Tuesday, April 8, 2025
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चैनल को खड़ा करने के लिए NDTV ने दूरदर्शन के फुटेज को बेचा और उपकरणों को चुराया: वरिष्ठ पत्रकार अशोक श्रीवास्तव ने किया सनसनीखेज खुलासा

पिछले साल जनवरी में एनडीटीवी के प्रमोटर्स प्रणय रॉय और राधिका रॉय को गैर कानूनी तरीके से कमाई गई रकम का 50 फीसदी जमा करने के निर्देश दिए गए थे।

NDTV ने कॉन्ग्रेस सरकार के दौरान किस तरह सरकारी संपत्तियों का इस्तेमाल अपने हित के लिए किया, इसका खुलासा अशोक श्रीवास्तव ने किया है। अशोक श्रीवास्तव दूरदर्शन (Doordarshan) में कंसल्टिंग एडिटर और सीनियर एंकर हैं।

अशोक श्रीवास्तव ने कहा कि NDTV ने लाभ कमाने के लिए और चैनल को खड़ा करने के लिए दूरदर्शन के टेप और उपकरण चुराए थे। उस दौरान भास्कर घोष ने ऐसा करने में NDTV की सक्रिय रूप से मदद की की थी।

अशोक श्रीवास्तव ने कहा, “NDTV ने दूरदर्शन के टेप चुराकर, फुटेज चुराकर, फुटेज बेचकर, दूरदर्शन के उपकरण बेचकर यह चैनल बना। उस समय भास्कर घोष दूरदर्शन के महानिदेशक होते थे और वे सागरिका घोष के पति हैं। उस समय सरकार ने देश का पैसा देकर-देकर उसे खड़ा किया।”

बता दें कि NDTV हिंदू और भाजपा विरोधी एजेंडे के लिए जाना जाता है। वहीं, एनडीटीवी पर भाजपा विरोधी पार्टियों का पक्ष लेने के आरोप लगते रहे हैं। पिछले साल जनवरी में एनडीटीवी के प्रमोटर्स प्रणय रॉय और राधिका रॉय को गैर कानूनी तरीके से कमाई गई रकम का 50 फीसदी जमा करने के निर्देश दिए गए थे। सिक्योरिटीज अपीलेट ट्रिब्यूनल SAT ने यह निर्देश जारी किया था।

गौरतबल है कि SEBI ने नवंबर 2020 में विवादास्पद मीडिया नेटवर्क NDTV के प्रवर्तकों प्रणय रॉय और राधिका रॉय को इनसाइडर ट्रेडिंग से अनुचित लाभ उठाने का दोषी पाया था। इसके बाद वित्तीय अपराध के लिए दंड के रूप में SEBI ने उन्हें प्रतिभूति बाजार में दो साल के लिए व्यापार करने से रोक दिया था। इसके साथ ही दोनों को 12 साल पहले की इनसाइडर ट्रेडिंग के जरिए अवैध तरीके से कमाए गए ₹16.97 करोड़ रुपए लौटाने के लिए भी कहा गया था।

सेबी ने पाया था कि नई दिल्ली टेलीविजन लिमिटेड (NDTV) में प्राइस को लेकर संवेदनशील जानकारियाँ रखने योग्य पदों पर रहते हुए प्रणय रॉय और राधिका रॉय ने कंपनी के शेयरों का कारोबार किया। प्रणय रॉय और राधिका रॉय के अलावा, एनडीटीवी के पूर्व सीईओ विक्रमादित्य चंद्रा, वरिष्ठ सलाहकार ईश्वरी प्रसाद बाजपेयी, ग्रुप सीएफओ सौरव बनर्जी को भी इनसाइडर ट्रेडिंग का दोषी पाया गया।

SEBI द्वारा की गई जाँच के अनुसार, उन्होंने इनसाइडर ट्रेडिंग (PIT) विनियमों का उल्लंघन किया। उन पर 2007-2008 के दौरान अप्रकाशित मूल्य संवेदनशील जानकारी (UPSI) रखने का आरोप था, जो न्यू इंडिया टेलीविजन लिमिटेड के पुनर्गठन से संबंधित है। सेबी ने सितंबर, 2006 से जून, 2008 के दौरान कंपनी के शेयरों में कारोबार की जाँच करने के बाद यह कदम उठाया था। 

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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