पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए लोगों के दुःख में पूरा देश गमगीन है। वहीं, दूसरी ओर इस हमले में शामिल और आतंकियों को नेस्तनाबूत करने की कार्रवाई भारतीय सशस्त्र बलों ने शुरू कर दी है। उत्तर प्रदेश के कानपुर से कश्मीर घूमने गए शुभम द्विवेदी की मौत के बाद परिवार उनके शव के साथ कानपुर आया। उनकी पत्नी ऐशान्या समेत परिजनों को सांत्वना देने के लिए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ भी पहुँचे।
सीएम योगी से मुलाकात करते ही ऐशान्या के सब्र का बाँध भी टूट गया। उन्होंने रोते-रोते सीएम को सारी घटना बताई। साथ ही उन्होंने कुछ ऐसी बातें भी कहीं जिसके बाद पहलगाम आतंकी हमले में कुछ स्थानीय स्लीपर सेल के शामिल होने की आशंका जताई जा रही है।
‘अमर उजाला‘ की रिपोर्ट के अनुसार, ऐशान्या ने बताया कि शुभम और वो घोड़े से ऊपर की ओर जा रहे थे। हालाँकि उन्हें दूर तक जाने का मन नहीं था। इसलिए घोड़ेवाले से ऊपर ले जाने से मना भी किया। ऐशान्या ने कहा कि वे लोग थक गए हैं और इससे ऊपर नहीं जाना चाहते। इसके बावजूद घोड़े वाले ने रुकना जरूरी नहीं समझा और कहा ऊपर तक तो चलना पड़ेगा। शुभम ने ये भी कहा कि चाहे तो पूरे पैसे ले लो पर हमें नीचे लेकर चलो। फिर भी घोड़े वाले ने उनकी बात नहीं मानी।
पहलगाम में जब आतंकी हिंदू पर्यटकों को चुन-चुनकर मार रहे थे तब जम्मू-कश्मीर पुलिस के 3 सिपाही वहीं मौजूद थे और आराम से तमाशा देखते रहे। लोगों ने कहा कि कम से कम आर्मी कैंप तक ही ले चलो फिर भी उन्होंने कुछ नहीं किया। जहां हमला हुआ वहां तक बहुत से पर्यटक जाना नहीं चाहते थे। पर… pic.twitter.com/ZGaxd25LzV
— Divya Kumar Soti (@DivyaSoti) April 25, 2025
परिजनों ने भी सीएम को बताया कि पर्यटकों को टट्टू वाले ऊपर पहाड़ी पर बैठा के ले जा रहे थे। पर वे अपनी मर्जी से चल रहे थे। इसी तरह जब गोलियाँ चलने लगीं तो लोग इधर उधर भाग रहे थे। उस दौरान वहाँ पर तीन स्थानीय पुलिस कर्मी खड़े दिखाई पड़े थे। लेकिन उन्होंने किसी तरह की मदद नहीं की। लोग चिल्ला रहे थे कि उन्हें सुरक्षा दीजिए, कैंप तक ले चलिए लेकिन किसी ने भी उनकी मदद नहीं की।
शुभम के पिता ने बताया कि पहलगाम के जिस होटल में वे लोग रुके थे वहाँ पर कुछ लोग थे जो पर्यटकों के निवास स्थान और उनकी संख्या आदि की पूछताछ कर रहे थे। इन सभी बातों से ऐसा लग रहा था कि वे लोग हमारी रेकी कर रहे थे।
परिजनों से मिलकर आने के बाद सीएम योगी ने मीडिया से कहा कि आतंकवाद का जड़ से सफाया होगा। शुभम के परिजनों से जो जानकारी मिली है उससे ऐसा लगता है कि वहाँ टट्टुओं से सफर कराने वालों समेत कुछ अन्य स्थानीय आतंकी संगठनों से जुड़े हो सकते हैं। इन सभी को मुँहतोड़ जवाब मिलेगा।
उधर एक अन्य महिला पर्यटक ने बताया कि एक घोड़े वाला बार-बार उनके डिटेल्स पूछ रहा था, कुरान को लेकर बोल रहा था। महिला पर्यटक ने ये भी बताया कि घोड़े वाला ये भी पूछ रहा था कि उनके साथ आए लोग हिन्दू हैं या मुस्लिम, महिला ने उसके इरादे भाँप लिए थे इसीलिए उसे बता दिया कि वो सब मुस्लिम हैं। साथ ही वो ये भी कह रहा था कि अभी अमरनाथ आइए तो वो बिना रजिस्ट्रेशन यात्रा करा देगा। महिला ने उसकी तस्वीर दिखाते हुए बताया कि उसने फोन निकाला, वो 35 बंदूकों की बात भी कर रहा था।