उत्तर प्रदेश के वाराणसी की स्वतंत्र पत्रकार रिजवाना तबस्सुम आत्महत्या मामले में वाराणसी पुलिस ने आरोपित सपा नेता शमीम नोमानी को गिरफ्तार कर लिया है। 28 वर्षीय स्वतंत्र पत्रकार का शव सोमवार (मई 4, 2020) को घर के अंदर पंखे के लटका हुआ मिला था। उनके कमरे से मिले एक सुसाइड नोट में युवा समाजवादी पार्टी (सपा) नेता शमीम नोमानी को आत्महत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था।
घटना के बाद रिजवाना के पिता अजीजुल हकीम ने लोहटा थाने में सुसाइड नोट के आधार पर शमीम के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। इसके बाद पुलिस ने मामले में तत्काल कार्रवाई करते हुए घटना के कुछ घंटों ही बाद सपा नेता शमीम नोमानी को गिरफ्तार कर लिया। बताया जा रहा है कि नोमानी समाजवादी पार्टी की जिला कार्यकारिणी के सदस्य हैं।
आगामी विधानसभा चुनाव में वो सपा से टिकट के दावेदार थे, हालाँकि अभी तक पत्रकार की आत्महत्या मामले में सपा नेता की भूमिका को लेकर स्थिति साफ नहीं हो सकी है और वाराणसी पुलिस भी इस घटना में सपा नेता की भूमिका पर कुछ भी कहने से बच रही है। पुलिस प्रथम दृष्टया मामला को प्रेम प्रसंग का मान कर चल रही है।
सपा नेता को गिरफ्तार करने के बाद से ही पुलिस आरोपित से पूछताछ में जुट गई है। साथ ही लोहता पुलिस रिजवाना के मोबाइल की कॉल डिटेल के आधार पर भी मामले की जाँच कर रही है। लोहता थानाध्यक्ष राकेश कुमार सिंह के मुताबिक शमीम नोमानी को गिरफ्तार किया तो उसने खुद को सपा का जिला उपाध्यक्ष बताते हुए कहा कि वह साजिश का शिकार हुआ है।
वहीं समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष सुजीत यादव लक्कड़ ने कहा कि आरोपित शमीम नोमानी का हमारी पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है। रिजवाना के परिजनों का आरोप है कि शमीम नोमानी फोन करके अक्सर उन्हें परेशान करता था। इसे लेकर रिजवाना बताती थी कि शमीम परेशान करना बंद नहीं करेगा तो वह जान दे देगी।
गौरतलब है कि फ्रीलान्स जर्नलिस्ट रिजवाना तबस्सुम बीबीसी हिन्दी, द वायर, द प्रिंट, खबर लहरिया सहित कई पत्र-पत्रिकाओं के लिए लिखा करती थीं। उनके कई आर्टिकल विभिन्न मीडिया पोर्टलों और प्रिंट में प्रकाशित हो चुके हैं। रिजवाना ने मिर्जापुर में स्थित बरकछा खुर्द स्थित बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के राजीव गाँधी कैम्पस से मास कम्युनिकेशन की डिग्री ली थी।