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कुम्भ मेला
‘दलित’ महामंडलेश्वर कन्हैया प्रभुनंद गिरि ने धर्मान्तरित दलितों से घर वापसी की अपील की
जूना अखाड़े में बड़ी संख्या में दलित जाति के पुरुष और महिला संत पहले से हैं। इनमें से आठ को महामंडलेश्वर की उपाधि भी दी गई है। जिनमें पाँच पुरुष और तीन महिला महामंडलेश्वर हैं।
कुम्भ 2019: अखाड़ों की परंपरा और जटाएँ
अखाड़ो की परंपरा अपनी विशिष्टता, भव्यता और रोचकता के कारण हमेशा से जनमानस में कौतूहल, जिज्ञासा का विषय रहे हैं।
फ़ोटो फ़ीचर: भारतीय संस्कृति की थाती समेटे ‘संस्कृति ग्राम’ व ‘संस्कृति कुम्भ’ का वर्चुअल टूर
लोक संस्कृति की मनोरम झाँकियाँ देखनी हो, लोकगीतों की ताल पर झूमना हो तो पधारिए 'संस्कृति कुम्भ' जो अपनी पूरी भव्यता के साथ प्राचीन से नवीन भारत की तमाम खूबियों को समेटे आपकी राह देख रहा है।
भव्य और सुरक्षित कुम्भ पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सीधी नज़र
1954 में मेले की तैयारियों के लिए एक उच्च स्तरीय कमिटी बनाई गई थी। मेले की हर जानकारी सीधे पुलिस हेडक्वॉर्टर को भेजी जाती थी। इसके बाद वहाँ से ये सारी जानकारी पीएम नेहरू को भेजी जाती थी। फिर भी उस साल के कुम्भ में मची भगदड़ में कई लोग हताहत हुए थे।
कुम्भ 2019: कब और क्या? इतिहास, ज्योतिष और वर्त्तमान पर एक नज़र
हिंदू धर्म में मान्यता है कि किसी भी कुम्भ मेले में पवित्र नदी में स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं और मनुष्य जन्म-पुनर्जन्म के चक्कर से मुक्त होकर मोक्ष को प्राप्त हो जाता है।
कुम्भ 2019: व्यापक है सुरक्षा के इन्तज़ाम
जहाँ करोड़ों लोगों का जमावड़ा हो वहाँ सुरक्षा सर्वोपरी हो जाती है। संगमनगरी प्रयागराज में लगने जा रहे कुम्भ मेले में इस बार सुरक्षा के बेहद सख़्त इन्तज़ाम किए गए हैं।
फोटो फ़ीचर: कुम्भ 2019 – परम्परा और आधुनिकता का अनोखा संगम
भारत का विश्व प्रसिद्ध कुम्भ मेला सनातन परम्परा का ही जीवन्त प्रमाण है। साथ ही परम्परा में आधुनिकता का अद्भुत संगम भी।
फोटो फ़ीचर: कुम्भ का भव्य आकर्षण ‘संस्कृति ग्राम’
‘संस्कृति ग्राम’ का आयोजन देश दुनिया को कुम्भ की ऐतिहासिकता और महत्ता से परिचित कराने के लिए किया जा रहा है।