पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों के सभी शॉर्ट टर्म वीजा रद्द कर दिए हैं। इस फैसले के बाद इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) और स्थानीय खुफिया इकाई (एलआईयू) ने देशभर में पाकिस्तानी नागरिकों की तलाश शुरू कर दी है। इस बीच, कानपुर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहाँ साल 2007 में भारत-पाकिस्तान क्रिकेट सीरीज देखने आए 32 पाकिस्तानी नागरिकों में से 28 पिछले 18 साल से लापता हैं। हैरानी की बात यह है कि कानपुर पुलिस और एलआईयू के पास इनका कोई रिकॉर्ड तक नहीं है।
बता दें कि 2007 में भारत-पाकिस्तान क्रिकेट सीरीज के दौरान कानपुर में ग्रीनपार्क स्टेडियम में मैच हुआ था। इस दौरान कई पाकिस्तानी प्रशंसक भारत आए थे। इनमें से 32 लोग अपने देश वापस नहीं लौटे। ये सभी इक्जम्पटेड फॉर पुलिस रिपोर्ट (ईपीआर) वीजा पर थे, जिसके तहत उन्हें किसी भी जिले में जाने पर पुलिस को सूचना देने की जरूरत नहीं थी। इसी का फायदा उठाकर ये लोग अचानक गायब हो गए। पुलिस ने तलाश शुरू की, लेकिन सिर्फ चार लोगों का पता चला, जिन्हें पाकिस्तान वापस भेज दिया गया। बाकी 28 का आज तक कोई सुराग नहीं मिला। एलआईयू के एडीसीपी राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि ईपीआर वीजा के चलते लापता लोगों की जानकारी जुटाना मुश्किल है।
आईबी ने दिल्ली पुलिस को सौंपी 5000 पाकिस्तानियों की लिस्ट
दिल्ली में भी स्थिति गंभीर है। आईबी ने दिल्ली पुलिस को करीब 5000 पाकिस्तानी नागरिकों की सूची सौंपी है, जिन्हें देश छोड़ने को कहा गया है। फॉरेन रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिस (एफआरआरओ) ने यह सूची दिल्ली पुलिस की स्पेशल ब्रांच को दी है, जो अब जिलों में सत्यापन कर रही है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सेंट्रल और नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में सबसे ज्यादा पाकिस्तानी नागरिक रह रहे हैं। मजनू का टीला में करीब 900 और सिग्नेचर ब्रिज के पास 600-700 लोग हैं। दिल्ली पुलिस को दो सूचियाँ मिली हैं, एक में 3000 और दूसरी में 2000 नाम हैं, जिनमें कुछ नाम दोहराए गए हैं। इनका सत्यापन जारी है, क्योंकि कई लोग पहले ही देश छोड़ चुके हैं।
विदेश मंत्रालय ने 27 अप्रैल, 2025 से सभी पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए हैं, सिवाय लॉन्ग टर्म वीजा (एलटीवी), डिप्लोमैटिक और ऑफिशियल वीजा के। मेडिकल वीजा भी 29 अप्रैल तक ही वैध रहेंगे। हालाँकि, हिंदू पाकिस्तानी नागरिकों के एलटीवी को छूट दी गई है। कानपुर में 50 पाकिस्तानी नागरिक एलटीवी पर रह रहे हैं, जिनमें 42 मुस्लिम और 8 हिंदू परिवार शामिल हैं। ये लोग 60 और 90 के दशक में आए थे और यहीं शादी कर बस गए हैं। पुलिस इन पर नजर रख रही है।
पहलगाम हमले के बाद भारत ने कई कड़े कदम उठाए हैं, जिनमें से वीजा छूट योजना और सिंधु जल संधि को निलंबित करना शामिल है। अब खुफिया एजेंसियों के सामने सबसे बड़ी चुनौती उन लापता पाकिस्तानी नागरिकों को ढूँढना है, जिनके बारे में कोई जानकारी नहीं है। सुरक्षा एजेंसियाँ इस बात से चिंतित हैं कि ये लोग देश के किसी भी हिस्से में हो सकते हैं। दिल्ली और कानपुर में चल रही तलाश के साथ ही अन्य राज्यों में भी जाँच तेज कर दी गई है।