Saturday, July 27, 2024
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कोरोना को ‘चीनी वायरस’ लिखने पर ‘संघी’ घोषित हुए हर्षा भोगले, भड़के लिबरलों ने सुनाई खरी-खोटी

उनके ट्वीट के नीचे कमेंट देखकर पता चलता है कि कोरोना वायरस को चीनी वायरस कहने से कई लोग उनसे न केवल नाराज हैं बल्कि उनकी तुलना डोनाल्ड ट्रंप से कर रहे हैं। साथ ही जीनोफोबिक होने से बचने की सलाह दे रहे हैं।

क्रिकेट कमेंट्री जगत में जाने माने नाम हर्षा भोगले को उनके एक ट्वीट के कारण सोशल मीडिया पर संघी बताया जा रहा है। उनकी ट्रोलिंग के पीछे कारण बस ये है कि उन्होंने कोरोना वायरस को चाइनीज वायरस कह दिया। इंगलैंड क्रिकेट टीम में खिलाड़ियों के संक्रमित होने पर उन्होंने अपनी टिप्पणी की।

Harsha Bhogle calls Covid-19 'Chinese virus'

हालाँकि, इस बात में कोई संदेह नहीं है कि वायरस का जन्म चीन में ही हुआ, लेकिन फिर भी चीन की कम्युनिस्ट पार्टी और चीन के समर्थक इससे चीन का नाम जुड़ते ही आपत्ति जताते हैं।

Harsha Bhogle calls Covid-19 'Chinese virus'

ऐसे में मंगलवार (6 जुलाई, 2021) को जब हर्षा भोगले ने अपना ट्वीट किया तो कुछ लोगों ने उन्हें संघी कहा जबकि सच ये है कि पहली बार ये शब्द अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस्तेमाल किया था।

एक यूजर ने उन्हें ‘संघी भक्त’ कहा और उनकी टिप्पणी देखकर अपनी निराशा जताई।

कुछ लोगों ने बेहद नरमी से भोगले से अपील की कि वह कोरोना वायरस के लिए चीनी वायरस शब्द का प्रयोग न करें।

उनके ट्वीट के नीचे कमेंट देखकर पता चलता है कि कोरोना वायरस को चीनी वायरस कहने से कई लोग उनसे न केवल नाराज हैं बल्कि उनकी तुलना डोनाल्ड ट्रंप से कर रहे हैं। साथ ही जीनोफोबिक होने से बचने की सलाह दे रहे हैं।

इस बीच बहुत सारे लोग ऐसे भी है जो वायरस का सही नाम लिखने पर उनकी सराहना कर रहे हैं और ये भी कह रहे हैं कि लोगों की टिप्पणियों से तंग आकर वह अपना ट्वीट डिलीट न करें।

वहीं स्वयं कमेंटेटर हर्षा भोगले ने भी अपने ट्वीट पर होते विरोध को देखकर ट्रोल करने वालों को करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा, “मैंने दक्षिण अफ्रीकी वैरिएंट, ब्राजील वैरिएंट और भारतीय वैरिएंट के इस्तेमाल पर ध्यान दिया। मुझे लगा ये एक आम बात है कि हम किसी चीज का उल्लेख उसके मूल देश के नाम से कर सकते हैं।”

उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति पर बहुत डिबेट हुए है। अंतत: कई लोगों द्वारा यह माना गया कि वायरस वुहान लैब से निकला जहाँ उसे वैज्ञानिकों ने बनाया था। जाहिर सी बात है ऐसे घातक संक्रमण की उतपत्ति पर चीन अपना नाम क्यों लेगा। इसलिए उसने उन लोगों को नस्लवादी बता दिया जिन्होंने कोरोना वायरस से उसका लिंक किया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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