भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव के बीच ‘लाइन ऑफ एक्चुअल कण्ट्रोल’ (LAC) पर जवानों की तैनाती बढ़ा दी गई है। भारतीय सेना के जवानों के अलावा इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (ITBP) के जवानों को भी मोर्चे पर लगाया गया है। कई ऐसी रणनीतिक ऊँचाई वाली जगहों पर ITBP के जवानों ने डेरा जमा लिया है, जहाँ से चीन के सैनिकों की गतिविधियों पर सीधे नजर रखी जा सकती है। इससे LAC के पार भी नजर रखी जा सकती है।
सब-सेक्टर नॉर्थ से लेकर सब-सेक्टर साउथ तक 5000 ITBP के जवानों को लद्दाख और चीन सीमा से सटे उससे जुड़े इलाकों में तैनात किया गया है। बता दें कि हाल ही में जब चीन ने सीमा पर मौजूदा स्थिति को बिगाड़ने का प्रयास किया था तो उसे नाकाम करने में ITBP के जवान भी शामिल थे। पांगोंग त्सो के दक्षिण में ऊँचाई वाली जगहों पर भारतीय सेना मौजूद है, जिससे चीन के हर इरादे को नाकाम किया जा सकता है।
वहीं ITBP के 30 जवानों ने पूर्वी लद्दाख में ब्लैक टॉप एरिया में डेरा जमाया है, जहाँ से चीन की गतिविधि पर सीधे नज़र रखी जा सकती है। इस जगह का अपना ही रणनीतिक महत्व है। फुरचुक ला पास से गुजरते हुए ITBP के जवानों ने उन रणनीतिक स्थलों पर डेरा जमाया है, जहाँ पहले सशस्त्र बलों की कोई उपस्थिति नहीं थी। फिंगर 2 और फिंगर 3 के पास पांगोंग के उत्तर में धन सिंह पोस्ट सहित कई जगहों पर ITBP के लोग मौजूद हैं।
ये सभी स्थल इतनी ऊँचाई पर है, जहाँ से LAC पर चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी द्वारा की जाने वाली गड़बड़ियों को तुरंत भाँपते हुए त्वरित कार्रवाई की जा सकती है। पूर्वी लद्दाख के पांगोंग त्सो क्षेत्र में ITBP के जवाब चीन को अपनी ताकत दिखा चुके हैं। सुरक्षा एजेंसी के मुखिया एसएस देसवाल 6 दिनों के लिए LAC के दौरे पर थे, जहाँ उन्होंने जवानों की तैयारी का जायजा लिया। उन्होंने दौलतबेग से लेकर दक्षिणी लद्दाख तक दौरा किया।
Indian Army troops moved to dominating heights near the south of Pangong Tso. 30 personnel of the Indo-Tibetan Border Police have occupied new positions near the key Black Top area that oversees China in the Line of Actual Control (LAC) in eastern Ladakh. https://t.co/aKpJ63Fdhn
— Amit Malviya (@amitmalviya) September 5, 2020
फ़िलहाल LAC पर 39 ऐसी जगहें हैं, जहाँ ITBP के जवानों ने रणनीतिक रूप से अपने अधिकार में ले रखा है। बता दें कि विस्तारवादी चीन की चाल इस बार असफल रही है। भारतीय सेना के मुताबिक, चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी यानी पीएलए के करीब 500 सैनिकों ने 29-30 अगस्त की रात काला टॉप और हेमलेट टॉप इलाकों पर यथास्थिति बदलने की कोशिश की, लेकिन सतर्क भारतीय सैनिकों ने ऐसा नहीं होने दिया।