Wednesday, March 26, 2025
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सेना से जुड़े 101 उत्पादों के आयात पर रोक: रक्षा क्षेत्र को आत्मनिर्भर, स्वदेशी बनाएगी सरकार

इस प्रक्रिया के लिए लगभग 3.5 लाख करोड़ रुपए अप्रैल से अगस्त 2020 के बीच जारी किए जाएँगे। थल और वायु सेना से जुड़े ऐसे उत्पादों में लगभग 1 लाख 30 हज़ार करोड़ रुपए का खर्च आएगा। जबकि नौसेना के उत्पादों में...

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल के संबंध में आज कई बड़े ऐलान किए। यह ऐलान मुख्य रूप से रक्षा क्षेत्र को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के लिए किए गए हैं।    ऐलान में सबसे पहले यह कहा गया कि रक्षा क्षेत्र से जुड़े 101 उत्पादों का आयात पूरी तरह बंद होगा। इस कदम का मूल उद्देश्य रक्षा क्षेत्र को ज़्यादा से ज़्यादा स्वदेशी बनाना है। 

प्रधानमंत्री ने कुल 5 स्तम्भों के आधार पर भारत को आत्मनिर्भर बनाने का मूल मंत्र दिया है। यह चार स्तम्भ अर्थव्यवस्था, आधार भूत संरचना, तंत्र, जनसांख्यिकी और माँग (Economy, Infrastructure, System, Demography & Demand) हैं। प्रधानमंत्री ने इसके लिए विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा भी की थी। राजनाथ सिंह ने कहा कि इस सूची में न केवल कुछ उपकरण शामिल हैं बल्कि उच्च प्रौद्योगिकी वाले हथियार मसलन असॉल्ट राइफलें, सोनार सिस्टम, ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, LCH, रडार और कई अन्य चीजें शामिल हैं।  

इसके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इस फैसले से सबसे पहले एक बड़ा बदलाव आएगा। भारत की रक्षा इंडस्ट्री को मौक़ा मिलेगा कि वह अपने तय मानकों, निर्देशों, क्षमता और डिज़ाइन के आधार पर ऐसे उत्पाद तैयार करेंगे, जिनकी भारतीय सेना को असल में ज़रूरत होती है। इस काम में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) उनकी पूरी मदद करेगा, जिससे बेहतर नतीजे हासिल हों।    

एक लंबे दौर के विमर्श के बाद रक्षा मंत्रालय ने ऐसे उत्पादों की सूची तैयार की है। सेना के अलावा निजी और सार्वजनिक क्षेत्र को निर्देश दिए जा चुके हैं। वह इसका निरीक्षण करे कि सेना के उपयोग में आने वाली ज़रूरत की चीज़ों का उत्पादन भारत में किस स्तर पर हो सकता है। इस प्रक्रिया के लिए लगभग 3.5 लाख करोड़ रुपए अप्रैल से अगस्त 2020 के बीच जारी किए जाएँगे। आगामी 6 से 7 सालों के दौरान घरेलू इंडस्ट्री (रक्षा) में लगभग 4 लाख करोड़ रुपए तक के समझौते किए जाएँगे।    

थल और वायु सेना से जुड़े ऐसे उत्पादों में लगभग 1 लाख 30 हज़ार करोड़ रुपए का खर्च आएगा। वहीं दूसरी तरफ नौसेना के उत्पादों में 1 लाख 40 हज़ार करोड़ रुपए का खर्च आएगा। इसमें Armoured Fighting Vehicles (AFVs) भी शामिल हैं। दिसंबर 2021 तक इनके आयात पर रोक लगा दी जाएगी।    

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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