Sunday, May 26, 2024

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पत्रकारिता का समुदाय विशेष

NDTV के प्रणय रॉय, राधिका रॉय, विक्रम चंद्रा पर साज़िश, धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार का मामला: पढ़ें नए FIR में क्या है

NDTV: आरोप है कि NNPLC को FIPB बोर्ड की मंजूरी उस समय के FDI प्रावधानों को ताक पर रखकर दी गई। प्रणय रॉय, राधिका रॉय और विक्रम चंद्रा पर मुकदमा IPC की धारा 120-B, 420, और भ्रष्टाचार-निरोधी अधिनियम, 1988 की धारा 13(1) और 13(2) के अंतर्गत दर्ज किया गया है।

‘मुस्लिम गुंडे नहाते समय मेरी माँ को घूरते’ – पीड़ित से The Wire के पत्रकार ने पूछा – तुम्हें बजरंग दल ने सिखाया?

द वायर' का पत्रकार यह जानना चाहता था कि क्या पीड़ित ने बजरंग दल के कहने पर पुलिस में मामला दर्ज कराया है? हालाँकि, पीड़ित ने पत्रकार द्वारा बार-बार बात घुमाने के बाद भी अपने बयान पर कायम रहते हुए बताया कि पुलिस को उसने जो बयान दिया है, वह उसका ख़ुद का है।

कश्मीर पर The Wire की कवरेज घटिया हिन्दूफ़ोबिक प्रोपेगंडा के अलावा कुछ नहीं है

वायर की पूरी कश्मीर रिपोर्टिंग केवल और केवल झूठ और प्रोपेगंडा पर ही आधारित है। यही नहीं, इसका मकसद भी केवल भारत की बुराई नहीं, बल्कि 'हिन्दू फ़ासीवाद', 'डरा हुआ मुसलमान' के दुष्प्रचार से हिन्दुओं को बदनाम करने के साथ दबाए रखना, और 'इस्लाम खतरे में है' के हौव्वे को भड़काकर जिहाद को बढ़ावा देना है।

The Wire को भारत की हर चीज़ से दिक्कत है, चाहे वो झंडा हो, मंगलयान हो, या ISRO पर फिल्म हो

मज़े की बात यह कि 2001 में संघ के मुख्यालय पर तिरंगा फ़हराए जाने पर तालियाँ पीटने वाला वायर कश्मीर में तिरंगे की सम्प्रभुता पर उसी साँस में सवाल खड़े कर रहा है! दोगलेपन की ऐसी सानी मिलना मुश्किल है।

Article 370: BBC के लिए कश्मीर पर अब सिर्फ यूगांडा-लोसोटो से ही बयान लेना बाकी

मीडिया के इस ख़ास वर्ग का दर्द यह है कि इतना बड़ा ऐतिहासिक फैसला बिना किसी हिंसा और संघर्ष के इतने शानदार होम वर्क के साथ आखिर कैसे सम्भव हो गया? बुद्धिपीड़ितों को तो अभी भी यह उम्मीद है कि काश कहीं तो कुछ खूनखराबा हो, ताकि सरकार के निर्णय पर प्रश्नचिन्ह लगाया जा सके।

फेक न्यूज़ की रानी: पुराने माल के सहारे सेना और कश्मीर को बदनाम कर रही सागरिका घोष

इसमें यह तो बताया गया है कि सेना और पुलिस वाले कश्मीरियों की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए गुलेल से पत्थर, काँच की गोलियाँ और मिर्ची पाउडर इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन यह नहीं बताया जाता है कि भीड़ कोई शांतिपूर्ण गाँधी बाबा के चेलों की नहीं बल्कि हिंसक, पत्थरबाज जिहादियों की थी....

शोभा डे और बिकाऊ मीडिया: जब गुलाम नबी ने खड़ी की थी किराए की कलमों (गद्दार, देशद्रोही पत्रकार) की फौज

81 पैराग्राफ के कबूलनामे में गुलाम नबी ने अपने कई अपराध कबूल किए थे। मुक़दमे के दौरान अदालत में सिद्ध हुआ था कि अपराधी (गुलाम नबी) न सिर्फ वक्ताओं की लिस्ट ISI से लेता था, बल्कि वो क्या बोलेंगे, ये भी इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ़ पाकिस्तान की गुप्तचर संस्था, आईएसआई ही तय करती थी।

अज्ञात कंपनी ने NDTV को दिया ‘सबसे विश्वसनीय’ का अवार्ड, लोगों ने कहा सस्ते अवार्ड ख़रीदने जितना ही पैसा बचा है अब

NDTV खुद अपने अलावा और किसी को यह धोखा नहीं दे रहा कि ऐसे संदिग्ध संस्थान से कोई अवॉर्ड लेकर और उसपर इतरा कर उसने अपनी खोई हुई विश्वसनीयता को वापिस हासिल कर लिया है।

ये रिश्ता क्या कहलाता है: बरखा दत्त के ट्वीट्स से हिन्दुस्तान को अमानवीय-हिंसक बता रहा PAK

पाकिस्तान के Addl IGP डॉ. जमील अहमद ने 'बेचारे कश्मीरियों के मानवाधिकार का हनन' के अपने प्रोपगेंडा को हवा देने के लिए हिन्दुस्तान की सरकार को 'अमानवीय' करार देने वाले बरखा दत्त के ट्वीट को शेयर किया है। यह प्रोपगेंडा भारत के खिलाफ पाकिस्तान वर्षों से चला रहा है और बरखा के बयान कई मौकों पर उनके काम आए हैं।

‘The Wire’ ने J&K के कई हिस्सों को बताया ‘भारत के कब्जे वाला क्षेत्र’, Pak का भी यही रुख

जब भारत सरकार का रुख साफ़ है कि पूरा का पूरा जम्मू कश्मीर देश का अभिन्न अंग है और यह हमारा आंतरिक मुद्दा है, ऐसे में इन प्रोपेगेंडा पोर्टल्स द्वारा पाकिस्तानी अजेंडे को आगे बढ़ाना कहाँ तक उचित है?

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