राइवेट लिमिटेड’ में माइनॉरिटी स्टेक खरीदने का निर्णय लिया है। ‘क्विंट डिजिटल मीडिया लिमिटेड’ ने मंगलवार (1 मार्च, 2022) को जारी किए गए एक बयान में कहा कि उसने अडानी समूह की सब्सिडियरी कंपनी ‘अडानी मीडिया वेंचर्स’ के साथ एक ‘बाइंडिंग टर्म शीट’ (एक प्रकार के लीगल टेम्पलेट) समझौता किया गया। बता दें कि नए मीडिया समूहों में ‘Quint’ एकमात्र ऐसा है, जो स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध है।

बता दें कि जहाँ ‘अडानी मीडिया वेंचर्स’ का पूरा स्वामित्व अडानी समूह के पास है, वहीं ‘क्विंटिलियन बिजनेस मीडिया प्राइवेट लिमिटेड’ नामक कंपनी ‘क्विंट डिजिटल’ की इंदिरेक्ट सब्सिडियरी है। ये समझौता केवल डिजिटल बिजनेस न्यूज़ प्लेटफॉर्म के लिए है। ‘The Quint’ के स्वामित्व वाली अन्य डिजिटल मीडिया या टेक्नोलॉजी सम्पत्तियों को इसके अंतर्गत नहीं लाया गया है। ‘अडानी मीडिया वेंचर्स’ के CEO संजय पुगलिया ने कहा कि ‘न्यू-एज’ मीडिया समूहों को अडानी समूह रास्ता दिखाना चाहता है।

उन्होंने कहा कि वो पहले ही इस टीम के साथ काम कर चुके हैं। साथ ही बताया कि QBM के मेन कंटेंट्स भारतीय अर्थव्यवस्था, अंतरराष्ट्रीय फाइनेंस, कॉर्पोरेट लॉ और प्रशासनिक के अलावा कारोबार से जुड़ी ख़बरों पर आधारित होते हैं। ‘ब्लूमबर्ग क्विंट’ प्लेटफॉर्म के जरिए इन ख़बरों को प्रकाशित किया जाता है और इसका ‘ब्लूमबर्ग टेलीविजन प्रोडक्शन सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड’ के साथ भी समझौता है। वहीं QBM के CEO अनिल उजियाल ने कहा कि भारतीय ऑडिएंस के लिए उच्च-गुणवत्ता वाले कंटेंट्स के लिए ये समझौता उपयोगी साबित होगा।

उधर ब्लूमबर्ग और क्विंट ने भी अपने इक्विटी समझौते को ख़त्म करते हुए एक नए लाइसेंस एग्रीमेंट में घुसने का फैसला लिया है। दोनों ने अपनी साझेदारी को एक नया रूप दिया है। ब्लूमबर्ग ने कहा कि भारत में क्विंट के साथ उसकी साझेदारी जारी रहेगी। उसने कहा कि का प्रीमियम सब्सक्रिप्शन कंटेंट मार्किट लीडर’ बन गया है। पिछले साल भी खबर आई थी कि गौतम अडानी की कंपनी दिल्ली आधारित NDTV जैसे मीडिया संस्थान को खरीद सकती है।

लोगों ने इस समझौते के मजे भी लिए। अंकित जैन नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा, “क्विंट अडानी को बिक गया। अब ये क्विंट वाले एंटी-अंबानी/अडानी टाइप्स कहाँ जाएँगे?” वहीं ‘विदेशी बंधू’ नाम के ट्विटर हैंडल ने लिखा, “क्विंट अपनी ख़बरों को अडानीमय बनाएगा। क्विंट को अब ‘अडानी फ़िल्टर’ का प्रयोग करना होगा।” एक अन्य ट्विटर हैंडल ने लिखा, “क्विंट ने दिन-रात अडानी की आलोचना की और अब उसी को बिक गया।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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