Wednesday, April 17, 2024

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पत्रकारिता का समुदाय विशेष

मेरी सहेली का बॉयफ़्रेंड संघी, इसलिए शादी-बर्थडे में नहीं बुलाई: दुःखी हैं The Print की स्तम्भकार!

"मेरी 10 साल से ज्यादा दोस्त रह चुकी लड़की ने, जो उच्च-मध्यम वर्ग की थी, अपने बर्थडे की पार्टी में नहीं बुलाया क्योंकि उसके नए-नए बने 'संघी' बॉयफ्रेंड को मुस्लिम पसंद नहीं। मेरे दोस्त ने खुद यह कबूल किया। उस दोस्त ने शादी में भी नहीं बुलाया।"

मेरे बाप को मार डाला, लाखों की रोजी-रोटी-बिजनेस छीन ली… आपको दोस्त की चिंता है राजदीप? – बॉलीवुड एक्टर

राजदीप सरदेसाई ने कश्मीर में सरकारी गतिविधियों पर आपत्ति जताते हुए कहा कि गैर-स्थानीय निवासियों को घाटी छोड़ देने की सरकारी सलाह से उनके होटल मालिक मित्र का बिज़नेस चौपट हो गया है।

मेरी बात को तोड़ा-मरोड़ा: पीवी सिंधु ने TOI को लताड़ा

सिंधु के अनुसार उन्होंने कहा था कि एथलीट होने के नाते (ऐसी प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में) वह हिस्सा अवश्य लेना चाहतीं हैं, लेकिन साथ में यह भी जोड़ा था कि ऐसा देश की कीमत पर नहीं होगा। वह IOA और सरकार के हर फैसले के साथ हैं।

इंडियन एक्सप्रेस ने दिया सड़क पर हुई मारपीट को साम्प्रदायिक रंग, क्योंकि पिटने वाला मुस्लिम था

यह समझ पाना मुश्किल है कि इंडियन एक्सप्रेस ने इसमें साम्प्रदायिकता का एंगल कैसे तलाश लिया? ऑपइंडिया ने जब दहेज पुलिस स्टेशन में फ़ोन किया तो वहाँ के पुलिस अफसर ने घटना में साम्प्रदायिकता का पुट होने से इंकार किया। बकौल पुलिस, यह रोड रेज की घटना थी और अज्ञात हमलावरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

‘द वायर’ वालो, JNU-छाप माओवंशी वामभक्तों के ज़हर को छाप कर कब तक दुकान चलाओगे?

जेएनयू ने ईमानदार विचारक और बौद्धिक कम, बौद्धिकता और विचारधारा को हथियार बनाकर एक्टिविज़्म करने वाले एक्टिविस्ट, यानी नक्सली आतंकी, ज़्यादा तैयार किए हैं।

‘जय श्री राम नहीं बोले तो हमको मारा’ – वो 10 घटनाएँ जिनके सहारे ‘लिबरल मीडिया’ ने चलाया प्रोपेगेंडा

ऐसे आरोपों के उफनने का एक कारण यह है कि लिबरल गैंग के पास हिन्दुओं के खिलाफ बोलने के लिए और कोई आधार नहीं बचा है। न ही कोई हनुमान चालीसा पढ़ते हुए छाती पर बम बाँधकर धमाके कर रहा है, न ही ‘जय श्री राम’ बोलकर कहीं 26/11, 9/11 जैसे हमले कर रहा है।

फैक्ट-चेक: कुत्ते-गाय में नवभारत टाइम्स के पत्रकार ने लगाया हिन्दू-मुस्लिम ‘एंगल’

ट्विटर पर नवभारत टाइम्स के पत्रकार नरेंद्र नाथ मिश्रा ने कहा कि हिन्दू "मुस्लिम के कुत्ते" की अफ़वाह सुनकर बवाल काटने लगे और बाद में कुत्ते का मालिक हिन्दू निकलने पर शांत हो गए। अपने दावे के समर्थन में उन्होंने न कोई सबूत दिया और न ही गलती मानी।

सागरिका हम समझते हैं, कुंठा छिपाने और अपनी किताब बेचने का यह तरीका पुराना है

सागरिका युद्धों के बारे में अपनी जानकारी को थल सेना के एक अधिकारी से ज्यादा सिद्ध करने की मूर्खतापूर्ण कोशिश में लगी रही। ये अलग बात है कि युद्धों का उनका कुल अनुभव शून्य ही होगा। हाँ, उनके पति महोदय का न्यूयॉर्क में कुछ नागरिकों से हाथापाई का अनुभव जरूर है।

मैं पंडित, सब अज्ञानी: सागरिका घोष ने सैन्य अधिकारी को कहा ‘मूर्ख’

सागरिका जैसे लोग मानते हैं कि वे सेना के बारे में उन लोगों से ज्यादा जानती हैं जिन्होंने वतन के लिए मरने-मिटने की कसम खाई है। जब सागरिका घोष के पास तर्क खत्म हो गए तो वह बदतमीज़ी पर उतर आईं।

The Print वालों, रोना बंद करो- हिन्दुओं की हालत ‘शांतिप्रियों’ से बदतर है तुम्हारे ‘सेक्युलर’ राज में

फातिमा सरकारी मशीनरी की बात करना चाहतीं हैं? जिस सरकारी मशीनरी को वह महज़ दो घटनाओं के चलते अपनी पूरी कौम के खिलाफ खड़ा मान रहीं हैं, वही मशीनरी सबरीमाला, तिरुपति बालाजी समेत हिन्दुओं के हज़ारों मंदिरों को निगल चुकी है। RTE का बोझ केवल हिन्दू शैक्षिक संस्थान उठा रहे हैं- मुस्लिमों के मदरसे इससे आज़ाद हैं।

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