कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से राजधानी दिल्ली की स्थिति भी बदतर है। लेकिन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के विज्ञापनों से सारे न्यूज चैनल्स भरे पड़े हैं। लोग जो भी टीवी न्यूज चैनल खोल रहे हैं, उस पर सीएम केजरीवाल दिख रहे हैं। इसी बीच ‘टाइम्स नाउ’ के कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि इन्हीं विज्ञापनों की वजह से चैनल दिल्ली में कोरोना से हुई बदतर स्थिति को नहीं दिखा रहा है।
कथित रूप से ‘Times Now’ के कर्मचारियों ने टाइम्स ग्रुप के MD विनीत जैन को पत्र लिख कर दिल्ली में कोविड-19 के कवरेज पर आपत्ति जताई है। चैनल के शीर्ष पत्रकारों राहुल शिवशंकर, नविका कुमार और पद्मजा जोशी का भी जिक्र पत्र में है। ऑपइंडिया ने एक विश्वसनीय सूत्र के माध्यम से इस पत्र की एक प्रति प्राप्त की है। साथ ही पत्रकारों के बीच ये पत्र खासा वायरल हो रहा है। हालाँकि, हम इसकी सत्यता की पूरी तरह पुष्टि नहीं करते।
साथ ही ‘Times Now’ ने भी ऐसे किसी पत्र को लेकर अनभिज्ञता जताई है। इस पत्र में पत्रकारों ने पूछा है कि क्या AAP सरकार द्वारा दिए जाने वाले विज्ञापनों के कारण दिल्ली में कोरोना संक्रमण के कवरेज पर असर पड़ रहा है? इसमें लिखा है, “हम अपने चैनल पर आने वाले विज्ञापनों में उस व्यक्ति को देख कर चकित हैं, जो आज दिल्ली की बदतर स्थिति के लिए जिम्मेदार है।”
इसमें आगे लिखा है, “हम उस व्यक्ति का नाम लेने से भी नहीं हिचकिचाएँगे। उसका नाम अरविंद केजरीवाल है। अरविंद केजरीवाल ने हमारे चैनल को आपत्तिजनक विज्ञापनों से भर दिया है, ताकि हम दिल्ली में उनके द्वारा किए गए कोरोना के चौतरफा घोर कुप्रबंधन पर सवाल न खड़े करें। हम जानते हैं कि चैनल के लिए विज्ञापन महत्वपूर्ण है, लेकिन क्या हमें उस व्यक्ति से करदाताओं के पैसे लेने चाहिए, जिसने उन्हीं करदाताओं से पैसों का इस्तेमाल 2015-19 में एक भी अस्पताल बनवाने के लिए नहीं किया?”
After so frequent ads on so many channels and websites, Kejriwal has now more widely spread than the corona virus itself. pic.twitter.com/g9IgDhJ55N
— Maithun (@Being_Humor) April 25, 2021
चैनल के कर्मचारियों ने लिखा कि ये कारोबार की बात नहीं है, बल्कि दिल्ली की जनता और उनकी समस्याओं की बात है। हमें हमेशा जनता और उनकी समस्याओं के बारे में सोचना चाहिए। कर्मचारियों ने पूछा है कि क्या उस व्यक्ति के खिलाफ जिसके खराब कार्यप्रणाली के चलते सैकड़ों लोगों की जानें चली गई हों सिर्फ इसलिए नरमी दिखाना उचित है, क्योंकि उसने हमें विज्ञापन देने में बड़ा खर्च किया है?
‘टाइम्स नाउ’ के पत्रकारों ने ये भी याद दिलाया कि किस तरह से अरविंद केजरीवाल सारी चीजों के लिए अब किसी और पर दोष डाल रहे हैं। उन्होंने पूछा कि क्या इसलिए माधव जैसे पत्रकार दिल्ली सरकार को बचाते हुए इन सबका दोष किसी और पर डाल रहे हैं? यहाँ माधव का तात्पर्य वहाँ के सीनियर एडिटर माधवदास से हो सकता है। उन्होंने कहा कि जब कोई केजरीवाल की गलती याद दिलाता है तो माधव उस व्यक्ति को सड़कों पर भी गाली देते हैं और लाइव टीवी पर अभद्र भाषा का प्रयोग करते हैं।
पत्रकारों ने दिल्ली हाईकोर्ट की टिप्पणी की भी याद दिलाई, जिसमें कहा गया था कि दिल्ली सरकार ने ऑक्सीजन की सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए कुछ नहीं किया और ऊपर से दिल्ली की सीमा पर पहुँचे ऑक्सीजन के डिस्ट्रीब्यूशन के लिए भी कोई प्रयास नहीं किया। पत्रकारों ने कहा कि दूसरी तरफ श्रेयसी उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के ‘ऑक्सीजन वॉर रूम’ वाला ट्वीट रीट्वीट कर रही थी, क्या हमारा चैनल AAP सरकार की प्रोपेगेंडा मशीनरी बन गई है?
पत्रकारों ने ये भी आरोप लगाया कि मीडिया के ही कुछ लोग गंभीर पत्रकारिता करने की जगह विभाजनकारी कार्य कर रहे हैं। प्रशांत कुछ मामलों में राहुल गाँधी के विचारों को आगे बढ़ाने में लगे हैं तो कुछ मुद्दों पर तेजस्वी यादव का एजेंडा आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने पूछा कि क्या हमारे पत्रकार गुंडाराज और भ्रष्टाचार के सिरमौरों के किराए के लोग हो गए हैं? उन्होंने आरोप लगाया कि हमारे पत्रकार जनता की आवाज़ बनने की बजाए इस त्रासदी के काल में बेचैनी, घृणा और झूठा एजेंडा फैला रहे हैं।
हालाँकि, ‘टाइम्स नाउ’ ने ऑपइंडिया को दी गई प्रतिक्रिया में इसे एक फेक, आधारहीन और द्वेषपूर्ण प्रयास बताया है, ताकि चैनल को बदनाम किया जा सके और उसकी छवि को नुकसान पहुँचाई जा सके। चैनल ने कहा कि उसे ऐसा कोई पत्र मेल से प्राप्त नहीं हुआ है। उसने कहा कि ये खुले और पारदर्शी संस्कृति वाला चैनल है, जहाँ लोग अच्छे उद्देश्य से साथ मिल कर काम करते हैं। चैनल ने अपनी सालों की बनाई प्रतिष्ठा की भी बात की है।