Wednesday, March 26, 2025
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होली का जश्न मना रहे हिंदुओं ने मस्जिद पर किया ‘हमला’: रत्नागिरी का जो Video दिखा प्रलाप कर रहे जुबैर-ओवैसी जैसे इस्लामवादी, उसकी हकीकत महाराष्ट्र पुलिस ने बताई

अल्टन्यूज के मोहम्मद जुबैर ने कहा कि नेशनल मीडिया हमेशा ऐसी बातों को नजरअंदाज करता है या सही ठहराता है।

महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले में होली के मौके पर गुरुवार (13 मार्च 2025) को एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस वीडियो में कुछ हिंदू लोग मस्जिद के गेट के पास एक लकड़ी का तना लिए दिखे। इसको लेकर मोहम्मद जुबैर, असदुद्दीन ओवैसी और कुछ इस्लामी ग्रुपों ने दावा किया कि हिंदुओं ने मस्जिद पर हमला किया। ऐसा सबकुछ होली के जश्न के दौरान हुआ।

अल्टन्यूज के मोहम्मद जुबैर ने ये वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “ये शर्मनाक वीडियो महाराष्ट्र के राजापुर कस्बे से निकलकर सामने आया है, जिसमें आप लोग देख सकते हैं कि होली के दौरान लोग शिमगा (लकड़ी का टुकड़ा) लेकर मस्जिद के पास पहुँचे और उसे गेट में 3-4 फीट तक घुसाने की कोशिश की, वो भी दो बार। कुछ लोग और पुलिस ने रोकने की कोशिश की, पर कामयाब नहीं हुए।” उसने ये भी कहा कि नेशनल मीडिया हमेशा ऐसी बातों को नजरअंदाज करता है या सही ठहराता है।

जुबैर के पोस्ट के बाद मकतूब मीडिया ने भी ये वीडियो शेयर कर दिया। मकतूब मीडिया अक्सर हिंदुओं को निशाना बनाने और मुस्लिमों के गुनाहों को छिपाने के लिए जाना जाता है।

फिर ऑब्जर्वर पोस्ट नाम का एक और इस्लामिस्ट ग्रुप भी पीछे नहीं रहा और उसने भी वही वीडियो शेयर किया।

इन सबके बाद असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट करके पूछा कि क्या कानून अपना रास्ता खुद बनाएगा। उसने कहा कि पुलिस के सामने मस्जिद पर हमला होना शर्मनाक है।

सोशल मीडिया पर इस्लामी कट्टरपंथियों ने हल्ला मचा दिया कि हिंदुओं की भीड़ ने मस्जिद को निशाना बनाया और ये मुस्लिमों पर जुल्म का सबूत है।

रत्नागिरी पुलिस ने सोशल मीडिया पर फैली अफवाहों को किया खारिज

हालाँकि रत्नागिरी पुलिस ने इन सारी बातों को साफ नकार दिया। पुलिस ने कहा कि मस्जिद में कोई जबरदस्ती घुसने की बात नहीं हुई, जैसा सोशल मीडिया पर कहा जा रहा था। जिसने ये गलत वीडियो सबसे पहले डाला, वो पोस्ट अब हट चुकी है। हाँ, कुछ लोग अभी भी गलत बातें फैला रहे हैं, पर उस पर पुलिस ने कुछ नहीं बोला। पुलिस ने बताया कि ये सब कोकण इलाके की पुरानी परंपरा का हिस्सा था, इसमें कुछ गलत नहीं हुआ।

‘The Hindu’ अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, ये सब बुधवार शाम 7:30 बजे जवाहर चौक में हुआ। वहाँ शिमगा का जुलूस निकला था, जिसमें ‘मडाची मिरवणूक’ नाम की रस्म होती है। ये जुलूस सखालकरवाडी से शुरू होकर 2 किलोमीटर दूर ढोपेश्वर मंदिर तक जाता है। रास्ते में मस्जिद की सीढ़ियों पर लकड़ी का गट्ठा (पेड़ का तना) कुछ देर रखा जाता है। पुलिस ने बताया कि कोकण की परंपराएँ अलग हैं।

SP धनंजय कुलकर्णी ने कहा कि इस रस्म में जुलूस मस्जिद की सीढ़ियों पर रुकता है और लकड़ी को गेट से छुआ जाता है। मुस्लिम लोग नारियल देकर इसका स्वागत करते हैं। उस रात कुछ नारेबाजी और हंगामा हुआ, जिसके लिए महाराष्ट्र पुलिस एक्ट की धारा 135 में FIR हुई। जाँच चल रही है। हालात शाँत हैं।

खास बात ये कि ‘The Hindu’ ने लिखा कि वहां के मुस्लिमों ने भी इसे परंपरा माना। एक स्थानीय मुस्लिम ने कहा कि हर पाँच साल में होली के वक्त ये जुलूस निकलता है और मस्जिद की सीढ़ियों पर रुकता है। ये नीना देवी की पूजा के लिए होता है। हाँ, उसने ये भी कहा कि इस बार लकड़ी को गेट में ठोका गया, पर पुलिस ने इसे गलत बताया। पुलिस ने साफ किया कि कोई हमला नहीं हुआ, ये बस एक रिवाज था। गलत वीडियो फैलाने की कोशिश हुई, पर सच सामने आ गया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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