Wednesday, March 12, 2025
Homeबड़ी ख़बरट्विटर के भूत बातों से नहीं मानते, संसदीय समिति ने कहा 'जाओ अपने मालिक...

ट्विटर के भूत बातों से नहीं मानते, संसदीय समिति ने कहा ‘जाओ अपने मालिक को लेकर आओ’

संसदीय समिति ने 1 फरवरी को ट्विटर सीईओ के लिए समन जारी किया था। समन में उनसे अगली बैठक में पेश होने को कहा गया था।

ट्विटर इंडिया के प्रतिनिधियों सहित ट्विटर टीम आज इन्फर्मेशन टेक्नॉलजी के मुद्दे पर संसदीय समिति के समक्ष पेश होने के लिए संसद पहुंची। इससे पहले शॉर्ट नोटिस का हवाला देते हुए ट्विटर ने संसदीय समिति के समक्ष पेश होने से मना कर दिया था।

रिपोर्ट्स के अनुसार इन्फर्मेशन टेक्नॉलजी के मुद्दे पर संसदीय समिति ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया है कि वे ट्विटर के किसी भी अधिकारी से तब तक नहीं मिलेंगे जब तक कि समिति के समक्ष कोई वरिष्ठ सदस्य या ट्विटर ग्लोबल टीम के सीईओ पेश न हों। इसके लिए ट्विटर को 15 दिन की डेडलाइन दी गई है। 

ट्विटर के सीईओ जैक दोरजी ने संसद की समिति के सामने पेश होने से इनकार कर दिया था। खबरों के मुताबिक, बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर की अध्यक्षता वाली सूचना-प्रौद्योगिकी से जुड़ी संसदीय समिति ने 1 फरवरी को ट्विटर सीईओ के लिए समन जारी किया था। समन में उनसे अगली बैठक में पेश होने को कहा गया था। बता दें कि सोशल मीडिया पर भारतीय नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा के मसले पर जवाब-तलब के लिए उन्हें बुलाया गया था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

Jio-एयरटेल से एलन मस्क की स्टारलिंक का डील, जानिए कब तक सैटेलाइट से मिलने लगेगा इंटरनेट: कैसे करेगा काम, कितना पैसा आपको देना होगा…...

हाल ही में मणिपुर में सुरक्षा एजेंसियों ने एक उग्रवादी को गिरफ्तार किया था। उसके पास से हथियारों के साथ ही एक स्टारलिंक भी मिला था। ऐसे में इससे सुरक्षा चिंताएँ भी जुड़ी हुई हैं।

बीजेपी 09, कॉन्ग्रेस 00… हरियाणा निकाय चुनावों में भी खिला कमल, हाथ का सूपड़ा साफ: मानसेर में निर्दलीय बना मेयर

हरियाणा निकाय चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 10 में से 9 नगर निगमों पर कब्जा जमाया, जबकि कॉन्ग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया।
- विज्ञापन -