ऋषि कपूर और इरफान खान की मौत की खबरों के बीच भी कट्टरपंथी मुस्लिमों के साथ-साथ सोशल मीडिया के वाम-उदारवादियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी अपनी घृणा का निशाना बनाया है। कल ही बॉलीवुड अभिनेता इरफान खान की मौत की खबर के बाद कुछ लोगों को यह भी लिखते हुए देखा गया कि इरफान खान की जगह अक्षय कुमार को होना चाहिए था।
आज सुबह ही ऋषि कपूर की कैंसर से हुई मौत की खबरों के बाद सोशल मीडिया पर मोदी-विरोधियों ने अपनी घृणा को नया स्तर देते हुए लिखा कि ऋषि कपूर की जगह उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौत की खबरों का इंतजार है। खास बात यह है कि इस तरह के ‘मज़ाक’ करने वालों में अधिकतर नाम मुस्लिम हैं।
वास्तव में इन लोगों ने यही साबित करने का प्रयास किया है कि इनके लिए किसी भी व्यक्ति की मौत सिर्फ और सिर्फ उनके निजी प्रोपेगेंडा को सफल बनाने का अवसर मात्र है।
प्रोपेगेंडा चैनल NDTV की पत्रकार निधि राजदान ने अभिनेता ऋषि कपूर की मौत की खबर पर दुख व्यक्त करते हुए एक ट्वीट किया, जिसके जवाब में सैयद आतिब बुख़ारी नाम के ट्विटर हैंडल ने लिखा – “अब मोदी का इंतजार है”
That Kashmiri Guy नाम के ट्विटर हैंडल ने लिखा है -“ईश्वर हमें इरफान खान और ऋषि कपूर दे दे और इसके बदले में मोदी को ले ले।”
मुस्लिमों ने मोदी को हर उस ट्वीट में अपनी नफरत का निशाना बनाया है, जहाँ-जहाँ पर लोग ऋषि कपूर की मृत्यु पर अपनी संवेदनाएँ प्रकट कर रहे थे।
दिल्ली निवासी (ट्विटर पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार) बुरहान ने ऋषि कपूर की मृत्यु पर किए गए एक ट्वीट को शेयर करते हुए लिखा है – “नरेंद्र मोदी को भी ले जाओ, वो भी अच्छा कलाकार है।”
ज्ञात हो कि कल ही रचिता तनेजा नामक कॉमिक आर्टिस्ट ने इरफान खान की मृत्यु की खबर सुनने के बाद ट्विटर पर शोक जताते हुए लिखा, “अक्षय कुमार को ले लो और हमें इरफान खान वापस दे दो।”
वास्तव में सोशल मीडिया पर अक्सर यह देखा गया है कि केंद्र सरकार का समर्थन करने वाले लोगों और तार्किक बातें करने वालों को ही लेफ्ट-लिबरल गिरोह के द्वारा निशाना बनाया जाता है। इस द्वैष के पीछे मुख्य मकसद सत्ता का विरोध से लेकर उन लोगों को खुश करना होता है, जो कि इस तरह की बातें सुनना पसन्द करते हैं।