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दिगंबर के लिए ‘उत्तम क्षमा’ तो श्वेताम्बर कहेंगे ‘मिच्छामि दुक्कड़म्’: जानिए क्या है मानवीय विकृतियों पर विजय का महापर्व पर्युषण
पर्युषण पर्व जहाँ श्वेतांबर के लिए 8 दिन का होता है वहीं दिगंबर 10 दिन तक मनाते हैं। जिसे 'दसलक्षण' कहते हैं। ये दसलक्षण हैं- क्षमा, मार्दव, आर्जव, शौच, सत्य, संयम, तप, त्याग, आकिंचन एवं ब्रह्मचर्य।
श्रीकृष्ण: अतीत नहीं, भविष्य… जीवन को उसकी सम्पूर्णता में जीने वाला धर्म जिसकी सम्पूर्ण मानवता को जरूरत
कृष्ण का सम्पूर्ण जीवनवृत्त एक खेल है, बिना किसी परिणाम की चिंता किए अपनी पूर्णता में, पूरी तल्लीनता से किया गया एक कर्म।
CM उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र में जन्माष्टमी पर ‘दही हांडी’ को नहीं दी अनुमति, कहा- लोग कोरोना से बेहाल
महाराष्ट्र में इस साल दही हांडी का आयोजन नहीं होगा। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सोमवार (अगस्त 23, 2021) को एक बैठक में यह फैसला लिया।
‘बहन की गाली देने वाले आज त्योहार मना रहे’ – रक्षाबंधन पर गैंग (इस्लामी/फर्जी नारीवादी/वामपंथी) एक्टिव
होली-दिवाली के बाद रक्षाबंधन पर भी नारीवादी और इस्लामी गैंग एक्टिव। क्यों राखी भाई की कलाई पर ही बाँधी जाती है? ऐसे सवालों से...
बुरा न मानो होली है, जोगीरा सा रा रा : फागुन के गीत, जोगीरा, चैतावर और धमार, आज भूल रहे हैं लोग
होली है और होली में अगर कुछ मस्ती ना हो तो रंग कुछ फीका लगने लगेगा। तो आइए, पढ़िए और सुनिए कुछ खास जोगिरा… लेकिन हाँ, बुरा न मानिएगा, होली है।
मैनचेस्टर यूनाइटेड की होली की शुभकामनाओं पर भड़के लोग: ‘हिंदुओं’ को ‘Happy Holi’ कहने पर हुई आलोचना
मैनचेस्टर यूनाइटेड की इस पोस्ट के बाद एक बड़े वर्ग के द्वारा क्लब की यह कह कर आलोचना की गई कि होली केवल हिंदुओं का त्योहार नहीं है।
होली की धूम: देखें ब्रज से लेकर उज्जैन तक की मनोहारी छटा, पढ़ें PM मोदी, CM योगी सहित नेताओं ने रंगोत्सव पर क्या कहा
भारत भर में होली का त्योहार पूरे हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री समेत अन्य ने लोगों को शुभकामनाएँ दी।
भारत की विविधता, संस्कृति, लोक कला, साहित्य को समेटती होली: हर राज्य में उल्लास का अलग है रंग
जहाँ ब्रजधाम में राधा और कृष्ण के होली खेलने के वर्णन मिलते हैं वहीं अवध में राम और सीता के जैसे होली खेलें रघुवीरा अवध में। राजस्थान के अजमेर शहर में ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर गाई जाने वाली होली का विशेष रंग है।
उड़त गुलाल लाल भए अम्बर: माँ गौरा का गौना कराने निकले महादेव, काशी में जीवन के उत्सव का आगाज
रंगभरी एकादशी वैसे तो पूरे देश में मनाई जाती है, पर काशी जैसा उत्साह शायद ही कहीं दिखता है। रंग-गुलाल से सराबोर काशी की यह परंपरा 357 साल पुरानी है। आज से बुढ़वा मंगल तक अब हर तरफ बनारस में एक ही रंग दिखेगा और वह रंग है होली का।
बसंत सिर्फ ऋतु नहीं, ज्ञान की उपासना से लेकर काम और मोक्ष का जीवंत उत्सव भी है
बसंत, बसंत पंचमी, मदनोत्सव, सरस्वती पूजा, होली की शुरुआत, शमशान में मौत के तांडव पर भारी जीवन उत्सव- बसंत यह सब कुछ है।