Friday, March 29, 2024
Homeसोशल ट्रेंडमेजर ध्यानचंद खेल रत्न दुर्भाग्यपूर्ण... राजीव गाँधी देश के नायक थे, रहेंगे: लगभग रो...

मेजर ध्यानचंद खेल रत्न दुर्भाग्यपूर्ण… राजीव गाँधी देश के नायक थे, रहेंगे: लगभग रो दिए कॉन्ग्रेसी सांसद, राहुल गाँधी चुप

"यह दुर्भाग्यपूर्ण है। राजीव गाँधी ने 21वीं सदी में देश का नेतृत्व किया। उन्होंने खेल, युवाओं को प्रोत्साहित किया... राजीव गाँधी जी इस देश के नायक थे, नायक रहेंगे।''

नरेंद्र मोदी सरकार ने शुक्रवार (6 अगस्त) को राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड कर दिया। इसको लेकर जहाँ केरल के कॉन्ग्रेस सांसद के सुरेश ने आपत्ति जताई है, वहीं राहुल गाँधी इस पर प्रतिक्रिया देने से बचते नजर आए। पत्रकारों ने आज राहुल गाँधी से राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद के नाम पर करने को लेकर सवाल किया तो पूर्व कॉन्ग्रेस अध्यक्ष बिना कुछ बोले ही वहाँ से निकल गए। जबकि कॉन्ग्रेस सांसद सुरेश ने इसका विरोध करते हुए कहा, ”राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड करना दुर्भाग्यपूर्ण है।”

उनके अलावा कॉन्ग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भी शुक्रवार को इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, ”मेजर ध्यानचंद जी का नाम अगर भाजपा और पीएम मोदी अपने राजनीतिक उद्देश्यों के लिए न घसीटते तो अच्छा था। राजीव गाँधी जी इस देश के नायक थे, नायक रहेंगे। राजीव गाँधीजी पुरस्कारों से नहीं, अपनी शहादत, अपने विचारों और आधुनिक भारत के निर्माता के तौर पर जाने जाते हैं।”

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, के सुरेश ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है। राजीव गाँधी प्रधानमंत्री थे। उन्होंने 21वीं सदी में देश का नेतृत्व किया। उन्होंने खेल, युवाओं को प्रोत्साहित किया। यह सरकार भगवाकरण करना चाहती है और इसलिए उन्होंने नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड कर दिया।

इसको लेकर कॉन्ग्रेस नेता सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर आ गए हैं। रामेश्वर आर्या नाम के यूजर ने लिखा, ”मेजर ध्यानचंद हॉकी के जादूगर थे, लेकिन राजीव गाँधी ने इस देश को सिख विरोधी दंगे दिए, भोपाल गैस त्रासदी करने वाले एंडरसन को भगाया, बोफोर्स घोटाला किया और खेल-खेल में पप्पू नमूना दिया, जिससे आज पूरा देश खेल रहा है। मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार नाम के लिए धन्यवाद मोदी जी।”

सुमित कुमार नाम के यूजर्स ने लिखा, ”सुन्नी गाँधी सांसद घेरने में लगा है और चमचे ट्रेंड ट्रेंड खेलने में इधर मोदी जी ने कॉन्ग्रेस के अस्तित्व का एक हिस्सा और गायब कर दिया।”

एक अन्य यूजर ​ने लिखा, ”तो इस महान शख्स के अनुसार ध्यानचंद जी आरएसएस के सदस्य थे और वैसे क्या योगदान था राजीव जी का खेलों के लिए? अपने नाम से पुरस्कार कर देना खेलों को बढ़ावा देना होता है क्या? ये कॉन्ग्रेसी पहले भी गुलाम थे आज भी मानसिकता से गाँधी परिवार के गुलाम ही हैं।”

एक और यूजर ने राहुल गाँधी को टैग करते हुए लिखा, ”राजीव गाँधी का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद करना भगवाकरण है? कॉन्ग्रेस सांसद की ऐसी अतार्किक टिप्पणी! कोई आश्चर्य नहीं कि उनके नेता ग्लोबल यूथ लीडर हैं।”

गौरतलब है कि केंद्र की मोदी सरकार ने शुक्रवार (6 अगस्त 2021) को खेल से जुड़ा बड़ा फैसला लिया। उन्होंने ट्वीट किया, ”मेजर ध्यानचंद के नाम पर खेल रत्न पुरस्कार का नाम रखने के लिए देशभर से नागरिकों का अनुरोध मिला है। मैं उनके विचारों के लिए उनका धन्यवाद करता हूँ। उनकी भावना का सम्मान करते हुए, खेल रत्न पुरस्कार को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार कहा जाएगा! जय हिंद!”

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

अतीक की तरह ही फरार है मुख्तार अंसारी की भी बीवी, शौहर की मौत के बाद भी कोई अता-पता नहीं: अफ़्शाँ पर दर्ज हैं...

मुख़्तार अंसारी की बीवी का कोई अता-पता नहीं है। उस पर पुलिस ने 75,000 रुपए का इनाम भी रखा हुआ है। उस पर 13 मुकदमे दर्ज हैं, गैंगस्टर एक्ट का भी मामला चल रहा है।

‘प्यार से डिनर कराया, दोनों मेड फॉर कैमरा आदमी’: जब मुख्तार-अतीक ‘साहब’ के ‘तहजीब’ पर मर मिटे थे राजदीप सरदेसाई, तंदूरी चिकन का स्वाद...

दोनों गैंगस्टरों के बारे में पूछने पर जहाँ हर कोई इनके दहशत की कहानियाँ सुनाता है तो वहीं राजदीप सरदेसाई को इनके यहाँ का चिकेन याद आता है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
418,000SubscribersSubscribe