Friday, May 23, 2025
Homeरिपोर्टमीडियान्यूयॉर्क टाइम्स ने अमेजन के जंगल में रहने वाले लोगों को बताया 'पोर्न एडिक्ट',...

न्यूयॉर्क टाइम्स ने अमेजन के जंगल में रहने वाले लोगों को बताया ‘पोर्न एडिक्ट’, इंटरनेट यूज देखने गया था पत्रकार: जनजाति समाज ने ठोका मुकदमा, कहा- हमारी छवि बिगाड़ी

मारुबो जनजाति ब्राज़ील के अमेज़न जंगल के सबसे दुर्गम क्षेत्रों में से एक में रहती है। यह जनजाति इटुई नदी के किनारे सैकड़ों मील तक फैले 20 अलग-अलग गाँवों में सामुदायिक झोपड़ियों में निवास करती है, और इनका अधिकांश इलाका ऐसा है जहाँ पहुँचना बहुत कठिन होता है।

ब्राज़ील की अमेज़न क्षेत्र की एक स्वदेशी जनजाति ने अमेरिकी समाचार पत्र द न्यूयॉर्क टाइम्स पर मुकदमा ठोंक दिया है। इस जनजाति का आरोप है कि NYT की एक रिपोर्ट में उन्हें तकनीक से प्रभावित और पोर्न देखने के आदी के रूप में गलत तरीके से दिखाया गया। इस जनजातीय समूह ने आरोप लगाया है कि इस रिपोर्ट से उनकी छवि को नुकसान पहुँचा है।

NYT की रिपोर्ट में किए गए चित्रण और उस पर आई प्रतिक्रियाओं से जनजाति के लोगों में गहरा आक्रोश है। NYT के खिलाफ यह मुकदमा अमेजन के जंगलों की जावरी घाटी में रहने वाली मारुबो जनजाति ने ठोंका है। यह जनजाति लगभग 2,000 लोगों का समुदाय है।

यह मुकदमा लॉस एंजिल्स की एक अदालत में दाखिल किया गया है। इसके अलावा, मुकदमे में TMZ और Yahoo को भी प्रतिवादी बनाया गया है। जनजाति के लोगों का आरोप है कि इन मीडिया संस्थानों ने NYT की रिपोर्ट को बढ़ा-चढ़ाकर और सनसनीखेज तरीके से दिखाया है, इससे उनकी छवि खराब हुई है।

मारुबो जनजाति ब्राज़ील के अमेज़न जंगल के सबसे दुर्गम क्षेत्रों में से एक में रहती है। यह जनजाति इटुई नदी के किनारे सैकड़ों मील तक फैले 20 अलग-अलग गाँवों में सामुदायिक झोपड़ियों में निवास करती है, और इनका अधिकांश इलाका ऐसा है जहाँ पहुँचना बहुत कठिन होता है।

एलन मस्क की स्टारलिंक सेवा के आने के बाद अमेज़न की अलग-थलग मारुबो जनजाति की दुनिया बदल गई है। मारुबो लोगों को लगभग 15,000 डॉलर प्रति यूनिट कीमत वाले 20 स्टारलिंक एंटेना मिले, जिनसे उन्हें बाहरी दुनिया से हाई-स्पीड इंटरनेट कनेक्शन प्राप्त हुआ।

इसके दो साल बाद NYT के पत्रकार जैक निकास वहाँ रिपोर्टिंग के लिए पहुँचे और इस बदलाव को एक दिलचस्प कहानी मानते हुए इसे कवर किया। हालाँकि, मारुबो लोगों द्वारा दायर मानहानि मुकदमे के अनुसार, NYT रिपोर्ट में उन्हें पोर्न का लती बताया गया।

जनजातियों के अनुसार, NYT की रिपोर्ट में मारुबो समुदाय को इस तरह दिखाया गया है जैसे वे इंटरनेट जैसी आधुनिक तकनीक को संभाल नहीं पा रहे हों। रिपोर्ट में विशेष रूप से इस आरोप को उजागर किया गया है कि उनके युवा पोर्नोग्राफी के आदी हो गए हैं, जिससे जनजातियों की प्रतिष्ठा को ठेस पहुँची है।

मुकदमे में कहा गया, “ये बातें न केवल भड़काऊ थीं बल्कि आम पाठक को यह संदेश देती थीं कि इंटरनेट एक्सेस के प्रत्यक्ष परिणाम के रूप में मारुबो लोग नैतिक और सामाजिक पतन की ओर बढ़ गए हैं। इस तरह के चित्रण सांस्कृतिक टिप्पणी से कहीं आगे जाते हैं, वे सीधे तौर पर पूरे लोगों के चरित्र, नैतिकता और सामाजिक प्रतिष्ठा पर हमला करते हैं और यह दिखाते हैं कि जनजातीय लोगों के पास आधुनिक दुनिया में काम करने के लिए अनुशासन या मूल्यों की कमी है।”

NYT ने कहा है कि वह इस मुकदमे से अपना जोरदार बचाव करेगा। NYT के प्रवक्ता ने कहा, “इस लेख को निष्पक्ष रूप से पढ़ने पर यह स्पष्ट होता है कि यह एक दूर-दराज़ के इलाकों में रहने वाले स्थानीय लोग में नई तकनीक के फायदे और उसकी जटिलताओं की एक संवेदनशील और सूक्ष्म पड़ताल है, जिसकी अपनी गौरवशाली इतिहास और संरक्षित संस्कृति है।”

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

पीड़ित पर ही ‘गंगा जमुनी तहजीब’ ढोने का भार, ‘द वायर’ के पत्रकार उमर राशिद और उसके ‘लव जिहाद’ का एक सबक यह भी:...

ये फर्जी नैतिकतावादी संतुलन दोनों ही मामलों में दिखा, रुचिका शर्मा के भी और उमर राशिद ने जिस लड़की के साथ बर्बरता की, उसके मामले में भी।

नाबालिग लड़की से सेक्स करने पर कोर्ट ने सुनाई 20 साल की सजा, पर सुप्रीम कोर्ट ने कर दिया बरी: कहा- पीड़िता ने इसे...

स्थानीय अदालत ने युवक को पॉक्सो एक्ट के तहत 20 साल की सजा सुनाई थी। अब सुप्रीम कोर्ट ने आर्टिकल 142 का इस्तेमाल कर उसे सजामुक्त कर दिया है।
- विज्ञापन -