Friday, May 10, 2024

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95% सफल रहा Chandrayaan-2 मिशन, ऑर्बिटर चंद्रमा की कक्षा में सुरक्षित, लगा रहा चक्कर

"978 करोड़ रुपए के लागत वाले चंद्रयान-2 मिशन का सब कुछ समाप्त नहीं हुआ है। मिशन को सिर्फ लैंडर विक्रम और प्रज्ञान रोवर का नुकसान हुआ है, जबकि अंतरिक्ष यान का तीसरा खंड ऑर्बिटर अब भी चंद्रमा की कक्षा में चक्कर लगा रहा है।"

चंद्रयान-2: हम वहाँ जा रहे हैं, जहाँ कोई नहीं जाता, ISRO प्रमुख के शिवन का बयान, जानिए पूरा मिशन

इसरो ने उम्मीद जताई है कि चन्द्रमा पर होने वाले अभियानों में तो आमूलचूल परिवर्तन लाएगा ही, साथ ही अंतरिक्ष की सीमाओं को नापने में भी इसका योगदान होगा।

चंद्रमा की कक्षा में चंद्रयान-2: दो सितंबर को अगली परीक्षा, 7 को साउथ पोल पर उतरेगा

चाँद की कक्षा में आने के बाद चंद्रयान-2 चाँद की चार कक्षाओं से होकर गुजरेगा, जिसके बाद यह चाँद की अंतिम कक्षा में दक्षिणी ध्रुव पर करीब 100 किमी ऊपर से गुजरेगा। इसी दौरान 2 सितंबर को यान का विक्रम लैंडर ऑर्बिटर से अलग हो जाएगा।

Chandrayaan-2: भारत ने रचा इतिहास, अग्रणी चार देशों में शामिल

चंद्रयान-2 के लॉन्च होते ही, हमारी यह ऐतिहासिक यात्रा शुरू हो चुकी है। आज भारत विश्व पटल पर ऐसे मिशन को अंजाम देने वाले अग्रणी देशों की श्रेणी में आ गया है। भारत चंद्रयान-2 मिशन की लॉन्चिंग के साथ वैश्विक पटल पर चाँद पर ऐतिहासिक मिशन भेजने वालों में चौथा देश बन चुका है।

हाँ, प्रतीक सिन्हा! चंद्रयान 2 की लॉन्चिंग से पहले ISRO अध्यक्ष फिर पूजा करेंगे

यह सही है कि विज्ञान प्रमाण और सबूतों पर आधारित होता है। आम तौर पर कहा जाता है कि मंदिर के अनुष्ठानों की प्रकृति के बारे में सबूत अपर्याप्त हैं। हो सकता है कि उनका ये कहना सही हो कि लॉन्च से पहले मंदिर में जाना एक 'अवैज्ञानिक परंपरा' है, लेकिन ऐसा करने में हर्ज ही क्या है? इससे इतने सारे लोग परेशान क्यों हैं?

चाँद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर उतारने वाला पहला देश बनेगा भारत: चंद्रयान-2 के लिए उल्टी गिनती शुरू

भारत एक और बड़ी उपलब्धि हासिल करने जा रहा है। भारत चाँद के दक्षिणी ध्रुव पर अपना यान उतारने वाला पहला राष्ट्र बन जाएगा। यह यान 16 दिनों तक पृथ्वी की परिक्रमा करते हुए चाँद की तरफ बढ़ेगा। इस दौरान चंद्रयान की अधिकतम गति 10 किलोमीटर प्रति सेकंड होगी।

अंतरिक्ष में भारत का नया लक्ष्य: 2030 तक होगा अपना स्पेस स्टेशन

फ़िलहाल इसरो का ध्यान चंद्रयान-2 पर है, जिसे 15 जुलाई को उड़ान भरनी है। यह चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने का प्रयास करेगा, जो कि अब तक मानव द्वारा अनछुआ है।

UPA-2 ने चुनावी लाभ के लिए टाला था चंद्रयान-2 मिशन: पूर्व इसरो प्रमुख

यह पहली बार नहीं है जब कॉन्ग्रेस ने चुनावी लाभ के राष्ट्रीय हितों से समझौता करते हुए महज चुनावी लाभ के संस्थाओं को अपने तरीके से चलाया है। यहाँ भी यह साबित हो रहा है कि संस्थाओं की कार्यशैली में जितना हस्तक्षेप कर देश की तरक्की को नुकसान पहुँचाया है उतना किसी ने नहीं।

RISAT-2B: आतंकियों पर नजर के लिए तीसरी आँख, ISRO की बड़ी कामयाबी

इस उपग्रह की खूबी है - सिंथेटिक अपर्चर रडार (synthetic aperture radar) - जिसके कारण यह किसी भी मौसम में काम करता रहेगा, निगरानी रखता रहेगा। RISAT-2B में पूर्णतः स्वदेशी विक्रम प्रोसेसर लगा हुआ है।

20cm तक ज़ूम करके दुश्मन पर नज़र रखेगी भारतीय सेना, 5 और सैन्य उपग्रह किया जाएगा लॉन्च

कार्टोसैट-3 एक उन्नत उपग्रह है। इसमें 0.2 मीटर (20 सेमी) के रिज़ॉल्यूशन को ज़ूम करने की क्षमता है। इस क्षमता को दुनिया में सबसे अच्छा माना जाता है। इससे बंदूक या दुश्मन के बंकर में मौजूद हर छोटी से छोटी वस्तुओं को स्पष्ट देखा जा सकेगा।

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